शिमला: हिमाचल की सुक्खू सरकार ने निराश्रितों के लिए सुख आश्रय योजना शुरू की है. इस योजना के लिए सरकार समाज के सभी वर्गों से भी मदद ले रही है. सरकार ने इस योजना के लिए सुख आश्रय फंड स्थापित किया है. जिसमें ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन डोनेशन भी जमा करवा सकते हैं. ऑनलाइन सुविधा से कोई भी व्यक्ति घर बैठे इसके लिए अपनी डोनेशन दे सकता है. हालांकि फंड में डोनेशन के लिए बड़े डोनेटर ऑफलाइन मोड ही चुन रहे हैं, जबकि ऑनलाइन डोनेशन करने वालों में अधिकतर छोटे डोनर शामिल हैं.
ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों ओर से मिल रहा फंड: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार द्वारा निराश्रितों के लिए चलाई गई सुख आश्रय योजना के लिए सरकार ने 101 करोड़ का सुख आश्रय फंड स्थापित किया है. इस फंड में सरकार के साथ ही विभिन्न संगठन, औद्योगिक समूहों के अलावा समाज के अन्य वर्ग भी अपना योगदान दे रहे हैं. सरकार ने फंड डोनेशन के लिए ऑनलाइन डोनेशन की सुविधा दी है जिसका लोगों द्वारा खूब फायदा उठाया जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस फंड में जमा करीब 67 लाख 59 हजार 531 राशि में से करीब 50 हजार 328 रुपये ऑनलाइन जमा करवाई गई है.
छोटे डोनर चुन रहे हैं ऑनलाइन मोड: हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुख आश्रय फंड के लिए ऑनलाइन डोनेशन की भी सुविधा दी है, ताकि लोग घर बैठे ही इस फंड में पैसा जमा करवा सकें. इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल भी लांच कर रखा है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी फंड में डोनेशन कर सकता है, लेकिन इसका फायदा अधिकतर छोटे डोनेटर ही उठा रहे हैं, जबकि बड़े डोनेटर ऑफलाइन ही फंड डोनेट करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. अभी तक इस फंड में कुल 67 लाख 59 हजार 531 रुपये डोनेट किए जा चुके हैं. जिनमें से करीब 50 हजार 328 रुपये की राशि ही ऑनलाइन जमा करवाई गई है. ऑनलाइन डोनेशन में सबसे ज्यादा 21 हजार की राशि एक पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई है. जबकि बाकी डोनरों ने 51 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक की राशि जमा करवाई है.
औद्योगिक समूह ने सबसे ज्यादा 11 लाख किए डोनेट: हिमाचल सरकार के सुखाश्रय कोष के लिए अब तक एक औद्योगिक सूमह ने सबसे ज्यादा 11 लाख रुपये डोनेट किए हैं. चंडीगढ़ के इस होटल समूह ने ऑफलाइन ही यह राशि डोनेट की है. इनके अलावा पंजाब की एक फर्म और सिरमौर के पांवटा स्थित एक अन्य फर्म में से प्रत्येक ने 3.50 लाख रुपये ऑफलाइन डोनेट किए हैं. बैंगलुरू की एक फर्म ने भी 3.50 लाख ऑफलाइन डोनेट किए हैं. हिमाचल प्रदेश प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से 5 लाख और कुल्लू की एक एसोसिएशन ने भी 5 लाख की डोनेशन इस फंड में करवाई है. इसके अलावा एक कंपनी ने 2.51 लाख और एक अन्य कंपनी ने 2 लाख ऑफलाइन डोनेट किए हैं.
स्कूली छात्र ने अपनी गुल्लक से डोनेट किए थे 11 हजार: प्रेदश सरकार की इस योजना से प्रोत्साहित होकर छात्र भी सुख आश्रय फंड में डोनेट कर रहे हैं. शिमला के एक 9वीं कक्षा के छात्र शशांक गौतम ने भी अपनी गुल्लक तोड़कर सीएम फंड में इसकी 11 हजार की राशि दी थी. वह इस योजना से प्रभावित थे और गुल्लक में जमा अपनी राशि सरकार के उस फंड में देना चाहते थे, जिससे निराश्रित बच्चों की मदद की जा सके. इसी तरह अन्य लोग भी अपने हैसियत के हिसाब से इसमें डोनेट कर रहे हैं.
निराश्रितों के लिए चलाई गई है सुख आश्रय योजना: हिमाचल की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने निराश्रितों के लिए सुख आश्रय योजना चलाई है. इसके लिए सरकार ने एक सुख आश्रय फंड बनाया है. इस फंड से सरकार निराश्रितों के लिए कल्याण के लिए कदम उठा रही है. राज्य में करीब 6000 निराश्रित बच्चों को सुख आश्रय योजना के अधीन लाया गया है जिनको सरकार ने चिल्ड्रेन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया है. इसके अलावा आश्रमों में रहने वाले बुजुर्ग और निराश्रित महिलाएं भी इस योजना में शामिल की हैं. इसके लिए कई तरह के योजनाएं राज्य सरकार ला रही है, जिसके लिए भारी धनराशि की जरूरत है. इसके चलते सरकार कॉरपोरेट सेक्टर के साथ ही विभिन्न संगठनों, संस्थाओं और आम लोगों का इसके लिए सहयोग ले रही है.
सीएम ने भी अपना पहले माह का वेतन दिया फंड में: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपना पहले माह का वेतन इस फंड में दे चुके हैं और कांग्रेस के विधायकों ने भी इसमें एक-एक लाख की डोनेशन की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समाजसेवियों, आम जनता और समाज के सुविधा संपन्न वर्गों से इस फंड के लिए उदारतापूर्वक योगदान देने की अपील करते रहे हैं, ताकि जरूरतमंदों की सरकार मदद कर सके.
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