रामपुर : हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Former Himachal Pradesh Chief Minister Virbhadra Singh) का निधन 8 जुलाई सुबह करीब 3.40 बजे शिमला स्थित आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital) में हुआ. जिसके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Former CM Virbhadra Singh) का पार्थिव शरीर रामपुर बुशहर (Rampur Bushhar) उनेक पैतृक घर लाया गया. वहीं, रामपुर के जोगनी बाग में वीरभद्र सिंह का पार्थिव शरीर पिछले शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया.
पैतृक घर रामपुर बुशहर में राजा वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार (funeral) पूरे पारंपरिक विधि-विधान के साथ किया गया. उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. एक खास तरह के 'बमाण' में उनका शव पदम पैलेस से श्मशाम घाट लाया गया. शेरों के 12 मुखी इस 'बमाण' को बनाने में कारीगरों को दो दिन का वक्त लगा. बमाण पर खासतौर पर नक्काशी कर इसे सजाया गया.
बता दें कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की अस्थियां सोमवार सुबह जोगनी बाग से लाई जाएगी. इस दौरान घर का सदस्य, पंडित व अन्य लोग मौके पर मौजूद रहेंगे. जोबनी बाग से कलश के माध्यम से अस्थियां व राख पदम पैलेस में लाई जाएगी. पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के अस्थियों के विसर्जन का कार्य 17 जुलाई तक पूरा किया जाएगा. वरिष्ठ नागरिक आत्माराम केदारटा ने बताया कि दो स्थानों पर राजा वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) की अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी. हरिद्वार (Haridwar) व लाहौल स्पीति (Lahaul Spiti) के चंद्रभागा नदी में घर के सदस्य अस्थि विसर्जन करेंगे.
इसी दिन प्रदेश के 72 ब्लॉकों में अस्थि विसर्जन कार्यक्रम रखा गया है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 72 ब्लॉक मौजूद है इन सभी ब्लॉकों में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की राख का प्रवाह किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसको लेकर पहले आपस में चर्चा की जाएगी और इसके बाद विभिन्न ब्लॉकों के लिए राख भेजी जाएगी व ब्लॉक के कार्यकर्ता स्वयं यहां पर आकर राख ले जाएंगे. ब्लॉक स्तर पर ही पवित्र नदियों में अस्थि विसर्जन किया जाएगा.
18 जुलाई को रामपुर स्थित पदम पैलेस में शुद्धि कार्यक्रम रखा गया है. वहीं, आत्माराम केदारटा ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Former Prime Minister Jawaharlal Nehru) व इंदिरा गांधी के राख का भी प्रवाह इसी तरह विभिन्न राज्य में किया गया था.
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