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सुरेश कश्यप-धनीराम शांडिल को EC का नोटिस, चुनावी खर्च में पाई गई गड़बड़ी

शिमला लोकसभा सीट से उम्मीदवारों के चुनावी खर्च को लेकर की गई पहली जांच. सुरेश कश्यप और धनीराम शांडिल के चुनावी खर्च में पाई गई गड़बड़ी.

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Published : May 11, 2019, 2:05 PM IST

शिमला: लोकसभा सीट में निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए शुक्रवार को चुनावी खर्च की पहली जांच की गई. शिमला संसदीय सीट के व्यय पर्यवेक्षक एनके बंसल ने ये जांच की. वहीं, जांच के दौरान सही खर्च का ब्यौरा ने देने वाले उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी शिमला की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं. नोटिस में व्यय खर्च का ब्यौरा न देने वाले उम्मीदवारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपना चुनावी खर्च आगामी तीन दिनों के अंदर प्रस्तुत करें अन्यथा कार्रवाई हो सकती है.

जांच करती हुई निर्वाचन आयोग की टीम
जांच करती हुई निर्वाचन आयोग की टीम

निर्दलीय उम्मीदवार रवि कुमार की ओर से व्यय पर्यवेक्षक के समक्ष खर्च संबंधी कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है. वहीं, राष्ट्रीय आजाद मंच के उम्मीदवार शमशेर सिंह को छोड़कर अन्य सभी उम्मीदवारों के प्रस्तुत खर्च में खामियां पाई गई हैं. डिफॉल्टर पाए गए सभी उम्मीदवारों को 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा गया है. एनके बंसल ने सभी उम्मीदवारों के निर्वाचन कार्य के लिए लगाए गए सभी रजिस्टर और सहायक व्यय पर्यवेक्षकों से सभी उम्मीदवारों के निर्वाचन खर्च के लिए तैयार किए गए शैडो रजिस्टर का मिलान किया और खर्च के संबंध में सभी उम्मीदवारों को दिशा-निर्देश जारी किए.

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार में उम्मीदवारों के खर्च के लिए टीमें गठित की हैं. ये टीमें निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर नजर रखे हुए हैं. सभी उम्मीदवारों के चुनावी खर्च को शैडो रजिस्टर में अंकित किया जा रहा है.निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्धारित तिथियों को व्यय पर्यवेक्षक शैडो रजिस्टर और उम्मीदवार के चुनाव खर्च रजिस्टर की जांच करता है. चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार को लेकर 70 लाख रुपये की राशि निर्धारित की है. उम्मीदवार खर्च रजिस्टर की अगली जांच 14 और 18 मई को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी.

शिमला: लोकसभा सीट में निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए शुक्रवार को चुनावी खर्च की पहली जांच की गई. शिमला संसदीय सीट के व्यय पर्यवेक्षक एनके बंसल ने ये जांच की. वहीं, जांच के दौरान सही खर्च का ब्यौरा ने देने वाले उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी शिमला की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं. नोटिस में व्यय खर्च का ब्यौरा न देने वाले उम्मीदवारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपना चुनावी खर्च आगामी तीन दिनों के अंदर प्रस्तुत करें अन्यथा कार्रवाई हो सकती है.

जांच करती हुई निर्वाचन आयोग की टीम
जांच करती हुई निर्वाचन आयोग की टीम

निर्दलीय उम्मीदवार रवि कुमार की ओर से व्यय पर्यवेक्षक के समक्ष खर्च संबंधी कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है. वहीं, राष्ट्रीय आजाद मंच के उम्मीदवार शमशेर सिंह को छोड़कर अन्य सभी उम्मीदवारों के प्रस्तुत खर्च में खामियां पाई गई हैं. डिफॉल्टर पाए गए सभी उम्मीदवारों को 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा गया है. एनके बंसल ने सभी उम्मीदवारों के निर्वाचन कार्य के लिए लगाए गए सभी रजिस्टर और सहायक व्यय पर्यवेक्षकों से सभी उम्मीदवारों के निर्वाचन खर्च के लिए तैयार किए गए शैडो रजिस्टर का मिलान किया और खर्च के संबंध में सभी उम्मीदवारों को दिशा-निर्देश जारी किए.

