शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्क्रब टाइफस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. आईजीएमसी शिमला में रोजाना स्क्रब टाइफस के नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं आज शिमला के चौपाल की रहने वाले 27 वर्षीय युवती की मौत स्क्रब टाइफस से हो गई. इसी के साथ स्क्रब टाइफस से हुई मौत की संख्या 4 हो गई. वहीं, आज (शनिवार) को स्क्रब टाइफस के 12 मामले सामने आए हैं.
शनिवार को कुल 26 सैंपल की जांच की गई, जिनमें 12 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जबकि अभी तक स्क्रब टाइफस के कुल 647 सैंपल की जांच की जा चुकी है. इनमें 152 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. अभी तक स्क्रब टाइफस से 4 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. बरसात हो या फिर कोई भी सीजन ऊपरी शिमला शहर के आसपास के लोग, जिन्होंने घर में पशु रखे हुए हैं, उन्हें घास के लिए जंगलों में जाना पड़ रहा है. ऐसे लोगों के स्क्रब की चपेट में आने की ज्यादा आशंका रहती है.
आईजीएमसी में पीलिया के मामले: अस्पताल में शुक्रवार को पीलिया के तीन मरीजों के टेस्ट करवाया गया. इसमे एक मरीज संक्रमित पाया गया है. अस्पताल में अभी तक पीलिया के 207 टेस्ट हुए है. इसमें 84 मरीज संक्रमित है.
स्क्रब टाइफस के लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार आता है. जिमसें 104 से 105°F तक जा सकता है. स्क्रब टाइफस के लक्षण जोड़ों में दर्द, कंपकपी ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन अकड़न, शरीर का टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू और कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना इसके लक्षण है.
स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय: लोग सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लन और एजिथ्रोमाईसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरूआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है.
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