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शिमला में ईद-उल-अजहा की नमाज में अमन शांति की मांगी दुआएं, कश्मीर में अपनों को नहीं दे सके बधाई

प्रदेश भर में लोगों ने ईद की नमाज अदा की और देश प्रदेश के लिए अमन शांति की दुआएं मांगी गई. बकरीद का त्योहार केवल बकरों की कुर्बानी देने का ही नहीं हैं बल्कि कुर्बानी का मकसद है अल्लाह को राजी करने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज को भी त्याग कर देना है.

eid celebrated in shimla
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Published : Aug 12, 2019, 1:35 PM IST

शिमलाः प्रदेश में ईद-उल-अजहा ईद का त्योहार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी धूमधाम से मनाया. राजधानी शिमला में लोगों ने ईद की नमाज अदा की और देश प्रदेश के लिए अमन शांति की दुआएं भी मांगी.

शिमला शहर में ईदगाह, जामा मस्जिद सहित छोटा शिमला, कुतुब मस्जिद संजौली में हजारों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की नमाज अदा की. ईद-उल-अजहा के मौके पर जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी. वहीं, भाईचारे की एकता को कायम करने के लिए अल्लाह से दुआ भी मांगी.

वीडियो.

जामा मस्जिद के इमाम कारी मुहम्मद इस्लाम ने कहा कि अल्लाह को खुश करने के लिए ईद पर कुर्बानी दी जाती है और ईद पर लोग सभी गिला शिकवा भूला कर एक दूसरे से मिलते हैं और लोगों को एक साथ मिलजुल कर रहने का संदेश भी देते हैं.

ये भी पढे़ें -दुनिया का सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला राज्य बनेगा हिमाचल, सरकार कर रही ये प्रयास

इमाम ने बताया कि बकरीद का त्योहार केवल बकरों की कुर्बानी देने का ही नाम नहीं हैं बल्कि कुर्बानी का मकसद है अल्लाह को राजी करने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज को भी त्याग कर देना है.

हालांकि इस बार कुछ परिवारों के लिए की ईद की खुशी फीकी रह गई. शिमला में रह रहे कश्मीरी ईद पर कश्मीर में टेलीफोन सेवा बंद होने के कारण अपने वहां रह रहे रिश्तेदारों को फोन पर ईद की बधाई भी नहीं दे पाए.

ये भी पढे़ें - अनोखा है भगवान शिव का ये मंदिर, हर 12 साल में यहां गिरती है आकाशीय बिजली

शिमलाः प्रदेश में ईद-उल-अजहा ईद का त्योहार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी धूमधाम से मनाया. राजधानी शिमला में लोगों ने ईद की नमाज अदा की और देश प्रदेश के लिए अमन शांति की दुआएं भी मांगी.

शिमला शहर में ईदगाह, जामा मस्जिद सहित छोटा शिमला, कुतुब मस्जिद संजौली में हजारों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की नमाज अदा की. ईद-उल-अजहा के मौके पर जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी. वहीं, भाईचारे की एकता को कायम करने के लिए अल्लाह से दुआ भी मांगी.

वीडियो.

जामा मस्जिद के इमाम कारी मुहम्मद इस्लाम ने कहा कि अल्लाह को खुश करने के लिए ईद पर कुर्बानी दी जाती है और ईद पर लोग सभी गिला शिकवा भूला कर एक दूसरे से मिलते हैं और लोगों को एक साथ मिलजुल कर रहने का संदेश भी देते हैं.

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इमाम ने बताया कि बकरीद का त्योहार केवल बकरों की कुर्बानी देने का ही नाम नहीं हैं बल्कि कुर्बानी का मकसद है अल्लाह को राजी करने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज को भी त्याग कर देना है.

हालांकि इस बार कुछ परिवारों के लिए की ईद की खुशी फीकी रह गई. शिमला में रह रहे कश्मीरी ईद पर कश्मीर में टेलीफोन सेवा बंद होने के कारण अपने वहां रह रहे रिश्तेदारों को फोन पर ईद की बधाई भी नहीं दे पाए.

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Intro:हिमाचल प्रदेश में ईद उल अजहा ईद का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया । प्रदेश भर में लोगों ने ईद की नमाज अदा की और देश प्रदेश के लिए अमन शांति की दुआए मांगी गई। लोगों ने एक दूसरे को गले मिल कर ईद की बधाई दी। शिमला शहर में ईदगाह, जमा मस्जिद सहित छोटा शिमला, कुतुब मस्जिद संजौली में हजारों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की नमाज अदा की। ईद उल अजहा के पावन माैके पर जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी। वहीं भाईचारे की एकता को कायम करने के लिए अल्लाह से दुआ भी मांगी। जामा मस्जिद के इमाम कारी मुहम्मद इस्लाम ने कहा की आज ईद का त्यौहार है और हजारों लोगों ने ईद की नमाज अदा की जिसमे देश और प्रदेश में अमन शांति के लिए ख़ास तौर पर दुआए मांगी गई । उन्होंने बताया की अलाह को खुश करने के लिए ईद पर कुर्बानी दी जाती है और ईद पर लोग सभी गिला शिकवा भुला कर एक दूसरे से मिलते है और लोगों को एक साथ मिलजुल कर रहने का संदेश भी देते है।

Body:बकरों की कुर्बानी नही अल्लाह को खुश करना है मकसद

बकरीद का त्योहार केवल बकरों की कुर्बानी देने का ही नाम नहीं हैं बल्कि कुर्बानी का मकसद है अल्लाह को राजी करने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज को भी त्याग कर देना है। इस दिन लोग गिला शिकवा भुला कर एक दुसरे के गले लगते है । इसी दिन दुनिया भर के मुसलमान अरब पहुंच कर हज करते हैं। हज की वजह से भी इस पवित्र त्योहार की अहमियत बढ़ जाती है।

Conclusion:फीकी रह गई त्यौहार की खुशी, कश्मीर में रह रहे अपनों को ही नहीं दे पाई ईद की बधाई

शिमला में रह रहे कश्मीरियों की ईद की ख़ुशी फीकी रह गई। ना तो वो ईद पर अपने घर कश्मीर जा पाए और ना ही वहां रह रहे अपने परिवार के लोगों को फ़ोन पर ईद की बधाई दे पाए। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि कश्मीर में फ़ोन नेटवर्क बंद होने की वजह से कश्मीरी भाई जो यहां शिमला में रह रहे है ना तो अपने घर परिवार से बात कर पा रहे है ना ही उनकी सलामती की ख़बर उन्हें मिल पा रही है। इसकी वजह से वह परेशान है ओर ईद के त्योहार की ख़ुशी भी अपने अपनों से सांझा नहीं के पा रहे है।
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