शिमला: पौंग झील में सैंकड़ों प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है. वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा है कि मामले में वन्य प्राणी प्रभाग जांच कर रहा है और विभिन्न संस्थानों को भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पठानिया ने कहा कि सैंकड़ों प्रवासी पक्षियों की मौत एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसके कारणों का शीघ्र पता लगाने के लिए उन्होंने वन्य प्राणी प्रभाग के उच्च अधिकारियों से ब्यौरा मांगा है. अधिकारियों को घटना स्थल पर जाकर पक्षियों की मौत के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं.
पक्षियों के शरीर में किसी भी प्रकार के जहर की पुष्टि नहीं हुई है
उप-अरण्यपाल, वन्य प्राणी हमीरपुर ने कहा है कि धनेटा वन परिक्षेत्र के फतेहपुर क्षेत्र में चार बार हैडिड बत्तखों और एक कॉमन टील की मौत की जानकारी फील्ड स्टाफ से मिलने के बाद फतेहपुर के पशु चिकित्सक ने इनका पोस्टमार्टम किया और प्रारम्भिक रिपोर्ट में पक्षियों के शरीर में किसी भी प्रकार के जहर की पुष्टि नहीं हुई है.
इन पक्षियों की आंत के नमूने दोबारा पशु चिकित्सालय शाहपुर को जांच के लिए भेजे गए हैं.उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षियों की मौत की सूचना के उपरान्त वन्य प्राणी मण्डल हमीरपुर के स्टाफ ने समूचे पक्षी शरण्यस्थल पौंग झील का निरीक्षण किया और विभिन्न स्थानों पर प्रवासी पक्षियों को मृत पाया गया.
421 प्रवासी पक्षियों की मौत की पुष्टि हुई
वन्य प्राणी परिक्षेत्र धमेटा के मझार, बथाड़ी, सिहाल, जगनोली, चट्टा, धमेटा और कुठेड़ा में पक्षी मृत पाए गए. इसके अतिरिक्त, वन्य प्राणी परिक्षेत्र नगरोटा के गुगलारा में भी मृत पक्षी पाए गए. 29 दिसम्बर, 2020 तक पौंग झील में 421 प्रवासी पक्षियों की मौत की पुष्टि हुई और नियमानुसार इन पक्षियों के शरीर को निपटाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि बार हैडिड बतखों का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सालय शाहपुर की लैबोरेटरी में किया गया और उनकी आंत के नमूने आरडीडीएल जालन्धर और पशु चिकित्सालय कॉलेज पालमपुर भेजे गए हैं. इसके अतिरिक्त कांगड़ा से पशु चिकित्सकों का एक दल आज पौंग झील का दौरा कर रहा है, ताकि प्रवासी पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाया जा सके. आगामी जांच के लिए इन पक्षियों के नमूने आरवीआरआई बरेली और भारतीय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून को भी भेजे जाएंगे.