शिमला: शिक्षा विभाग एक बार फिर मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने जा रहा है. इस बार विभाग की ओर से 9700 मेधावी छात्रों को लैपटॉप वितरित किए जाएंगे. विभाग ने लैपटॉप वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
देरी से पूरी हो रही टेंडर की प्रक्रिया
लैपटॉप वितरण के लिए विभाग की टेंडर प्रक्रिया इस बार भी देरी से पूरी हो रही है. टेंडर में देरी का कारण है किसी भी कंपनी की ओर से कोई आवेदन न आना. इसी वजह से शिक्षा विभाग को यह टेंडर रद्द करना पड़ा. अब एक बार फिर विभाग ने लैपटॉप खरीद के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं.
9700 मेधावी छात्रों को बांटे जाएंगे लैपटॉप
इस बार शिक्षा विभाग की ओर से 2018-19 और 2020-21 के मेधावियों को लैपटॉप बांटे जाने थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस बार सिर्फ 2018-19 के छात्रों को ही लैपटॉप बांटने का फैसला लिया गया है.
जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करना चाहता है विभाग
पहले ही विभाग लैपटॉप देने में 2 साल लेट हो चुका है, यह वजह है कि अब शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है. इस से पहले भी सत्र 2017-18 के मेधावियों को लैपटॉप दो साल देरी से किए गए थे.
शिक्षा विभाग जेम पोर्टल से ही खरीद रहा लैपटॉप
बीते साल लैपटॉप खरीद की टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए थे. इसी के चलते इस बार विभाग की ओर से इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन को अलग कर लैपटॉप की खरीद जेम पोर्टल से ही की जा रही है लेकिन वह भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है.
जेम पोर्टल से लैपटॉप खरीद का क्या है फायदा
जैम पोर्टल का गठन ही इस उद्देश्य से किया गया है की सरकारी विभागों की खरीद की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जा सके. इस जेम पोर्टल पर सरकारी विभाग अपनी जरुरत का सामान ऑनलाइन माध्यम से खरीद सकते हैं. इस प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी और टेंडर जिस कंपनी को दिया जाएगा उसे भी पूरी जनाकारी यहां सांझा करनी होगी.
खरीद में आई टेक्निकल समस्याओं का किया समाधान
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि लैपटॉप खरीद में कुछ टेक्निकल समस्याएं सामने आ रही थी. उनका समाधान कर लिया गया है. उम्मीद हैं जल्द से जल्द छात्रों को लैपटॉप आवंटित कर दिए जाएंगेे. लैपटॉप खरीद में 23 से 24 करोड़ रुपए की लागत आएगी जो सरकार की ओर से विभाग को दिया जाएगा.
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