शिमला: प्रदेश के स्कूलों में वर्दी का इतंजार कर रहे छात्रों को अभी भी वर्दी शिक्षा विभाग आबंटित नहीं करेगा. छात्रों को वर्दी के लिए आचार संहिता के खत्म होने का इतंजार करना होगा. इसके बाद ही वर्दी स्कूलों में बच्चों को आबंटित की जाएगी.
हालांकि जिस कंपनी को छात्रों की स्मार्ट वर्दी तैयार करने के लिए टेंडर दिया गया था, उन्होंने वर्दी शिक्षा विभाग को सप्लाई करना भी शुरू कर दिया है. शिक्षा विभाग के प्रदेश में 128 कलेक्शन सेंटरों में इस वर्दी को सप्लाई किया जा रहा है, लेकिन अभी तक वर्दी कुछ एक सेंटरों तक पहुंच नहीं पाई है. ऐसे में अब शिक्षा विभाग इस वर्दी को छात्रों को देने के लिए आचार संहिता समाप्त होने की ही बात कर रहा है.
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने बताया कि शिक्षा विभाग ने आचार संहिता के बीच स्कूलों में छात्रों को वर्दी बांटने की मंजूरी मांगी है, लेकिन अभी तक इसका जवाब नहीं आया है. अभी कुछ एक कलेक्शन सेंटरों तक वर्दी भी नहीं पहुंची है. ऐसे में चुनाव आचार सहिंता के समाप्त होने तक ही वर्दी सभी सेंटरों तक पहुंच जाएगी जिसके बाद इसे स्कूलों में बच्चों को बांटा जाएगा.
बता दें कि जिस कंपनी को वर्दी सप्लाई का टेंडर दिया गया है, उसकी सप्लाई की जाने वर्दी मैच हो गई है. इसके बाद ही वर्दियां शिक्षा विभाग के कलेक्शन सेंटरों तक भेजी जा रही हैं. स्कूलों में छात्रों को अलग-अलग वर्दी ना दे कर दो वर्दियों का कपड़ा एक साथ दिया जाएगा.
प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 8 लाख 30 हजार 945 छात्र स्मार्ट वर्दी का इंतजार कर रहे हैं. बीते साल भी स्कूलों में छात्रों को वर्दी नहीं मिल पाई है. इस साल भी सत्र की शुरुआत स्कूलों में हो चुकी है और छात्र वर्दी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनका ये इंतजार अब जून तक के लिए बढ़ गया है.
वैसे तो शिक्षा विभाग चाह रहा था छात्रों को आचार संहिता के बीच ही वर्दी आबंटित कर दी जाए. इसके लिए मंजूरी भी चुनाव आयोग से मांगी है, लेकिन अभी तक कोई जवाब आयोग की ओर से विभाग को नहीं दिया गया है. ऐसे में अब इस प्रक्रिया में ओर देरी होगी. बता दें कि वर्दी प्रक्रिया में टेंडर रद्द होने की वजह से वर्दी आबंटन में देरी हुई और इसके बाद फिर से टेंडर कर वर्दी तैयार करवाई गई है.
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