शिमला: बजट सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे के साथ शुरू हुआ. विपक्ष के 7 सदस्यों ने नियम 67 के तहत चर्चा का नोटिस दिया था. विपक्ष चाहता था कि संस्थानों को बन्द करने के मामले पर चर्चा की जाए. सत्ता पक्ष का मानना था कि सदन में प्रश्नकाल हो. अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि आज बहुत से जनहित के सवाल लगे हैं. अगर सदन सहमत हो तो प्रश्नकाल शुरू किया जाए. इसलिए नोटिस को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. फिर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हस्तक्षेप किया और कहा कि नियम 67 एक रूटीन की प्रक्रिया हो गयी है.
विपक्ष चाहता है वो वॉकआउट कर और मीडिया की सुर्खियां बने. सीएम ने बाद में चर्चा पर सहमति जताई और अध्यक्ष ने अनुमति दी. उसके बाद सुखराम चौधरी ने चर्चा शुरू की. सुखराम चौधरी ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने एक बार कहा था कि एक बच्चे के लिए भी वो स्कूल खोलेंगे. कांग्रेस सरकार तो अपने नेता की बात भी नहीं सुन रही. चौधरी ने कहा कि 3 महीने में ही जनता विरोध के लिए सड़क पर आ गई है.
राज्यपाल को लाखों लोगों ने हस्ताक्षर कर संस्थान बन्द करने का विरोध जताया है. उन्होंने सिरमौर में बन्द किये संस्थानों का ब्यौरा दिया. इस से पहले हंगामे के बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने चर्चा की अनुमति दी थी और सत्र के दूसरे दिन अब संस्थानों को बन्द करने पर चर्चा हो रही है. इस समय कांग्रेस सदस्य राजेश धर्माणी चर्चा में भाग ले रहे हैं.
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