शिमला: लोकसभा सीट में निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए शुक्रवार को चुनावी खर्च की पहली जांच की गई. शिमला संसदीय सीट के व्यय पर्यवेक्षक एनके बंसल ने ये जांच की. वहीं, जांच के दौरान सही खर्च का ब्यौरा ने देने वाले उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी शिमला की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं. नोटिस में व्यय खर्च का ब्यौरा न देने वाले उम्मीदवारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपना चुनावी खर्च आगामी तीन दिनों के अंदर प्रस्तुत करें अन्यथा कार्रवाई हो सकती है.
निर्दलीय उम्मीदवार रवि कुमार की ओर से व्यय पर्यवेक्षक के समक्ष खर्च संबंधी कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है. वहीं, राष्ट्रीय आजाद मंच के उम्मीदवार शमशेर सिंह को छोड़कर अन्य सभी उम्मीदवारों के प्रस्तुत खर्च में खामियां पाई गई हैं. डिफॉल्टर पाए गए सभी उम्मीदवारों को 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा गया है. एनके बंसल ने सभी उम्मीदवारों के निर्वाचन कार्य के लिए लगाए गए सभी रजिस्टर और सहायक व्यय पर्यवेक्षकों से सभी उम्मीदवारों के निर्वाचन खर्च के लिए तैयार किए गए शैडो रजिस्टर का मिलान किया और खर्च के संबंध में सभी उम्मीदवारों को दिशा-निर्देश जारी किए.
चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार में उम्मीदवारों के खर्च के लिए टीमें गठित की हैं. ये टीमें निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर नजर रखे हुए हैं. सभी उम्मीदवारों के चुनावी खर्च को शैडो रजिस्टर में अंकित किया जा रहा है.निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्धारित तिथियों को व्यय पर्यवेक्षक शैडो रजिस्टर और उम्मीदवार के चुनाव खर्च रजिस्टर की जांच करता है. चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार को लेकर 70 लाख रुपये की राशि निर्धारित की है. उम्मीदवार खर्च रजिस्टर की अगली जांच 14 और 18 मई को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी.