शिमला: ओल्ड पेंशन की बहाली को लेकर कर्मचारियों की बिजली बोर्ड प्रबंधन के साथ बातचीत विफल हो गई है. बुधवार को बोर्ड ने कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ इसको लेकर एक बैठक की, लेकिन इसमें ओपीएस बहाली पर कोई फैसला नहीं हुआ, इससे बिजली कर्मचारियों का रोष बढ़ गया है और कर्मचारियों ने अब बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर दिया है. इसी कड़ी में कल बिजली बोर्ड कर्मचारी शिमला में मुख्यालय पर जुटेंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे. इसमें प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी कर्मचारी शामिल होंगे. कर्मचारियों आरोप लगाया है कि वित्तीय स्थिति का बहाना बनाकर बोर्ड प्रबंधन कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन देने में टालमटोल कर रहा है.
बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन बहाल न करने पर कर्मचारियों ने बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है. बोर्ड कर्मचारियों की आज प्रबंधन के साथ ओल्ड पेंशन को लेकर एक बैठक हुई थी जिसमें ओल्ड पेंशन की बहाली को लेकर कोई आश्वासन कर्मचारियों को नहीं मिला. इसके चलते कर्मचारियों की नाराजगी और बढ़ गई है. कर्मचारियों ने साफ ऐलान किया है कि वे अब आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे और इसी कड़ी में कल शिमला में बोर्ड मुख्यालय के बाहर कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे. इसमें प्रदेश के सभी हिस्सों से कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है.
शिमला में बोर्ड कर्मचारी यूनियन व अन्य यूनियन पदाधिकारियों ने फैसला लिया गया कि वीरवार को बिजली बोर्ड के मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. यही नहीं यूनियन ने यह भी फैसला लिया कि शिमला जोन के बोर्ड कर्मचारी वीरवार को कार्यालय नहीं आएंगे. ऐसे में अगर कहीं भी बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो इसको दुरुस्त नहीं किया जाएगा. बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार ने सभी की पेंशन बहाल कर दी है और एचआरटीसी में भी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के आदेश कर दिए गए हैं, लेकिन बिजली बोर्ड ओपीएस लागू करने में देरी कर रहा है. इससे कर्मचारियों में भारी रोष है. उन्होंने साफ है कि कल कर्मचारी काम नहीं करेंगे, वे शिमला में होने वाले धरने में कर्मचारी शामिल होंगे. बिजली बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ ने भी बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू करने की मांग की है. संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि ओल्ड पेंशन का मसला सभी कर्मचारियों का साझा मसला है, ऐसे में कल शिमला में होने वाले धरने प्रदर्शन को तकनीकी कर्मचारी संघ का भी समर्थन रहेगा. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के तकनीकी कर्मचारी इस धरने में शामिल होंगे.
एचआरटीसी ने लागू कर दी ओल्ड पेंशन, बिजली बोर्ड ने नहीं: हिमाचल में दो सरकारी उपक्रम एचआरटीसी और बिजली बोर्ड में 2003 से पहले ओल्ड पेंशन लागू थी और इसके बाद सरकारी विभागों के कर्मचारियों की तर्ज पर इनके कर्मचारियों को भी ओपीएस के दायरे में लाया गया. प्रदेश में सत्तासीन हुई कांग्रेस की सरकार ने चुनावी वादे को पूरा करते हुए ओल्ड पेंशन लागू करने का फैसला लिया है. इसकी बाकायदा नोटिफिकेशन और एसओपी भी जारी किए गए हैं.
हालांकि आरंभ में एचआरटीसी में भी ओल्ड पेंशन को लागू नहीं किया गया, लेकिन कुछ दिन पहले यहां ओल्ड पेंशन लागू कर एनपीएस कटौती बंद करने के एचआरटीसी प्रबंधन ने आदेश जारी कर दिए. मगर बिजली बोर्ड में अभी तक इसको लागू करने को लेकर प्रबंधन ने कोई फैसला नहीं लिया. बिजली बोर्ड में करीब 9 हजार कर्मचारी हैं जो कि अभी एनपीएस के दायरे में है. इन कर्मचारियों के वेतन से एनपीएस का शेयर कट रहा है. इन कर्मचारियों का एनपीएस शेयर इस माह भी कटने की संभावना. बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा है कि ओपीएस को लेकर बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही है. बोर्ड प्रबंधन खराब वित्तीय स्थिति का बहाना बनाकर टाल-मटोल कर रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों ने कल शिमला में बड़ा धरना करने का फैसला लिया है जिसमें प्रदेश भर से कर्मचारी शामिल होंगे.
उधर, एनपीएस कर्मचारी संघ ने भी बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की ओपीएस मांग का समर्थन किया है. संघ के जिला अध्यक्ष कुशाल शर्मा ने कहा है कि एनपीएस कर्मचारी संघ इन कर्मचारियों के साथ है, बोर्ड को इन कर्मचारियों की ओपीएस बहाल कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संघ इस मसले को लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के साथ संपर्क में है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बिजली बोर्ड भी एचआरटीसी की तर्ज पर अपने कर्मचारियों को ओपीएस बहाल करने के लिए कदम उठाएगा.
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