शिमला: राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान का अस्तित्व खतरे में है. रिज का एक हिस्सा पहले ही धंस चुका है. वहीं, अब टैंक में भी दरारें आ चुकी है, जिन्हें ठीक करने को लेकर नगर निगम एक्सपर्ट की राय ले रही है. इन दरारों से रिज मैदान को खतरे को लेकर एक्सपर्ट ने निगम को आगाह भी कर दिया है.
इसके बावजूद सरकार 27 दिसंबर को रिज मैदान पर दो साल का जश्न मनाने जा रही है. रिज मैदान पर 25 हजार से ज्यादा लोगों के रैली में शामिल होने की बात सरकार कर रही है. ऐसे में इस रिज मैदान को खतरा और भी बढ़ सकता है. रिज मैदान के टैंक को बचाने के लिए नगर निगम द्वारा पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज और आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों को बुलाया गया था, जिन्होंने टैंक में आई दरारों को जल्द भरने को लेकर नगर निगम को आगाह भी किया था.
नगर निगम इन दरारों को भरने के लिए टेंडर भी निकालने जा रहा है. इसके बावजूद रिज पर नगर निगम ने सरकार को रैली करने की अनुमति दे दी है. महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि रिज बिल्कुल सुरक्षित है और इसे किसी तरह का कोई खतरा नहीं है. सरकार को यहां रैली करने की अनुमति दे दी गई है और सरकार के दो सालों पर भव्य रैली का आयोजन किया जाएगा.
उधर, नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान ने सरकार से रिज मैदान पर रैली न करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 2016 में ही विशेषज्ञों की राय लेने के बाद आगाह कर दिया गया था. इस टैंक के ऊपरी हिस्सों में दरारें आई हैं, जिसको नगर निगम और सरकार भी मान चुकी है. इसके बावजूद सरकार इस रिज मैदान के अस्तित्व को मिटाने पर तुली है.
बता दें कि शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर अग्रेजों ने शहर में पानी मुहैया करवाने के लिए टैंक का निर्माण किया था. यहां से शहर के कई इलाकों में पानी की सप्लाई होती है. इस टैंक से शिमला शहर के लोअर बाजार, राम बाजार, लक्कड़ बाजार, मॉल रोड के साथ कई हिस्सों में पानी की सप्लाई होती है.
ये भी पढ़ें: तहबाजारी यूनियन ने नगर निगम के खिलाफ खोला मोर्चा, वेंडर एक्ट 2014 को लागू करने की मांग