ETV Bharat / state

हिमाचल में स्क्रब टाइफस की दस्तक, IGMC में सामने आया पहला मामला - scrub typhus in shimla

बताया जा रहा है कि वैसे तो स्क्रब टाइफस के मामले बरसात में ज्यादा पाए जाते हैं, लेकिन आईजीएमसी में इस प्रकार का पहला मामला सामना आया है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक ने बताया कि अस्पताल में हर सीजन में स्क्रब टाइफस सहित सभी प्रकार की बीमारियों की जांच और उससे निपटने का विशेष प्रबंध रहता है.

First case of scrub typhus in himachal, हिमाचल में स्क्रब टाइफस का पहला केस
प्रतीकात्मक तस्वीर
author img

By

Published : Feb 4, 2020, 9:09 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में इस साल का स्क्रब टाइफस का पहला मामला पॉजिटिव आया है. इसमें कुल्लू की 35 वर्षीय महिला इस बीमारी से ग्रस्त पाई गई है. पीड़ित अस्पताल में उपचाराधीन है. वहीं, महिला की हालत स्थिर है.

बताया जा रहा है कि वैसे तो स्क्रब टाइफस के मामले बरसात में ज्यादा पाए जाते हैं, लेकिन आईजीएमसी में इस प्रकार का पहला मामला सामना आया है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक ने बताया कि अस्पताल में हर सीजन में स्क्रब टाइफस सहित सभी प्रकार की बीमारियों की जांच और उससे निपटने का विशेष प्रबंध रहता है.

डॉ. जनक ने बताया कि स्क्रब टायफस संबंधी सभी टेस्ट और दवाईयां मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि लोग हल्के या तेज बुखार को हल्के में ना लें. किसी भी कारण से आए बुखार को नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और बुखार की जांच करवाएं. उन्होंने बताया कि बुखार यदि एक हफ्ते से ज्यादा चले तो मरीज का मर्ज चरम तक पहुंच सकता है. ऐसे में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है.

ये भी पढ़ें- डेंटल कॉलेज शिमला की मैगजीन में गलतियों की भरमार, स्टूडेंट फंड से खर्च हुए थे 2 लाख

शिमला: राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में इस साल का स्क्रब टाइफस का पहला मामला पॉजिटिव आया है. इसमें कुल्लू की 35 वर्षीय महिला इस बीमारी से ग्रस्त पाई गई है. पीड़ित अस्पताल में उपचाराधीन है. वहीं, महिला की हालत स्थिर है.

बताया जा रहा है कि वैसे तो स्क्रब टाइफस के मामले बरसात में ज्यादा पाए जाते हैं, लेकिन आईजीएमसी में इस प्रकार का पहला मामला सामना आया है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक ने बताया कि अस्पताल में हर सीजन में स्क्रब टाइफस सहित सभी प्रकार की बीमारियों की जांच और उससे निपटने का विशेष प्रबंध रहता है.

डॉ. जनक ने बताया कि स्क्रब टायफस संबंधी सभी टेस्ट और दवाईयां मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि लोग हल्के या तेज बुखार को हल्के में ना लें. किसी भी कारण से आए बुखार को नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और बुखार की जांच करवाएं. उन्होंने बताया कि बुखार यदि एक हफ्ते से ज्यादा चले तो मरीज का मर्ज चरम तक पहुंच सकता है. ऐसे में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है.

ये भी पढ़ें- डेंटल कॉलेज शिमला की मैगजीन में गलतियों की भरमार, स्टूडेंट फंड से खर्च हुए थे 2 लाख

Intro:

आइजीएमसी सामने आया साल के पहला स्क्रब टायफस का मामला मचा हड़कमप।
शिमला।

राजधानी शिमला के इंदिर गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी ) में इस साल का
स्क्रब टायफस का पहला मामला पॉजिटिव आया है। इसमें कुल्लू की 35 वर्षीय
महिला इस बीमारी से ग्रस्त पाई गई है। पीड़ित अस्पताल में उपचाराधीन है।
महिला की हालत स्थिर है। बताया जा रहा है कि वैसे तो स्क्रब टायफस के
मामले बरसात में अधिक पाए जाते हैं। लेकिन आइजीएमसी में इस प्रकार का
पहला मामला सामना आया है। अाइजीएमसी के एमएस डॉ. जनक ने बताया कि अस्पताल
में हर सीजन में स्क्रब टायफस सहित सभी प्रकार की बीमारियों की जांच और
उससे निपटने का विशेष प्रबंध रहता है।Body: स्क्रब टायफस संबंधी सभी टेस्ट और
दवाईयां मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि लोग हल्के या
तेज बुखार को हल्के में ना लें। किसी भी कारण से आए बुखार को नजरअंदाज न
करें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और बुखार की जांच करवाएं।
Conclusion:उन्होंने बताया
कि बुखार यदि एक हफ्ते से ज्यादा चले तो मरीज का मर्ज चरम तक पहुंच सकता
है। ऐसे में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.