शिमला: हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में कोरोना महामारी के चलते चौथा किडनी ट्रांसप्लांट अभी रुक गया है. एक या दो महीने के बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट होगा. किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आईजीएमसी प्रशासन तैयार था, लेकिन दिल्ली एम्स से किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अनुमति नहीं मिली है.
एम्स डाक्टरों की निगरानी में होंगे किडनी ट्रासप्लांट
बताया जा रहा है कि आईजीएमसी में किडनी ट्रासप्लांट एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में ही होंगे. दावा है कि 20 के करीब किडनी के ट्रासप्लांट होने हैं. जिसके बाद आईजीएमसी के डॉक्टर स्वयं ऑपरेशन करेंगे. जैसे-जैसे मरीज आईजीएमसी आएंगे वैसे ही एम्स डॉक्टर की टीम भी आती रहेगी.
किडनी ट्रासप्लांट के लिए चुकानी होगी कीमत
किडनी ट्रासप्लांट करने में 4 लाख रुपए से अधिक खर्च आता है, लेकिन आईजीएमसी में हुए पहले 3 किडनी ट्रासप्लांट का सारा खर्च सरकार ने ही वहन किया है. लेकिन अब मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सारा खर्च स्वयं ही चुकाना पडे़गा. हालांकि सरकार और प्रशासन ने इसपर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है.
किडनी के मरीजों के लिए कोरोना सबसे घातक
किडनी मरीजों के लिए कोरोना सबसे घातक है. अभी तक किडनी के बीमारी वाले कई मरीजों की मौत हो चुकी है. अभी भी प्रशासन ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहता है. ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट नहीं किया जा रहा है.
एम्स से अनुमति के बाद होगा चौथा किडनी ट्रांसप्लांट
आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा एक या दो महीने बाद ही शुरू होगी. कोरोना के कारण अभी किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहा है. एम्स से जैसे ही अनुमति मिलेगी उसके बाद चौथा किडनी का ट्रांसप्लांट किया जाएगा. प्रदेश सरकार के सहयोग से यह सुविधा प्रदेश के मरीजों को मिली है.
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