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हिमाचल में नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी, अब डिपार्टमेंटल स्टोर पर भी बिकेगी विदेशी शराब - Retail license

हिमाचल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. अब बड़े पर्यटन स्थलों में स्थित डिपार्टमेंटल स्टोर भी शराब बेच सकेंगे. इन स्टोर्स में विदेशी ब्रांड की शराब बिकेगी. इसके लिए बाकायदा लाइसेंस जारी किए जाएंगे. यह लाइसेंस केवल पर्यटन केंद्रित शहरों और नगर निगम परिधि में आने वाले क्षेत्रों के लिए होंगे. इस पॉलिसी में सरकार में चार से ज्यादा शराब की बोतलें खरीदने पर लागू सीलिंग भी हटाई है.

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Published : May 26, 2021, 3:29 PM IST

शिमला: हिमाचल में अब बड़े पर्यटन स्थलों में स्थित डिपार्टमेंटल स्टोर भी शराब बेच सकेंगे. इन स्टोर्स में विदेशी ब्रांड की शराब बिकेगी. इसके लिए बाकायदा लाइसेंस जारी किए जाएंगे. यह लाइसेंस केवल पर्यटन केंद्रित शहरों और नगर निगम परिधि में आने वाले क्षेत्रों के लिए होंगे. हाल ही में हिमाचल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दी है. इस पॉलिसी में सरकार ने चार से ज्यादा शराब की बोतलें खरीदने पर लागू सीलिंग भी हटाई है.

केंद्रीय सेना पुलिस को शराब कैंटीन खोलने को लाइसेंस

इस नीति के अनुसार सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1,829 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति की उम्मीद जताई जा रही है. यह वित्तीय वर्ष 2020-21 से 14 प्रतिशत ज्यादा है. शराब की तस्करी को रोकने के लिए एनफोर्समेंट यूनिट को मजबूती दी जाएगी. इसके लिए पुलिस बल स्थापित किया जाएगा. साथ ही विश्व बैंक पोषित ट्रैक एंड ट्रेस प्रोजेक्ट को मजबूत करने के लिए नीति में नए प्रावधान किए गए हैं.

केंद्रीय सेना पुलिस के लिए शराब की कैंटीन खोलने को लाइसेंस दिया जाएगा. लाइसेंस फीस और एक्साइज डयूटी को 5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. कोटे में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है. नीति में रेवेन्यू के नए संसाधनों का जिक्र भी किया गया है.

वाइन टेस्टिंग फेस्टिवल और विजिटर सेंटर का प्रावधान

शराब निर्माताओं के लिए ईएनए की अनिवार्य टेस्टिंग के प्रावधानों में छूट दी गई है. इथेन के उत्पादन के लिए नए लाइसेंस दिए जाएंगे. शराब निर्माताओं को फायदा पहुंचाने के लिए वाइन टेस्टिंग फेस्टिवल और विजिटर सेंटर का प्रावधान किया गया है. डी-2 डी 2 ए, और बीडब्ल्यूएच 2 लाइसेंस के जरिए ईएनए की खरीद को सुव्यवस्थित किया जाएगा. इसके अलावा छोटे होल सेलर्स को फायदा पहुंचाने के लिए एल-1 लाइसेंस के लिए लाइसेंस फीस को रेशनलाइज किया जाएगा. परिवहन के दौरान होने वाली टूटफूट के लिए ब्रेकेज को 0.5 से 0.6 तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई है.

रिटेलर के लिए क्या है

  • रिटेल लाइसेंस की रिन्यूअल फीस 3 प्रतिशत रेट घटी.
  • देसी शराब का अनिवार्य लिफ्टिंग कोटा 30 से 15 प्रतिशत हुआ.
  • रिटेल सेल की सीमा हटाई.
  • डेडिकेटेड वाइन सेलर को मजबूती.
  • कोटे से कन्वर्जन फीस हुई कम.
  • एमआरपी से ज्यादा शराब बेचने पर पेनल्टी कम.
  • नई नीति के कुछ अहम पहलू
  • मिनिमम वार्षिक कोटा घटाया जाएगा
  • अगर नजदीकी रिटेलर ग्राहक की पसंदीदा शराब के ब्रांड उपलब्ध करवाने में नाकाम है, तो अन्य शराब विक्रेताओं से शराब खरीदने के प्रावधानों को आसान किया गया है.
  • फर्निश सिक्योरिटी की जरूरत को हटाया गया है.
  • तय शर्तों को पूरा करने के बाद विभागीय कैंटीन से पर्यटकों व विशेष श्रेणी के लोगों को शराब खरीदने की अनुमति.
  • मनमाने दामों पर होने वाली बिक्री रोकने के लिए तय होगा एमआरपी.
  • सस्ते शराब के ब्रांड से हटाई जाएगी एक्साइज ड्यूटी.
  • सस्ते शराब के ब्रांड के दाम भी घटे.
  • मार्केट में बायो ब्रांड उपलब्ध करवाने के लिए एल-1बी होलसेलर्स को अन्य राज्य से शराब खरीदने की अनुमति.

