हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार, बीजेपी सरकार के दौर में खुले संस्थानों का डिनोटिफिकेशन और जेओए पेपर लीक मामला छाया हुआ है. जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है. इन सभी मुद्दों पर हमीरपुर से कांग्रेस विधायक और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. राजेंद्र राणा को भी मंत्रिमंडल की रेस में माना जा रहा है, लेकिन क्या मुख्यमंत्री के जिले से मंत्रीपद मिल सकता है ? ऐसे सवालों का राजेंद्र राणा ने बेबाकी से जवाब दिया. (Rajinder Rana on cabinet expansion) (Exclusive interview of congress MLA Rajinder Rana)
'मुझे हराने में बीजेपी ने झोंकी थी पूरी ताकत'- राजेंद्र राणा ने कहा कि राज्य से लेकर केंद्र तक के बीजेपी के नेताओं ने पूरी ताकत मुझे हराने में लगाई लेकिन मुझे हराने के चक्कर में बीजेपी का गढ़ माने जाने वाला हमीरपुर जिला आज बीजेपी मुक्त हो चुका है. राणा ने कहा जिस तरह से केंद्रीय मंत्रियों से लेकर प्रधानमंत्री और प्रेम कुमार धूमल समेत तमाम बीजेपी नेताओं ने सुजानपुर में पूरी ताकत लगाई. उस लिहाज से मेरी 400 वोटों की जीत 40 हजार वोटों की जीत के बराबर है. राजेंद्र राणा ने कहा कि बीजेपी ने सुजानपुर में मुझे हराने के लिए धन बल और शराब बल का इस्तेमाल किया. लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी सुजानपुर की जनता ने मुझे जिताया इसके लिए मैं जनता आभार व्यक्त करता हूं. (Rajinder Rana on cabinet expansion)
'पहले भी एक ही जिले से मुख्यमंत्री और मंत्री रहे हैं'- सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद कहा जा रहा है था कि हमीरपुर जिले से शायद अब किसी नेता को मंत्रिमंडल में जगह ना मिले. दरअसल हमीरपुर जिले में विधानसभा की 5 सीटें हैं और इनमें से 4 पर कांग्रेस जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती है. सीएम सुखविंदर सुक्खू हमीरपुर जिले की नादौन सीट से विधायक हैं. राजेंद्र राणा ने कहा कि मंत्रिमंडल में कौन होगा और कौन नहीं इसका फैसला आलाकमान करेगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री के जिले से मंत्री बनते रहे हैं. राणा ने कहा कि भाजपा की सरकार में प्रेम कुमार धूमल सीएम बने तो हमीरपुर जिले से ही आईडी धीमान को शिक्षा मंत्री बनाया गया था. कांग्रेस सरकार में वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने तो शिमला जिले से ही विधायक विद्या स्टोक्स मंत्री बनीं और पिछली बीजेपी सरकार में जयराम ठाकुर सीएम बने तो मंडी जिले से ही एक से अधिक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिली थी.
'संस्थानों को डिनोटिफिकेशन करने का फैसला सही'- राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है क्योंकि बीजेपी सरकार ने बिना वित्त विभाग की मंजूरी के सिर्फ सियासी फायदे के लिए ये संस्थान खोले थे. इन संस्थानों को डिनोटिफाई किया जा रहा है लेकिन रिव्यू करने के बाद मैरिट के आधार पर जो जनकल्याणक के लिए होंगे उन्हें नोटिफाई किया जाएगा. राणा ने कहा कि जब 2017 में बीजेपी की सरकार बनी थी तो जयराम सरकार ने पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा अंतिम 6 महीने में खोले संस्थानों को बंद कर दिया था. (Rajinder Rana on denotification)
पेपर लीक को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना- जेओए पेपर लीक मामले को लेकर राजेंद्र राणा ने कहा कि इस तरह के पेपर लीक बीजेपी के राज में होते रहे हैं. बीजेपी सरकार के दौरान ही पुलिस भर्ती का पेपर लीक हुआ और फिर रद्द करना पड़ा. कांग्रेस सरकार बनने के बाद ऐसी शिकायतें मिली तो सरकार ने इसपर एक्शन लिया है. राजेंद्र राणा ने कहा बीजेपी सरकार के दौरान ऐसा ही होता रहा है जो शर्मनाक है.