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उस्ताद मुजतबा हुसैन की दिली इच्छा, बांसुरी की मनमोहक धुनों से गूंजे देवभूमि की वादियां - हिमाचल न्यूज

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक की दिली इच्छा, बांसुरी की मनमोहक धुनों से गूंजे देवभूमि की वादियां

हिमाचल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक उस्ताद मुजतबा हुसैन
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Published : Mar 24, 2019, 10:33 PM IST

मंडी: हिमाचल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक उस्ताद मुजतबा हुसैन ने बांसुरी वादन में युवाओं के घटते रुझान पर चिंता जाहिर की. हिमाचल पहुंचे उस्ताद मुजतबा की दिली इच्छा है कि हिमाचल के पहाड़ों में बांसुरी की मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुन गूंजे. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उस्ताद मुजतबा हुसैन ने कहा कि युवा इस तरफ आने से हिचक रहे हैं और यह बेहद चिंतनीय है.

शनिवार को मंडी में उन्होंने एक कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को बांसुरी वादन के टिप्स दिए. उस्ताद मुजतबा हुसैन 250 से अधिक हिंदी फिल्मों में अपनी बांसुरी की मधुर धुन का जादू बिखेर चुके हैं. उस्ताद मुजतबा ने बांसुरी वादन की महारत अपने पिता से सीखी है और अब वे इसे आगे बढ़ा रहे हैं. उस्ताद मुजतबा ने बताया कि सुरीली बांसुरी बजाने के लिए लंबे समय तक अभ्यास करना पड़ता है और बांसुरी वादन में युवाओं का रुझान बढ़ाने में वो लगातार प्रयासरत है.

हिमाचल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक उस्ताद मुजतबा हुसैन

मुजतबा इसके लिए एक किताब भी प्रकाशित कर रहे हैं, जिसमें बांसुरी वादन की बारीकियां बताई जाएंगी. उस्ताद मुजतबा ने बताया कि बांसुरी वादन के लिए शुरुआती दौर में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जबकि युवा इतना फोकस नहीं करते और बांसुरी वादन में ग्लैमर न होने के कारण इस फील्ड से दूर हो रहे हैं.

उस्ताद मुजतबा का परिवार देश का पहला ऐसा मुस्लिम परिवार है, जिन्होंने बांसुरी वादन का काम किया है. मुजतबा का कहना है कि वह यह सुनकर गौरवान्वित महसूस करते हैं कि उनके परिवार ने देश मे एक नई शुरुआत की थी, जिसे वह भी आगे बढ़ा रहे हैं.

मंडी: हिमाचल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक उस्ताद मुजतबा हुसैन ने बांसुरी वादन में युवाओं के घटते रुझान पर चिंता जाहिर की. हिमाचल पहुंचे उस्ताद मुजतबा की दिली इच्छा है कि हिमाचल के पहाड़ों में बांसुरी की मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुन गूंजे. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उस्ताद मुजतबा हुसैन ने कहा कि युवा इस तरफ आने से हिचक रहे हैं और यह बेहद चिंतनीय है.

शनिवार को मंडी में उन्होंने एक कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को बांसुरी वादन के टिप्स दिए. उस्ताद मुजतबा हुसैन 250 से अधिक हिंदी फिल्मों में अपनी बांसुरी की मधुर धुन का जादू बिखेर चुके हैं. उस्ताद मुजतबा ने बांसुरी वादन की महारत अपने पिता से सीखी है और अब वे इसे आगे बढ़ा रहे हैं. उस्ताद मुजतबा ने बताया कि सुरीली बांसुरी बजाने के लिए लंबे समय तक अभ्यास करना पड़ता है और बांसुरी वादन में युवाओं का रुझान बढ़ाने में वो लगातार प्रयासरत है.

हिमाचल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक उस्ताद मुजतबा हुसैन

मुजतबा इसके लिए एक किताब भी प्रकाशित कर रहे हैं, जिसमें बांसुरी वादन की बारीकियां बताई जाएंगी. उस्ताद मुजतबा ने बताया कि बांसुरी वादन के लिए शुरुआती दौर में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जबकि युवा इतना फोकस नहीं करते और बांसुरी वादन में ग्लैमर न होने के कारण इस फील्ड से दूर हो रहे हैं.

उस्ताद मुजतबा का परिवार देश का पहला ऐसा मुस्लिम परिवार है, जिन्होंने बांसुरी वादन का काम किया है. मुजतबा का कहना है कि वह यह सुनकर गौरवान्वित महसूस करते हैं कि उनके परिवार ने देश मे एक नई शुरुआत की थी, जिसे वह भी आगे बढ़ा रहे हैं.

Intro:मंडी। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक उस्ताद मुजतबा हुसैन ने बांसुरी वादन में युवाओं के घटते रुझान पर चिंता जाहिर की है। ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उस्ताद मुजतबा हुसैन ने कहा कि युवा इस तरफ आने से हिचक रहे हैं। यह बेहद चिंतनीय है।


Body:कहा कि रुझान को बढ़ाने व बांसुरी वादन को और बेहतरीन करने के लिए ही वह काफी कुछ कर रहे हैं। इसके लिए वह एक किताब भी प्रकाशित कर रहे हैं। जिसमें बांसुरी वादन की बारीकियां बताई जाएंगी। कहा कि बांसुरी वादन के लिए शुरुआती दौर में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। जबकि युवा इतना फोकस नहीं करते हैं और ग्लैमर न होने के कारण इस फील्ड से दूर हो रहे हैं। कहा कि लोग सुरीली बांसुरी ही सुनना पसंद करते हैं। सुरीली बांसुरी बजाने के लिए लंबे समय तक अभ्यास करना पड़ता है। कहा कि उन्होंने बांसुरी वादन की महारत उन्होंने अपने पिता से सीखी है और अब इसे वह आगे बढ़ा रहे हैं। बता दें कि उस्ताद मुजतबा हुसैन का परिवार देश का पहला ऐसा मुस्लिम परिवार है जिन्होंने बांसुरी वादन का काम किया है। मुजतबा का कहना है कि वह यह सुनकर गौरवान्वित महसूस करते हैं कि उनके परिवार ने देश मे एक नई शुरुआत की थी। जिसे वह भी आगे बढ़ा रहे हैं।


Conclusion:शनिवार को मंडी में उन्होंने एक कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को बांसुरी वादन के टिप्स दिए। उस्ताद मुजतबा हुसैन 250 से अधिक हिंदी फिल्मों में अपनी बांसुरी की मधुर धुन का जादू बिखेर चुके हैं।


बाइट : उस्ताद मुजतबा हुसैन, बांसुरी वादन।
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