ये भी पढ़ें: आज साल का पहला चंद्र ग्रहण, भारत में नहीं मान्य होगा सूतककाल

शिमला: हिमाचल में अब बड़े पर्यटन स्थलों में स्थित डिपार्टमेंटल स्टोर भी शराब बेच सकेंगे. इन स्टोर्स में विदेशी ब्रांड की शराब बिकेगी. इसके लिए बाकायदा लाइसेंस जारी किए जाएंगे. यह लाइसेंस केवल पर्यटन केंद्रित शहरों और नगर निगम परिधि में आने वाले क्षेत्रों के लिए होंगे. हाल ही में हिमाचल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दी है. इस पॉलिसी में सरकार ने चार से ज्यादा शराब की बोतलें खरीदने पर लागू सीलिंग भी हटाई है.

केंद्रीय सेना पुलिस को शराब कैंटीन खोलने को लाइसेंस

इस नीति के अनुसार सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1,829 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति की उम्मीद जताई जा रही है. यह वित्तीय वर्ष 2020-21 से 14 प्रतिशत ज्यादा है. शराब की तस्करी को रोकने के लिए एनफोर्समेंट यूनिट को मजबूती दी जाएगी. इसके लिए पुलिस बल स्थापित किया जाएगा. साथ ही विश्व बैंक पोषित ट्रैक एंड ट्रेस प्रोजेक्ट को मजबूत करने के लिए नीति में नए प्रावधान किए गए हैं.

केंद्रीय सेना पुलिस के लिए शराब की कैंटीन खोलने को लाइसेंस दिया जाएगा. लाइसेंस फीस और एक्साइज डयूटी को 5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. कोटे में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है. नीति में रेवेन्यू के नए संसाधनों का जिक्र भी किया गया है.

वाइन टेस्टिंग फेस्टिवल और विजिटर सेंटर का प्रावधान

शराब निर्माताओं के लिए ईएनए की अनिवार्य टेस्टिंग के प्रावधानों में छूट दी गई है. इथेन के उत्पादन के लिए नए लाइसेंस दिए जाएंगे. शराब निर्माताओं को फायदा पहुंचाने के लिए वाइन टेस्टिंग फेस्टिवल और विजिटर सेंटर का प्रावधान किया गया है. डी-2 डी 2 ए, और बीडब्ल्यूएच 2 लाइसेंस के जरिए ईएनए की खरीद को सुव्यवस्थित किया जाएगा. इसके अलावा छोटे होल सेलर्स को फायदा पहुंचाने के लिए एल-1 लाइसेंस के लिए लाइसेंस फीस को रेशनलाइज किया जाएगा. परिवहन के दौरान होने वाली टूटफूट के लिए ब्रेकेज को 0.5 से 0.6 तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई है.

रिटेलर के लिए क्या है

  • रिटेल लाइसेंस की रिन्यूअल फीस 3 प्रतिशत रेट घटी.
  • देसी शराब का अनिवार्य लिफ्टिंग कोटा 30 से 15 प्रतिशत हुआ.
  • रिटेल सेल की सीमा हटाई.
  • डेडिकेटेड वाइन सेलर को मजबूती.
  • कोटे से कन्वर्जन फीस हुई कम.
  • एमआरपी से ज्यादा शराब बेचने पर पेनल्टी कम.
  • नई नीति के कुछ अहम पहलू
  • मिनिमम वार्षिक कोटा घटाया जाएगा
  • अगर नजदीकी रिटेलर ग्राहक की पसंदीदा शराब के ब्रांड उपलब्ध करवाने में नाकाम है, तो अन्य शराब विक्रेताओं से शराब खरीदने के प्रावधानों को आसान किया गया है.
  • फर्निश सिक्योरिटी की जरूरत को हटाया गया है.
  • तय शर्तों को पूरा करने के बाद विभागीय कैंटीन से पर्यटकों व विशेष श्रेणी के लोगों को शराब खरीदने की अनुमति.
  • मनमाने दामों पर होने वाली बिक्री रोकने के लिए तय होगा एमआरपी.
  • सस्ते शराब के ब्रांड से हटाई जाएगी एक्साइज ड्यूटी.
  • सस्ते शराब के ब्रांड के दाम भी घटे.
  • मार्केट में बायो ब्रांड उपलब्ध करवाने के लिए एल-1बी होलसेलर्स को अन्य राज्य से शराब खरीदने की अनुमति.

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