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हिमाचल में भूकंप के झटके, 11 दिन में 22 बार हिली देवभूमि की धरती - अति संवेदनशील क्षेत्र

सोमवार को एक बार फिर देवभूमि हिमाचल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप चंबा जिला में आया जिसका केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे धर्मशाल से पूर्व-उत्तर पूर्व में 27 किलोमीटर दूर रहा. हिमाचल में पिछले 11 दिनों में हिमाचल की धरती 22 बार हिली है. ये औसतन दिन में 2 बार है.

Earthquake in Himachal
डिजाइन फोटो.
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Published : Apr 6, 2020, 3:41 PM IST

Updated : Apr 6, 2020, 6:04 PM IST

शिमला: सोमवार को एक बार फिर देवभूमि हिमाचल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप चंबा जिला में आया जिसका केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे धर्मशाल से पूर्व-उत्तर पूर्व में 27 किलोमीटर दूर रहा.

हिमाचल में पिछले 11 दिनों में हिमाचल की धरती 22 बार हिली है. ये औसतन दिन में 2 बार है.

पिछले 11 दिन में कब-कब आया भूकंप

  • 27 मार्च को एक ही दिन में आए 12 भूकंप, इसमें सबसे बड़े भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 थी
  • 29 मार्च को पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, इसमें 4.5 की तीव्रता का भूकंप भी आया
  • 30 मार्च को हिमाचल की धरती 4 बार हिली, जिसमें 3.6 का भूकंप सबसे बड़ा था
  • 6 अप्रैल को सुबह सात बजे 3.1 रिक्टर स्केल का भूकंप आया

27 मार्च को 12 बार हिली हिमाचल की धरती

27 मार्च को एक ही दिन में सबसे अधिक 12 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. 11 दिनों में आए भूकंप का केंद्र कांगड़ा जिला के धर्मशाला में रहा.

आखिर हिमाचल में क्यों आते हैं इतने भूकंप

हिमाचल के चंबा जिले में आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. हालांकि, इनकी तीव्रता ज्यादा नहीं रहती है इसलिए जानमाल का कोई नुकसान नहीं होता है. गौर हो कि चंबा भूकंप संभावित क्षेत्रों में हिमाचल जोन-4 और पांच में आता है यही वजह है कि चंबा में लगातार धरती डोलती रहती है.

इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिले, कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. ये क्षेत्र सेस्मिक जोन पांच में आते हैं जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्र जोन चार के तहत आते हैं.

ऐसे में गनीमत ये रहती है कि प्रदेश में आने वाले अधिकतर भूकंपों की तीव्रता 4 से कम रहती है. जिससे नुकसान नहीं होता है. हालांकि प्रदेश में कई बार बड़े भूकंप भी आए हैं. 115 साल पहले 4 अप्रैल 1905 को आए कांगड़ा भूकंप को कोई नहीं भूल सकता.

ये भी पढ़ें: J&K के कुपवाड़ा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुआ घुमारवीं का जवान, चौपर से लाया जा रहा शव

शिमला: सोमवार को एक बार फिर देवभूमि हिमाचल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप चंबा जिला में आया जिसका केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे धर्मशाल से पूर्व-उत्तर पूर्व में 27 किलोमीटर दूर रहा.

हिमाचल में पिछले 11 दिनों में हिमाचल की धरती 22 बार हिली है. ये औसतन दिन में 2 बार है.

पिछले 11 दिन में कब-कब आया भूकंप

  • 27 मार्च को एक ही दिन में आए 12 भूकंप, इसमें सबसे बड़े भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 थी
  • 29 मार्च को पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, इसमें 4.5 की तीव्रता का भूकंप भी आया
  • 30 मार्च को हिमाचल की धरती 4 बार हिली, जिसमें 3.6 का भूकंप सबसे बड़ा था
  • 6 अप्रैल को सुबह सात बजे 3.1 रिक्टर स्केल का भूकंप आया

27 मार्च को 12 बार हिली हिमाचल की धरती

27 मार्च को एक ही दिन में सबसे अधिक 12 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. 11 दिनों में आए भूकंप का केंद्र कांगड़ा जिला के धर्मशाला में रहा.

आखिर हिमाचल में क्यों आते हैं इतने भूकंप

हिमाचल के चंबा जिले में आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. हालांकि, इनकी तीव्रता ज्यादा नहीं रहती है इसलिए जानमाल का कोई नुकसान नहीं होता है. गौर हो कि चंबा भूकंप संभावित क्षेत्रों में हिमाचल जोन-4 और पांच में आता है यही वजह है कि चंबा में लगातार धरती डोलती रहती है.

इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिले, कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. ये क्षेत्र सेस्मिक जोन पांच में आते हैं जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्र जोन चार के तहत आते हैं.

ऐसे में गनीमत ये रहती है कि प्रदेश में आने वाले अधिकतर भूकंपों की तीव्रता 4 से कम रहती है. जिससे नुकसान नहीं होता है. हालांकि प्रदेश में कई बार बड़े भूकंप भी आए हैं. 115 साल पहले 4 अप्रैल 1905 को आए कांगड़ा भूकंप को कोई नहीं भूल सकता.

ये भी पढ़ें: J&K के कुपवाड़ा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुआ घुमारवीं का जवान, चौपर से लाया जा रहा शव

Last Updated : Apr 6, 2020, 6:04 PM IST
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