शिमला: हर व्यक्ति के हाथों में कोई न कोई हुनर होता है बस जरूरत है, तो इस हुनर को तराशने की. यही काम इन दिनों जेल विभाग कर रहा है. जेल में बंद कैदियों के हुनर को सही दिशा देने के साथ ही उनके हुनर को लोगों के बीच अलग पहचान भी दिलवा रहा है. शुक्रवार को कारागार विभाग की ओर से प्रदेश के चार जिलों की जेलों में बंद कैदियों के हाथों से बने उत्पादों की प्रदर्शनी गेयटी थियेटर में लगवाई गई.
प्रदर्शनी में कंडा जेल, नाहन, धर्मशाला और चंबा जेलों में रह रहे कैदियों के बनाए गए उत्पाद खरीददारी के लिए सजाए गए हैं. प्रदर्शनी आज से 6 मार्च तक रहेगी. चार दिवसीय प्रदर्शनी में जहां कैदियों के हुनर का हर कोई मुरीद हो रहा है, तो वहीं इन उत्पादों की लोग जमकर खरीददारी भी कर रहे हैं. प्रदर्शनी में बेकरी के खाद्य उत्पादों के अलावा हैंडलूम से बनी शॉल, टोपी, सदरी, जुराबें, मफलर और लकड़ी से बनाई गई वस्तुओं की लोग खरीददारी कर रहे हैं.
प्रदर्शनी का शुभारंभ डीजीपी जेल एपी सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि कैदियों को समाज से जोड़ने का यह प्रयास सराहनीय है. सभी कैदियों को काम के साथ समाज से जुड़ने का मौका भी दिया जा रहा है. विभाग की इस तरह की पहल अपने आप में ही बेहद ही प्रशंसनीय है. प्रदर्शनी में जेलों के अंदर तैयार किए हुए विभिन्न प्रकार के बेकरी बिस्कुट, चॉकलेट, बादाम, के बिस्किट, वुड व लोहे का फर्नीचर, कपड़े, सदरी, सहित कई वैरायटी की वस्तुएं लगाई गई हैं. बता दें कि पहले भी कई बार इस तरह की प्रदर्शनियां राजधानी शिमला में लगाई गई हैं. जिसमें सारे उत्पाद जेल में बंद कैदियों द्वारा बनाए जाते हैं.
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