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हिमाचल में योग को शिक्षा में शामिल करने पर विचार करेगी सरकार: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर - शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर

शिक्षा मंत्री ने योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि सरकार योग को शिक्षा व्यवस्था में शामिल करने पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार योग को शिक्षा के साथ जोड़ने की संभावनाएं तलाश करेगी. ताकि लोगों को रोजगार भी मिल सके और योग को छात्र जीवन का अहम हिस्सा बनाया जा सके.

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Published : Jun 21, 2021, 8:45 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ मनाली द्वारा आयोजित 33 दिवसीय योग प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने वर्चुअली माध्यम से बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वृत्तियों को रोकना ही योग है. व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन व भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है. उन्होंने कहा कि योग जीने की कला और विज्ञान है, जो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा अध्यात्मिक स्तर पर सबसे पहले लाभ पहुंचाता है.

योग को शिक्षा में शामिल करने पर विचार

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने योग को शिक्षा व्यवस्था में शामिल करने पर सरकार विचार करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार योग को शिक्षा के साथ जोड़ने की संभावनाएं तलाश करेगी. ताकि लोगों को रोजगार भी मिल सके और योग को छात्र जीवन का अहम हिस्सा बनाया जा सके.

उन्होंने कहा कि असत्य के समान कोई पाप नहीं, योग के समान कोई बल नहीं, ज्ञान के समान कोई बंधु नहीं और अज्ञान के समान कोई शुत्रु नहीं है. योग एक मन का शास्त्र है जिसमें मन को सयमित कर पाश्विक वृत्तियों से छुटकारा पाना सिखाया जाता है.

प्रदेश सरकार योग को देगी बढ़ावा

शिक्षा मंत्री ने कहा कि योग हमारी प्राचीन संस्कृति का जीवंत प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र में योग को मान्यता मिली. इससे पूर्व स्वामी रामदेव ने विश्व भर में योग का व्यापक प्रचार प्रसार किया.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में योग को भी बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश योगासन खेल संघ ने अपनी स्थापना के बाद बहुत कम समय में व्यापक रूप से गतिविधियां चलाई. विशेष बात यह है कि इसके कार्यक्रमों में दृष्टिबाधित, मूक बधिर एवं अन्य शारीरिक विकलांग विद्यार्थी भी हिस्सा लेते हैं.

ये भी पढ़ें: शिक्षा मंत्री ने किया मनाली स्कूल का दौरा, कहा: छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के प्रयास जारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ मनाली द्वारा आयोजित 33 दिवसीय योग प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने वर्चुअली माध्यम से बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वृत्तियों को रोकना ही योग है. व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन व भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है. उन्होंने कहा कि योग जीने की कला और विज्ञान है, जो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा अध्यात्मिक स्तर पर सबसे पहले लाभ पहुंचाता है.

योग को शिक्षा में शामिल करने पर विचार

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने योग को शिक्षा व्यवस्था में शामिल करने पर सरकार विचार करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार योग को शिक्षा के साथ जोड़ने की संभावनाएं तलाश करेगी. ताकि लोगों को रोजगार भी मिल सके और योग को छात्र जीवन का अहम हिस्सा बनाया जा सके.

उन्होंने कहा कि असत्य के समान कोई पाप नहीं, योग के समान कोई बल नहीं, ज्ञान के समान कोई बंधु नहीं और अज्ञान के समान कोई शुत्रु नहीं है. योग एक मन का शास्त्र है जिसमें मन को सयमित कर पाश्विक वृत्तियों से छुटकारा पाना सिखाया जाता है.

प्रदेश सरकार योग को देगी बढ़ावा

शिक्षा मंत्री ने कहा कि योग हमारी प्राचीन संस्कृति का जीवंत प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र में योग को मान्यता मिली. इससे पूर्व स्वामी रामदेव ने विश्व भर में योग का व्यापक प्रचार प्रसार किया.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में योग को भी बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश योगासन खेल संघ ने अपनी स्थापना के बाद बहुत कम समय में व्यापक रूप से गतिविधियां चलाई. विशेष बात यह है कि इसके कार्यक्रमों में दृष्टिबाधित, मूक बधिर एवं अन्य शारीरिक विकलांग विद्यार्थी भी हिस्सा लेते हैं.

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