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जयराम के ड्रीम प्रोजेक्ट में देरी: मंडी ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के लिए नहीं हो पाया जमीन का अधिग्रहण - delay in mandi green field airport project

सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट (Jairam Thakur Dream Project) कब धरातल पर उतरेगा. यह प्रश्न अभी जनता के सामने बना हुआ है. 500 बीघा जमीन सरकारी और 35 बीघा जमीन का अधिग्रहण होना है, लेकिन अभी तक जमीन की डिमार्केशन (Daley in Mandi Green field Airport Project) तक नहीं हो पाई. वहीं, कांग्रेस ने भी डबल इंजन की सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.

Mandi Green Field Airport Project
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Published : Jul 1, 2022, 12:32 PM IST

शिमला: सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट (Jairam Thakur Dream Project) कब धरातल पर उतरेगा. यह प्रश्न अभी जनता के सामने बना हुआ (Daley in Mandi Greenfield Airport Project)है. मंडी ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा परियोजना (Mandi Green Field Airport Project) में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी एएआइ(AAIE) और 49 प्रतिशत हिमाचल सरकार की होगी. 3000 करोड़ की लागत से हवाई अड्डा बनेगा, लेकिन हवाई अड्डा निर्माण का पूरा खर्च हिमाचल सरकार को उठाना पड़ेगा.

500 बीघा सरकारी जमीन: 500 बीघा जमीन सरकारी और 35 बीघा जमीन का अधिग्रहण होना है, लेकिन अभी तक जमीन की डिमार्केशन तक नहीं हो पाई. इसके बाद जमीन अधिग्रहण का कार्य भी होना है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि इस हवाई अड्डे से प्रदेश में हवाई यातायात की सुविधा बढ़ेगी. पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयुक्त: यह हवाई अड्डा वाइड बॉडी विमानों के उतरने के लिए उपयुक्त होगा ,जिसमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं. मंडी जिले में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे में 3150 मीटर का रन-वे विकसित किया जाएगा. इसके लिए 2840 बीघा भूमि चिन्हित की गई है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (Airports Authority of India) ने इसके लिए ऑब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस (ओ.एल.एस.) और लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण भी करवाए हैं.

ओएलएस और लिडार सर्वेक्षण कराया: ओएलएस (ऑब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस) और लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार मंडी में हवाई अड्डा रात में लैंडिंग और वर्षभर संचालन के साथ एबी-320 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है. मंडी जिले में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे में 3150 मीटर का रन-वे विकसित किया जाएगा. इसके लिए 2840 बीघा भूमि चिह्नित की गई है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने इसके लिए ओएलएस और लिडार सर्वेक्षण भी कराया है.

डबल इंजन काम नहीं आया: कांग्रेस प्रवक्ता सौरभ चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार बनने के बाद से ही मंडी ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बता रहे, लेकिन अभी तक एक बीघा जमीन का भी अधिग्रहण नहीं किया गया अब केंद्र ने भी इस प्रोजेक्ट से हाथ पीछे खींच लिए. पिछले दिनों प्रदेश सरकार दिल्ली में समझौता करके आई है कि एयरपोर्ट निर्माण का पूरा खर्च भी हिमाचल सरकार ही उठाएगी, जबकि मुख्यमंत्री हर मंच से कहते है हिमाचल को डबल इंजन की सरकार का लाभ मिलेगा. जयराम सरकार का केवल 4 महीने का कार्यकाल शेष है. इनकी कथनी और करनी अब जनता के सामने आ रही है.

परिजोजना में तेजी आई: प्रिंसिपल सेक्रेटरी एविएशन देवेश कुमार ने बताया कि प्रस्तावित ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के लिए पिछले दिनों प्रदेश सरकार व निर्माण कार्य करने वाली कंपनी के बीच करार होने के बाद परियोजना में तेजी आई है. हवाई अड्डे के निर्माण के लिए चिह्नित भूमि की बाहरी सीमा का निरीक्षण स्थानीय अधिकारियों ने कर लिया.

