शिमला: राजधानी शिमला में लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. बुधवार से बिजली और शराब महंगी होने वाली है. शहर में बिजली पर 10 पैसे सेस लगाने जा रहा है और शराब पर 5 रुपये सेस वसूलने जा रहा है. ऐसे में शहर की जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है. इससे पहले भी निगम बिजली पर 10 पैसे सेस ले रहा था. कुल मिलाकर बिजली पर जनता को अब 20 पैसे सेस देना होगा.
नगर निगम शिमला ने फरवरी में बजट पेश करते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए शहर में बिजली शराब के साथ ही स्टाम्प ड्यूटी बढ़ने का फैसला लिया था और नए वित्त वर्ष में बिजली शराब पर सेस लगाने जा रहा है, जिससे शहर की जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. नगर निगम सेस बढ़ाने के पीछे विकासात्मक कार्य करने का हवाला दे रहा है.
अगले महीने से लिया जाएगा बढ़ा हुआ सेस
नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल का कहना है कि नगर निगम ने बिजली पर सेस 10 पैसे और शराब की बोतल पर 5 रुपये सेस लगाने का निर्णय लिया है और अगले महीने से इसे लेना भी शुरू किया जाएगा. उनका कहना है कि शहर में स्मार्ट सिटी के राहत विकासात्मक कार्य तो हो रहे हैं, लेकिन मर्ज एरिया में स्मार्ट सिटी के तहत कार्य नहीं किए जा सकते हैं और वहां पर नगर निगम अपने ही पैसों से पार्क पार्किंग रास्तों को बनाने का काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि सेस में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की गई है और इसका लोगों पर भी अधिक बोझ नहीं पड़ेगा. शराब पर सेस लगने से नगर निगम की आय में बढ़ोतरी होगी और शहर में विकासात्मक कार्य को गति मिलेगी.
बता दें कि नगर निगम की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं है नगर निगम की जहां सालाना आय 30 से 35 करोड़ होती है वहीं, 60 से 70 करोड़ के बीच वेतन सहित अन्य खर्चे होते हैं. ऐसे में नगर निगम के आय का केवल एक मात्र स्त्रोत शहर में टैक्स से होने वाली आय है. ऐसे में निगम ने बिजली और शराब पर सेस बड़ा दिया है. निगम को इससे आय में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
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