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16 महीने बाद IGMC में खुला ई-ब्लॉक, मंगलवार को कोर कमेटी करेगी ये फैसला - corona patients in IGMC Shimla

हिमाचल प्रदेश के सबसे बडे़ अस्पताल आईजीएमसी का ई-ब्लॉक 16 महीनों बाद खुल गया. अब जल्द साइक्रेटी विभाग को यहां शिफ्ट करने की तैयारियां की जा रही हैं. वहीं, इसको लेकर मंगलवार को कोर कमेटी की बैठक होगी जिसमें फैसला लिया जाएगा.

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आईजीएमसी
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Published : Jul 5, 2021, 6:24 PM IST

शिमला: कोरोना मामलों का ग्राफ लगातार कम हो रहा है,इसलिए मरीजों के लिए बनाए गए सेंटर को बंद करने का काम आईजीएमसी (IGMC) में शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक कोरोना मरीजों (corona patients) की संख्या यहां केवल 13 रह गई है. कुछ समय पहले की बात की जाए तो यह आकड़ा 300 को पार कर गया था. अस्पताल के ई-ब्लॉक को भी अन्य विभागों के लिए लगभग 16 महीने बाद खोल दिया गया. अब जल्द ही ई-ब्लॉक में साइकेट्री विभाग शिफ्ट किया जाएगा. जिससे मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़गा. वहीं. मंगलवार को कोर कमेटी की बैठक होगी.

ई-ब्लॉक मार्च 2020 में हुआ था शुरू

कोरोना मरीजों के लिए ई-ब्लॉक (e-block) को कोविड मरीजों के लिए सबसे पहले खोला गया था. जानकारी अनुसार कोविड के शुरुआती समय मार्च 2020 से ही कोरोना मरीज इस ब्लॉक में दाखिल हैं. हालांकि, उसके बाद न्यू ओपीडी ब्लॉक और मेकशिफ्ट अस्पताल (makeshift hospital) कोविड मरीजों के लिए बनाया गया था, जिससे कि कोरोना मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए. वहीं, अब कोरोना के मामले कम होने से अस्पताल में कोरोना के नए मरीज कम ही दाखिल हो रहे हैं. न्यू ओपीडी ब्लॉक के साथ ही मेकशिफ्ट भी खाली हो चुका है.

दो फ्लोर कोविड मरीजों के लिए

आईजीएमसी अस्पताल के ई-ब्लॉक में अब केवल दो ही फ्लोर कोरोना मरीजों के लिए रखे गए हैं, जिसमें अस्पताल प्रशासन पूरी सुविधा प्रदान कर रहा है. कोरोना मरीजों की जानकारी उनके तीमारदारों तक पहुंचाने के लिए कोविड वार्ड के बाहर भी डॉक्टरों (doctors) को बैठाया गया है, जिससे कि मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी परिवारजनों को मिलती रहे.

ट्रामा सेंटर में मरीज

बीते पांच माह से ट्रामा सेंटर (trauma center) में ही साइकेट्री के मरीज रखे जा रहे हैं. ट्रामा सेंटर में प्रशासन ने पांच बेड लगाए थे, जिसमें इन मरीजाें काे रखा जाता था. हालांकि, यहां पर उन्हीं मरीजाें काे एडमिट (admit) किया जाता था, जिन्हें अस्पताल में ही ट्रीटमेंट करने की जरूरत हाेती है. अब यहां पर ऐसे सभी मरीजाें काे एडमिट किया जा सकेगा, जिन्हें डाॅक्टर अपनी निगरानी में रखना चाहते हैं. इसके अलावा पलमोनरी वार्ड काे ई ब्लाॅक में शिफ्ट किया गया था, यहां पर अभी मरीजाें का इलाज किया जा रहा, जब काेराेना मरीज डिस्चार्ज (corona patients discharge) हाेंगे, उसके बाद ही यहां पर पलमोनरी वार्ड काे शिफ्ट किया जाएगा.

साइकेट्री के मरीज ने डॉक्टर पर किया था हमला

तीन दिन पहले भी सीएमओ पर साइकेट्री के मरीज ने हमला कर दिया था. बताया जा रहा है कि जब डाॅक्टर ने मरीज से यह पूछा कि उसने नशा ताे नहीं किया ताे इतनी बात सुनते ही मरीज भड़क गया और डाॅक्टर काे पीटना शुरू कर दिया. डाॅक्टर ने इसकी शिकायत एसपी को की थी. न्यू ओपीडी ब्लाॅक पूरी तरह से तैयार है. जब यह ब्लाॅक शुरू हाे जाएगा ताे काफी जगह बचेगी. आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज (Dr. Janak Raj) ने बताया कि कोरोना मामलों के कम होने के बाद व्यवस्था को पहले जैसा किया जा रहा है, ताकि मरीजों को परेशानी न हो.

