शिमला: 20 जनवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से पीएम के साथ होने वाले परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चयनित 10 छात्रों में से एक भी छात्र सरकारी स्कूल से चयनित नहीं हो पाया है. ऐसे में अभी तक शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों के बच्चों के चयन न होने की वजह नहीं जान पाया है.
वहीं, विभाग इस मामले पर यही तर्क देता नजर आ रहा है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर और शिक्षक बेहतर हैं. शिक्षा विभाग का तर्क है कि 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को इस प्रतियोगिता में चयनित करवाना नहीं बल्कि छात्रों को इस चर्चा के प्रति जागरूक करना है.
परीक्षा पे चर्चा में निजी स्कूलों के छात्रों के चयनित होने और सरकारी स्कूल के बच्चों का चयन न होने पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई भी अच्छी है और शिक्षक भी बेहतर है. इस बार विभाग ने छात्रों से ज्यादा से ज्यादा पार्टिसिपेट करवाने का प्रयास किया. इसके लिए निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों दोनों को समान अवसर दिया गया.
शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने कहा कि निदेशालय की ओर से स्कूलों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश के साथ ही दूसरी गाइडलाइंस जारी की गई थी. शिक्षा निदेशक ने कहा कि यह एक प्रतियोगिता है और प्रतियोगिता में हार जीत चलती रहती है. उन्होंने कहा कि जिन छात्रों का प्रदर्शन बेहतर था उन्हें ही बिना किसी छेड़छाड़ के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से मिलने और सवाल पूछने के लिए चयनित किया गया है.
शिक्षा निदेशक ने चयनित सभी 10 बच्चों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि छात्रों को ये मौका मिला है कि वह 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में लाइव भाग ले सकें. हालांकि छात्रों के चयन की प्रक्रिया ऑनलाइन थी और उन्हें ऑनलाइन ही पंजीकरण करना था. ऐसे में कहीं सरकारी स्कूल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में पिछड़े यह जानकारी जिला उपनिदेशकों से शिक्षा विभाग ले सकता है.
बता दें कि 20 जनवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 10 छात्रों का चयन हुआ है. इन छात्रों के नाम की सूची शिक्षा विभाग के पास आ चुकी हैं. इसमें सभी 9 छात्र निजी स्कूल और एक ही छात्र केंद्रीय विद्यालय का है, जबकि 1 भी छात्र सरकारी स्कूल का शामिल नहीं है.
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