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वन मंत्री गोविंद ठाकुर से खास बातचीत, विभाग के अधिकारियों पर विपक्ष के आरोपों का दिया जवाब

वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से ईटीवी भारत की खास बातचीत. एफआरए पर विपक्ष के रुख और वन विभाग के अधिकारियों पर लगाए आरोपों का दिया जवाब.

forest minister govind thakur on FCA and FRA
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Published : Aug 30, 2019, 11:00 PM IST

Updated : Aug 31, 2019, 7:49 AM IST

शिमलाः दिल्ली में वन मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के बाद शिमला पहुंचे वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने कैम्पा के तहत राज्य के लिए 1660 करोड़ रुपये की लंबित धनराशि जारी कर दी है. इस राशि को प्रदेश में विभिन्न वानिकी गतिविधियों में खर्च किया जाएगा.

वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जन कल्याणकारी परियोजनाओं को जल्द स्वीकृति दिलाने के लिए हिमाचल प्रदेश में एफसीए (फॉरेस्ट क्लीयरेंस एक्ट, 1980) के तहत विकास परियोजनाओं को त्वरित स्वीकृतियां प्रदान करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश को क्षेत्रीय वन कार्यालय देहरादून के बजाय केन्द्रीय वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के अंतर्गत लाने का आग्रह किया गया है.

वन मंत्री गोविंद ठाकुर से खास बातचीत
विधानसभा में एफसीए और एफआरए पर विपक्ष के रुख और वन विभाग के अधिकारियों पर लगाए आरोपों के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में वन मंत्री ने कहा कि विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए एफसीए, 1980 के अंतर्गत प्रदेश सरकार को एक हेक्टेयर के स्थान पर पांच हेक्टेयर सीमा तक विकास परियोजनाओं के लिए वन मंजूरी देने का आग्रह किया गया है.

शिमलाः दिल्ली में वन मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के बाद शिमला पहुंचे वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने कैम्पा के तहत राज्य के लिए 1660 करोड़ रुपये की लंबित धनराशि जारी कर दी है. इस राशि को प्रदेश में विभिन्न वानिकी गतिविधियों में खर्च किया जाएगा.

वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जन कल्याणकारी परियोजनाओं को जल्द स्वीकृति दिलाने के लिए हिमाचल प्रदेश में एफसीए (फॉरेस्ट क्लीयरेंस एक्ट, 1980) के तहत विकास परियोजनाओं को त्वरित स्वीकृतियां प्रदान करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश को क्षेत्रीय वन कार्यालय देहरादून के बजाय केन्द्रीय वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के अंतर्गत लाने का आग्रह किया गया है.

वन मंत्री गोविंद ठाकुर से खास बातचीत
विधानसभा में एफसीए और एफआरए पर विपक्ष के रुख और वन विभाग के अधिकारियों पर लगाए आरोपों के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में वन मंत्री ने कहा कि विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए एफसीए, 1980 के अंतर्गत प्रदेश सरकार को एक हेक्टेयर के स्थान पर पांच हेक्टेयर सीमा तक विकास परियोजनाओं के लिए वन मंजूरी देने का आग्रह किया गया है.
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Last Updated : Aug 31, 2019, 7:49 AM IST
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