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अर्थ ऑवर डे: 30 मार्च को शिमलावासी एक घंटे तक बंद रखेंगे बिजली - अर्थ ऑवर डे

30 मार्च को राजधानी में 30 मार्च को अर्थ ऑवर डे मनाया जाएगा.

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Published : Mar 29, 2019, 9:46 PM IST

शिमला: मार्च माह के लास्ट वीक के शनिवार को जिसे अर्थ ऑवर के रूप में मनाया जाता है. और इस साल शनिवार 30 मार्च को अर्थ ऑवर मनाया जाएगा. जिसमें अर्थ ऑवर में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इसी उद्देश्य को लेकर लोगों को अर्थ ऑवर के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

बता दें कि 30 मार्च को विश्वभर में अपनी धरती को बचाने के लिए एक घंटे के लिए लाइट बंद की जाती है और इस बार गिवअप टू गिव बैक की थीम के साथ इस उद्देश्य की शुरुआत की गई है. इसी कड़ी में राजधानी के लोगों ने एक घंटे तक लाइट बंद करके धरती को बचाने की पहल शुरू करेंगे.

दरअसल मार्च के लास्ट वीक के शनिवार को अर्थ ऑवर के रूप में मनाया जाता है. इस बार भी इस दिन पर लोगों से ये अपील की गई है कि अपने घरों में अनावश्यक बिजली जो जल रही है उसे एक घंटे तक बंद कर विश्वस्तर के प्रयास में अपनी भागेदारी दें. बता दें कि राजधानी में शिमला क्राइस्ट चर्च और हॉल की लाइट भी बंद की जाएगी.

इसके माध्यम से बिगड़ते पर्यावरण को बचाने के लिए ही नई शुरूआत कि गयी है, जिसमें हर एक व्यक्ति पर्यावरण को बचाने के लिए उसका हिस्सा बने. स्कूलों को गिवअप टू गिव बैक की में प्लास्टिक, पेपर ओर वाटर वेस्टेज पर रोक लगाने की शपथ लेनी होगी और इसमें सहयोग करना होगा ताकि पर्यावरण को बचा सके.

शिमला: मार्च माह के लास्ट वीक के शनिवार को जिसे अर्थ ऑवर के रूप में मनाया जाता है. और इस साल शनिवार 30 मार्च को अर्थ ऑवर मनाया जाएगा. जिसमें अर्थ ऑवर में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इसी उद्देश्य को लेकर लोगों को अर्थ ऑवर के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

बता दें कि 30 मार्च को विश्वभर में अपनी धरती को बचाने के लिए एक घंटे के लिए लाइट बंद की जाती है और इस बार गिवअप टू गिव बैक की थीम के साथ इस उद्देश्य की शुरुआत की गई है. इसी कड़ी में राजधानी के लोगों ने एक घंटे तक लाइट बंद करके धरती को बचाने की पहल शुरू करेंगे.

दरअसल मार्च के लास्ट वीक के शनिवार को अर्थ ऑवर के रूप में मनाया जाता है. इस बार भी इस दिन पर लोगों से ये अपील की गई है कि अपने घरों में अनावश्यक बिजली जो जल रही है उसे एक घंटे तक बंद कर विश्वस्तर के प्रयास में अपनी भागेदारी दें. बता दें कि राजधानी में शिमला क्राइस्ट चर्च और हॉल की लाइट भी बंद की जाएगी.

इसके माध्यम से बिगड़ते पर्यावरण को बचाने के लिए ही नई शुरूआत कि गयी है, जिसमें हर एक व्यक्ति पर्यावरण को बचाने के लिए उसका हिस्सा बने. स्कूलों को गिवअप टू गिव बैक की में प्लास्टिक, पेपर ओर वाटर वेस्टेज पर रोक लगाने की शपथ लेनी होगी और इसमें सहयोग करना होगा ताकि पर्यावरण को बचा सके.

Intro:मार्च माह के लास्ट वीक के शनिवार को जिसे अर्थ ऑवर के रूप में मनाया जाता है इस दिन पर आम लोग भी अपनी अर्थ को बचाने के लिए एक घंटे अपने घरों की ऐसी लाइट बंद कर जो आवश्यक नहीं है धरती को बचाने की दिशा में एक पहल कर सकते है। इस बार 30 मार्च यानी कि शनिवार को यह अर्थ ऑवर मनाया जा रहा है। प्लेनेट में इस बार अर्थ ऑवर पर अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसी उद्देश्य को लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर से लोगों को अर्थ ऑवर को लेकर जागरूक किया जा रहा है। विश्वभर में इस दिन अपनी धरती को बचाने के लिए एक घंटे के लिए लाइट बंद की जाती है और इस बार गिवअप टू गिव बैक की थीम के साथ इस उद्देश्य की शुरुआत की गई है।


Body:डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की प्रदेश की सयोंजक आरती गुप्ता ने कहा कि मार्च के लास्ट वीक के शनिवार को अर्थ ऑवर के रूप में मनाया जाता है । इस बार भी इस दिन पर लोगों से यह अपील की गई है कि अपने घरों में अनावश्यक बिजली जो जल रही है उसे एक घंटे यानी कि रात 8:30 से 9:30 तक बंद कर इस विश्वस्तर के प्रयास में अपनी भागेदारी दे। इसके साथ ही राजधानी शिमला में शिमला क्राइस्ट चर्च ओर टाउन हॉल की लाइट भी बंद की जाएगी। इसके साथ ही इस बार एक नई पहल यह भी की गई है कि स्कूली बच्चों के लिए बज्ज एंड #बी4 दी प्लेनेट यानी कि जिस तरह से मधुमक्खी हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए मदद करती है उसी तरह से हर इंशान करे।


Conclusion:इसके लिए बच्चों को बी की तरह बज्ज करना है और इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर इस पहल का भागीदार बनाना है। बिगड़ने पर्यावरण को बचाने के लिए ही एक ओर नई शुरूआत यह कि गयी है कि हर एक व्यक्ति पर्यावरण को बचाने के लिए उसका हिस्सा बन सके इसके लिए स्कूलों को गिवअप टू गिव बैक की में प्लास्टिक,पेपर ओर वाटर वेस्टेज पर रोक लगाने की शपथ लेनी होगी और इसमें सहयोग करना होगा ताकि पर्यावरण को जिसे हम पहले ही खराब कर चुके है उसे ओर अधिक नुकसान पहुंचने से बचाया जा सके।
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