शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना की रफ्तार डरा रही है. बीते कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. आलम यह है कि एक समय में कोरोना मुक्त हुआ हिमाचल आज 2000 से ज्यादा एक्टिव केस तक पहुंच चुका है. कोरोना टेस्टिंग बढ़ने के साथ-साथ हिमाचल में इस संक्रमण के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट भी 7% पहुंच गया है. हिमाचल में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है.
इसी बीच हाल ही में हुई कैबिनट की बैठक में अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया था. लेकिन, सरकार के फैसले के बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक आईजीएमसी शिमला में नियमों का सही ढ़ंग से पालन नहीं हो रहा है. यहां पर मरीज व मीतारदार मास्क पहनने को बिल्कुल भी राजी नहीं हैं. जबकि सरकार ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य किया हुआ है, ताकि कोरोना से बचा जा सके. लेकिन यहां पर स्थिति ऐसी है कि 100 में से सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही मास्क पहन रहे है.
हद तो यह है कि प्रशासन भी इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. इस संबंध में न तो लोगों को टोका जा रहा है और न ही उन्हें जागरूक किया जा रहा है. वहीं, जो इक्का-दुक्का लोग मास्क पहन भी रहे हैं, वह मात्र औपचारिकता के लिए ही इसे पहन रहे हैं. नियमों का सही ढंग से कहीं भी पालन नहीं हो रहा है. यह लापरवाही लोगों पर भारी भी पड़ सकती है.
आईजीएमसी के कार्यकारी एमएस डॉ. प्रवीण एस भाटिया ने बताया कि अस्पताल में वार्ड, ओपीडी में मास्क अनिवार्य किया हुआ है. लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे मास्क जरूर लगाएं. बावजूद इसके कई लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जब भी अस्पताल आएं तो मास्क जरूर लगाएं.
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