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कोरोना कर्फ्यू ने तोड़ी किसानों की कमर, कौड़ियों के भाव बिक रहे गोभी-मटर

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Published : Apr 26, 2020, 1:17 PM IST

इस बार मटर की पैदावार काफी अच्छी हुई है. किसानों को गोभी के दाम पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे हैं, जबकि मटर आठ व दस रुपये के हिसाब से बेचना पड़ रहा है.

loss to farmers
कोरोना कर्फ्यू ने तोड़ी किसानों की कमर

शिमला: कोरोना को लगाए गए कर्फ्यू ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. प्रदेश में मटर व गोभी की फसल तैयार हो चुकी है. ये सब्जियां मंडियों में भेजी जा रही हैं, लेकिन किसानों को इनके दाम बहुत कम मिल रहे है.

इस बार मटर की पैदावार काफी अच्छी हुई है. किसानों को गोभी के दाम पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे हैं, जबकि मटर आठ व दस रुपये के हिसाब से बेचना पड़ रहा है. वहीं, दुकानों में दुकानदार गोभी 10 से 15 रुपये प्रति किलो व मटर 20 से 30 रुपए प्रति किलो बेच रहे हैं. कर्फ्यू के चलते होटल व रेस्तरां बन्द पड़े हैं. ऐसे में सब्जियों की ज्यादा मांग नहीं है जिसके चलते किसानो को दाम कम मिल रहे हैं.

जुब्बलहट्टी के किसानों का कहना है कि उनकी कड़ी मेहनत का फल भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है. आजकल जिस गोभी के दाम उन्हें 40 रुपए तक किलो के हिसाब से मिल जाते थे वह घटकर 5 रुपए तक रह गए हैं. जबकि जो मटर 50 से ऊपर बिकता था वह अधिकतम 15 रुपए में बिक रहा है. किसानों ने सरकार से उनको उचित दाम दिलाने की मांग उठाई है.

वीडियो रिपोर्ट.

किसानों का कहना है कि सब्जियों के दाम कम मिलने का दूसरा कारण ये भी है कि बाजार में सब्जी की मांग कम व आपूर्ति अधिक है क्योंकि आजकल होटल ढाबे भी बन्द हैं. जहां इन सब्जियों की ज्यादा खपत होती थी. जिसके चलते सब्जी कम कीमतों पर बिक रही है. कर्फ्यू के चलते वे अब सब्जी मंडी में खुद सब्जी बेचने नहीं जा पा रहे हैं और लागत भी इस बार वसूल नहीं हो पा रही है.

बता दें कोरोना को लेकर लगाए कर्फ्यू के चलते सीमित समय के लिए सब्जी की दुकानें खोली जा रही हैं. वहीं होटल ढाबे भी बंद है जिसके चलते सब्जी की मांग कम है. इसका नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कोरोना वॉरियर्स: बिगड़ ना जाए आपके शहर की सेहत, इसलिए सड़कों पर घूमते हैं जांबाज सफाई'जादे'

शिमला: कोरोना को लगाए गए कर्फ्यू ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. प्रदेश में मटर व गोभी की फसल तैयार हो चुकी है. ये सब्जियां मंडियों में भेजी जा रही हैं, लेकिन किसानों को इनके दाम बहुत कम मिल रहे है.

इस बार मटर की पैदावार काफी अच्छी हुई है. किसानों को गोभी के दाम पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे हैं, जबकि मटर आठ व दस रुपये के हिसाब से बेचना पड़ रहा है. वहीं, दुकानों में दुकानदार गोभी 10 से 15 रुपये प्रति किलो व मटर 20 से 30 रुपए प्रति किलो बेच रहे हैं. कर्फ्यू के चलते होटल व रेस्तरां बन्द पड़े हैं. ऐसे में सब्जियों की ज्यादा मांग नहीं है जिसके चलते किसानो को दाम कम मिल रहे हैं.

जुब्बलहट्टी के किसानों का कहना है कि उनकी कड़ी मेहनत का फल भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है. आजकल जिस गोभी के दाम उन्हें 40 रुपए तक किलो के हिसाब से मिल जाते थे वह घटकर 5 रुपए तक रह गए हैं. जबकि जो मटर 50 से ऊपर बिकता था वह अधिकतम 15 रुपए में बिक रहा है. किसानों ने सरकार से उनको उचित दाम दिलाने की मांग उठाई है.

वीडियो रिपोर्ट.

किसानों का कहना है कि सब्जियों के दाम कम मिलने का दूसरा कारण ये भी है कि बाजार में सब्जी की मांग कम व आपूर्ति अधिक है क्योंकि आजकल होटल ढाबे भी बन्द हैं. जहां इन सब्जियों की ज्यादा खपत होती थी. जिसके चलते सब्जी कम कीमतों पर बिक रही है. कर्फ्यू के चलते वे अब सब्जी मंडी में खुद सब्जी बेचने नहीं जा पा रहे हैं और लागत भी इस बार वसूल नहीं हो पा रही है.

बता दें कोरोना को लेकर लगाए कर्फ्यू के चलते सीमित समय के लिए सब्जी की दुकानें खोली जा रही हैं. वहीं होटल ढाबे भी बंद है जिसके चलते सब्जी की मांग कम है. इसका नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है.

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