ये भी पढ़ें :HPU लाइब्रेरी खुलने से विद्यार्थियों को बड़ी राहत, विवि से समय में बढ़ोतरी की उठाई मां

शिमला: कोरोना मामलों का ग्राफ लगातार कम हो रहा है,इसलिए मरीजों के लिए बनाए गए सेंटर को बंद करने का काम आईजीएमसी (IGMC) में शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक कोरोना मरीजों (corona patients) की संख्या यहां केवल 13 रह गई है. कुछ समय पहले की बात की जाए तो यह आकड़ा 300 को पार कर गया था. अस्पताल के ई-ब्लॉक को भी अन्य विभागों के लिए लगभग 16 महीने बाद खोल दिया गया. अब जल्द ही ई-ब्लॉक में साइकेट्री विभाग शिफ्ट किया जाएगा. जिससे मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़गा. वहीं. मंगलवार को कोर कमेटी की बैठक होगी.

ई-ब्लॉक मार्च 2020 में हुआ था शुरू

कोरोना मरीजों के लिए ई-ब्लॉक (e-block) को कोविड मरीजों के लिए सबसे पहले खोला गया था. जानकारी अनुसार कोविड के शुरुआती समय मार्च 2020 से ही कोरोना मरीज इस ब्लॉक में दाखिल हैं. हालांकि, उसके बाद न्यू ओपीडी ब्लॉक और मेकशिफ्ट अस्पताल (makeshift hospital) कोविड मरीजों के लिए बनाया गया था, जिससे कि कोरोना मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए. वहीं, अब कोरोना के मामले कम होने से अस्पताल में कोरोना के नए मरीज कम ही दाखिल हो रहे हैं. न्यू ओपीडी ब्लॉक के साथ ही मेकशिफ्ट भी खाली हो चुका है.

दो फ्लोर कोविड मरीजों के लिए

आईजीएमसी अस्पताल के ई-ब्लॉक में अब केवल दो ही फ्लोर कोरोना मरीजों के लिए रखे गए हैं, जिसमें अस्पताल प्रशासन पूरी सुविधा प्रदान कर रहा है. कोरोना मरीजों की जानकारी उनके तीमारदारों तक पहुंचाने के लिए कोविड वार्ड के बाहर भी डॉक्टरों (doctors) को बैठाया गया है, जिससे कि मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी परिवारजनों को मिलती रहे.

ट्रामा सेंटर में मरीज

बीते पांच माह से ट्रामा सेंटर (trauma center) में ही साइकेट्री के मरीज रखे जा रहे हैं. ट्रामा सेंटर में प्रशासन ने पांच बेड लगाए थे, जिसमें इन मरीजाें काे रखा जाता था. हालांकि, यहां पर उन्हीं मरीजाें काे एडमिट (admit) किया जाता था, जिन्हें अस्पताल में ही ट्रीटमेंट करने की जरूरत हाेती है. अब यहां पर ऐसे सभी मरीजाें काे एडमिट किया जा सकेगा, जिन्हें डाॅक्टर अपनी निगरानी में रखना चाहते हैं. इसके अलावा पलमोनरी वार्ड काे ई ब्लाॅक में शिफ्ट किया गया था, यहां पर अभी मरीजाें का इलाज किया जा रहा, जब काेराेना मरीज डिस्चार्ज (corona patients discharge) हाेंगे, उसके बाद ही यहां पर पलमोनरी वार्ड काे शिफ्ट किया जाएगा.

साइकेट्री के मरीज ने डॉक्टर पर किया था हमला

तीन दिन पहले भी सीएमओ पर साइकेट्री के मरीज ने हमला कर दिया था. बताया जा रहा है कि जब डाॅक्टर ने मरीज से यह पूछा कि उसने नशा ताे नहीं किया ताे इतनी बात सुनते ही मरीज भड़क गया और डाॅक्टर काे पीटना शुरू कर दिया. डाॅक्टर ने इसकी शिकायत एसपी को की थी. न्यू ओपीडी ब्लाॅक पूरी तरह से तैयार है. जब यह ब्लाॅक शुरू हाे जाएगा ताे काफी जगह बचेगी. आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज (Dr. Janak Raj) ने बताया कि कोरोना मामलों के कम होने के बाद व्यवस्था को पहले जैसा किया जा रहा है, ताकि मरीजों को परेशानी न हो.

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