शिमला: कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश के कारोबारियों को जहां भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है, वहीं बिजली विभाग ने भारी भरकम बिल थमाकर राजधानी के दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ा दी है. कोरोना कर्फ्यू के चलते एक महीने से दुकानें बंद है और कारोबार पूरी तरह से ठप्प है. बावजूद इसके बिजली विभाग ने शिमला के लोगों के साथ-साथ दुकानदारों को एवरेज बिल थमा दिए हैं.
बिजली विभाग द्वारा दुकानदारों को 2000 से अधिक के बिल का मेसैज फोन पर भेजा गया और 24 अप्रैल तक ऑनलाइन बिल जमा करवाने का फरमान भी जारी किया है. बिजली विभाग के इस फरमान के खिलाफ शिमला व्यापारमंडल विरोध में उतर आया है और सरकार से दुकानदारों को बिजली बिल में राहत देने की मांग की है.
शिमला व्यापारमंडल का आरोप है कि एक तरफ कारोबार पूरी तरह से ठप्प है और दुकानदारों को नुक्सान झेलना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ बिजली विभाग ने बिना मीटर चेक किए दुकानदारों को हजारों के बिल थमा दिए हैं. शिमला व्यापारमंडल के महासचिव सजीव ठाकुर ने कहा कि दुकानदारों को जो बिल पहले आते थे, वही बिल इस बार भी दुकानें बंद रहने के बावजूद आए हैं. विभाग की ओर से मीटर चेक तक नहीं किए गए और एवरेज बिल थमा दिए हैं, जो सरासर गलत है. उन्होंने सरकार से बिजली के बिल में राहत देने की मांग की.
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने कर्फ्यू लगाया है. ऐसे में इस बार बिजली विभाग के कर्मी भी बिल देने के लिए घरों में नहीं जा पाए हैं और लोगों को एवरेज बिल ही थमा दिए हैं, जबकि अधिकतर दुकानें बंद हैं और लोग भी गांव निकल गए हैं. बाजवूद इसके बिजली के बिल में कोई कमी नहीं आई है.