इस सीमा के अंतर्गत सभी विभागों की जितनी भी संपत्तियां व अन्य कार्यालय हैं, उनका ब्योरा हमारे पास पहुंच गया. विभागों से संबंधित अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि व संपत्ति का विवरण आकलन सहित सरकार के पास आ गया है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल टांवा, राजकीय प्राथमिक स्कूल टांवा व छातडू हवाई अड्डे की जद में आ रहे हैं.

शिमला: सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट (Jairam Thakur Dream Project) कब धरातल पर उतरेगा. यह प्रश्न अभी जनता के सामने बना हुआ (Daley in Mandi Greenfield Airport Project)है. मंडी ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा परियोजना (Mandi Green Field Airport Project) में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी एएआइ(AAIE) और 49 प्रतिशत हिमाचल सरकार की होगी. 3000 करोड़ की लागत से हवाई अड्डा बनेगा, लेकिन हवाई अड्डा निर्माण का पूरा खर्च हिमाचल सरकार को उठाना पड़ेगा.

500 बीघा सरकारी जमीन: 500 बीघा जमीन सरकारी और 35 बीघा जमीन का अधिग्रहण होना है, लेकिन अभी तक जमीन की डिमार्केशन तक नहीं हो पाई. इसके बाद जमीन अधिग्रहण का कार्य भी होना है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि इस हवाई अड्डे से प्रदेश में हवाई यातायात की सुविधा बढ़ेगी. पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयुक्त: यह हवाई अड्डा वाइड बॉडी विमानों के उतरने के लिए उपयुक्त होगा ,जिसमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं. मंडी जिले में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे में 3150 मीटर का रन-वे विकसित किया जाएगा. इसके लिए 2840 बीघा भूमि चिन्हित की गई है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (Airports Authority of India) ने इसके लिए ऑब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस (ओ.एल.एस.) और लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण भी करवाए हैं.

ओएलएस और लिडार सर्वेक्षण कराया: ओएलएस (ऑब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस) और लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार मंडी में हवाई अड्डा रात में लैंडिंग और वर्षभर संचालन के साथ एबी-320 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है. मंडी जिले में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे में 3150 मीटर का रन-वे विकसित किया जाएगा. इसके लिए 2840 बीघा भूमि चिह्नित की गई है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने इसके लिए ओएलएस और लिडार सर्वेक्षण भी कराया है.

डबल इंजन काम नहीं आया: कांग्रेस प्रवक्ता सौरभ चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार बनने के बाद से ही मंडी ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बता रहे, लेकिन अभी तक एक बीघा जमीन का भी अधिग्रहण नहीं किया गया अब केंद्र ने भी इस प्रोजेक्ट से हाथ पीछे खींच लिए. पिछले दिनों प्रदेश सरकार दिल्ली में समझौता करके आई है कि एयरपोर्ट निर्माण का पूरा खर्च भी हिमाचल सरकार ही उठाएगी, जबकि मुख्यमंत्री हर मंच से कहते है हिमाचल को डबल इंजन की सरकार का लाभ मिलेगा. जयराम सरकार का केवल 4 महीने का कार्यकाल शेष है. इनकी कथनी और करनी अब जनता के सामने आ रही है.

परिजोजना में तेजी आई: प्रिंसिपल सेक्रेटरी एविएशन देवेश कुमार ने बताया कि प्रस्तावित ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के लिए पिछले दिनों प्रदेश सरकार व निर्माण कार्य करने वाली कंपनी के बीच करार होने के बाद परियोजना में तेजी आई है. हवाई अड्डे के निर्माण के लिए चिह्नित भूमि की बाहरी सीमा का निरीक्षण स्थानीय अधिकारियों ने कर लिया.

इस सीमा के अंतर्गत सभी विभागों की जितनी भी संपत्तियां व अन्य कार्यालय हैं, उनका ब्योरा हमारे पास पहुंच गया. विभागों से संबंधित अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि व संपत्ति का विवरण आकलन सहित सरकार के पास आ गया है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल टांवा, राजकीय प्राथमिक स्कूल टांवा व छातडू हवाई अड्डे की जद में आ रहे हैं.

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