शिमलाः आईजीएमसी में विवादों के बीच गुरुनानक के घर का स्वास्थ्य मंत्री द्वारा शुभारंभ के 24 घंटे बाद ही आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बड़ा खुलासा किया है. एमएस डॉ जनक राज ने बताया कि बॉबी जिस रैन बसेरा को गलत तरीके से टेंडर करना बता रहे हैं. उस रैन बसेरा का फैसला 12 अक्टूबर 2020 को आईजीएमसी में हुई गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हुआ था.
एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के तहत हुए टेंडर
उनका कहना था एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के तहत आईजीएमसी ने 19 दिसंबर 2020 को रैन बसेरा के लिए टेंडर आमंत्रित किया. जिसकी अंतिम तिथि 2 जनवरी 2021 थी. उसमें सिर्फ नोफल संस्था ने अप्लाई किया था ओर वह सभी मानकों को पूरा करते थे. इस लिये उन्हें यह रैन बसेरा जहां मरीजों को रहने की, खाने की व मरीजों को सहारा देने की व्यवस्था रहेगी.
समाज सेवक कानून से ऊपर नही हो सकता
उन्होंने कहा कि सरकारी चीज का गलत उपयोग नहीं किया जा सकता है और न ही बिना कागजी कार्रवाई के किसी को दिया जा सकता है. एमएस ने बताया कि कोई भी समाज सेवक कानून से ऊपर नहीं हो सकता है. कानून के दायरे में रह कर ही काम कर सकते हैं. उनका कहना था कि सरबजीत बॉबी पिछले 6 साल से आईजीएमसी में सेवा दे रहे हैं वो खुद अपनी मर्जी से सेवा कर रहे हैं और आईजीएमसी प्रशासन का उनपर नियंत्रण नहीं है.
अवैध कब्जे पर चलता है बॉबी का लंगर
उनका कहना था कि बॉबी जहां लंगर चलाते हैं वह अवैध कब्जा है उनकी कोई कागजी कर्रवाई नहीं हुई है. एमएस ने बताया कि बॉबी बीच-बीच में खुद सरकारी संपत्ति पर अपना निर्माण करते रहे हैं. जिसकी सूचना आईजीएमसी प्रशासन ने उच्च अधिकारी को समय-समय पर दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. एमएस ने कहा कि आईजीएमसी के संपत्ति पर अवैध कब्जा जो भी है उसकी वह जांच कर के कार्रवाई करेंगे.
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