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार में उम्मीदवारों के खर्च के लिए टीमें गठित की हैं. ये टीमें निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर नजर रखे हुए हैं. सभी उम्मीदवारों के चुनावी खर्च को शैडो रजिस्टर में अंकित किया जा रहा है.निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्धारित तिथियों को व्यय पर्यवेक्षक शैडो रजिस्टर और उम्मीदवार के चुनाव खर्च रजिस्टर की जांच करता है. चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार को लेकर 70 लाख रुपये की राशि निर्धारित की है. उम्मीदवार खर्च रजिस्टर की अगली जांच 14 और 18 मई को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी.


शिमला
शिमला संसदीय क्षेत्र में निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से अभी तक उम्मीदवारों द्वारा किए गए चुनावी खर्च की प्रथम जांच गत दिवस यहां की गई।
शिमला लोकसभा क्षेत्र के व्यय पर्यवेक्षक एनके बंसल ने यह जांच की। 
उन्होंने विभिन्न उम्मीदवारों के निर्वाचन कार्य के लिए लगाए गए सभी रजिस्टर तथा सहायक व्यय पर्यवेक्षकों द्वारा सभी उम्मीदवारों के निर्वाचन खर्च के लिए तैयार किए गए शैडो रजिस्टर का मिलान किया और खर्च के संबंध में सभी उम्मीदवारों को पुनः विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए।
एनके बंसल ने इस अवसर पर कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग ने पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं निष्पक्ष बनाने के लिए चुनाव खर्च के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में विभिन्न उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे खर्च की जांच के लिए आयोग द्वारा विभिन्न टीमें गठित की गई है। यह टीमें निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों के चुनाव खर्च पर नजर रखती हैं और शैडो रजिस्टर में इसे अंकित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उम्मीदवार द्वारा भी रजिस्टर तैयार किए जाते हैं।  निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्धारित तिथियों को व्यय पर्यवेक्षक सभी सहायक व्यय पर्यवेक्षकों के साथ शैडो रजिस्टर तथा उम्मीदवार के चुनाव खर्च रजिस्टर की जांच करता है।
उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव में खर्च की सीमा 70 लाख रुपए निर्धारित की गई है तथा सभी को इस सीमा की अनुपालना सुनिश्चित बनानी होगी।
एनके बंसल ने कहा कि गत दिवस शिमला लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों द्वारा किए गए खर्च की जांच सभी सहायक व्यय पर्यवेक्षकों द्वारा तैयार शैडो रजिस्टर के अनुसार की गई। उन्होंने कहा कि जांच के उपरांत सही खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत न करने वाले उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी शिमला की ओर से नोटिस जारी किए गए।
नोटिस में व्यय खर्च न प्रस्ततु करनेे वाले उम्मीदवार को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपना चुनावी खर्च 3 दिन के भीतर व्यय पर्यवेक्षक के समक्ष प्रस्तुत करें अन्यथा यह माना जाएगा कि उम्मीदवार निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अपने खर्च के रजिस्टर तैयार नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में आगामी कार्यवाही नोटिस का जवाब मिलने के बाद अमल में लाई जाएगी।
निर्दलीय उम्मीदवार रवि कुमार की और से व्यय पर्यवेक्षक के समक्ष खर्च सम्बन्धी कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। राष्ट्रीय आजाद मंच के उम्मीदवार शमशेर सिंह को छोड़कर अन्य सभी उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत खर्च में विसंगतियां पाए जाने पर उन्हें नोटिस मिलने के 48 घण्टे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।
इस अवसर पर उम्मीदवारों से आग्रह किया गया कि वे निर्वाचन से सम्बन्धित खर्च का सही ब्यौरा प्रस्तुत करें। 
उम्मीदवार खर्च रजिस्टर की अगली जांच 14 एवं 18 मई, 2019 को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार वे लगभग पूरे शिमला संसदीय क्षेत्र में विभिन्न व्यय अनुश्रवण टीमों द्वारा किए जा रहे कार्य की जांच कर चुके हैं। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में क्षेत्रीय स्तर पर सहायक व्यय पर्यवेक्षकों एवं टीमों के साथ बैठकें कर विस्तृत निर्देश जारी कर दिए गए हैं।  


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