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scrub typhus in Himachal: स्क्रब टाइफस से एक और मरीज की मौत, अब तक 6 लोगों की जा चुकी है जान - IGMC Shimla

हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज आईजीएमसी शिमला में एक महिला की मौत स्क्रब टाइफस की वजह से हो गयी. इसी के साथ प्रदेश में स्क्रब टाइफस से मरने वालों का आंकड़ा 6 पहुंच गया. (scrub typhus in Himachal) (IGMC Shimla)

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हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस का प्रकोप
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 2, 2023, 10:13 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं. बीते 24 घंटे में स्क्रब टाइफस से एक और मरीज ने दम तोड़ दिया. जानकारी के अनुसार चौपाल की रहने वाली महिला (64 वर्ष) पिछले कुछ दिनों से स्क्रब टाइफस संक्रमण के चलते आईजीएमसी शिमला में एडमिट थी. महिला की हालत बेहद क्रिटिकल बनी हुई थी. आज महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस के अब तक 818 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से 227 लोग संक्रमित पाए गए.

शनिवार को कुल 23 लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 10 लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल रॉव ने कहा स्क्रब टाइफस से महिला की मौत हुई है. 6 लोग अब तक स्क्रब टाइफस से अपनी जान गंवा चुके हैं. अस्पताल में एडमिट मरीजों पर डॉक्टरों की टीम पूरी नजर रख रही है. अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार हैं तो, वे अपना स्क्रब टाइफस का टेस्ट जरूर करवाएं.

स्क्रब टाइफस के लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार होता है, जिसमें बुखार 104°F से105°F तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना इसके लक्षण हैं.

स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय: अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखे. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. स्क्रब टाइफस होने पर मरीजों को डॉक्सीसाइक्लन और एजिथ्रोमाईसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरूआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि इसमें मरीजों की मौत हो जाती है.

स्क्रब टाइफस का इलाज: स्क्रब टाइफस का उपचार एंटीबायोटिक दवाओं, विशेष रूप से डॉक्सीसाइक्लिन से होता है. यह किसी भी उम्र के रोगियों को दिया जा सकता है. जब तक कि अन्य चिकित्सीय स्थितियां, इसके उपयोग को प्रतिबंधित न करें. हालांकि इसमें शामिल प्रक्रियाओं के कारण निदान की पुष्टि में समय लग सकता है. जितनी जल्दी एंटीबायोटिक्स ली जाएंगी, दवा उतनी ही अधिक प्रभावी होगी और रिकवरी भी उतनी ही तेजी से होगी.

स्क्रब टाइफस से 2022 में 20 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 2000 टेस्ट करवाए गए थे. जिसमें 500 लोग पॉजिटिव पाए गए थे. 2020 और 21 में कोरोना संक्रमण के दौरान इसके टेस्ट नहीं हो पाए. वहीं, 2019 में 12 लोगों की स्क्रब टाइफस से मौत हुई थी. उस समय भी 600 के लगभग लोग स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाए गए थे.

ये भी पढ़ें: Scrub Typhus: हिमाचल में तेजी से फैल रहा स्क्रब टाइफस, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं. बीते 24 घंटे में स्क्रब टाइफस से एक और मरीज ने दम तोड़ दिया. जानकारी के अनुसार चौपाल की रहने वाली महिला (64 वर्ष) पिछले कुछ दिनों से स्क्रब टाइफस संक्रमण के चलते आईजीएमसी शिमला में एडमिट थी. महिला की हालत बेहद क्रिटिकल बनी हुई थी. आज महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस के अब तक 818 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से 227 लोग संक्रमित पाए गए.

शनिवार को कुल 23 लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 10 लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल रॉव ने कहा स्क्रब टाइफस से महिला की मौत हुई है. 6 लोग अब तक स्क्रब टाइफस से अपनी जान गंवा चुके हैं. अस्पताल में एडमिट मरीजों पर डॉक्टरों की टीम पूरी नजर रख रही है. अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार हैं तो, वे अपना स्क्रब टाइफस का टेस्ट जरूर करवाएं.

स्क्रब टाइफस के लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार होता है, जिसमें बुखार 104°F से105°F तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना इसके लक्षण हैं.

स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय: अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखे. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. स्क्रब टाइफस होने पर मरीजों को डॉक्सीसाइक्लन और एजिथ्रोमाईसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरूआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि इसमें मरीजों की मौत हो जाती है.

स्क्रब टाइफस का इलाज: स्क्रब टाइफस का उपचार एंटीबायोटिक दवाओं, विशेष रूप से डॉक्सीसाइक्लिन से होता है. यह किसी भी उम्र के रोगियों को दिया जा सकता है. जब तक कि अन्य चिकित्सीय स्थितियां, इसके उपयोग को प्रतिबंधित न करें. हालांकि इसमें शामिल प्रक्रियाओं के कारण निदान की पुष्टि में समय लग सकता है. जितनी जल्दी एंटीबायोटिक्स ली जाएंगी, दवा उतनी ही अधिक प्रभावी होगी और रिकवरी भी उतनी ही तेजी से होगी.

स्क्रब टाइफस से 2022 में 20 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 2000 टेस्ट करवाए गए थे. जिसमें 500 लोग पॉजिटिव पाए गए थे. 2020 और 21 में कोरोना संक्रमण के दौरान इसके टेस्ट नहीं हो पाए. वहीं, 2019 में 12 लोगों की स्क्रब टाइफस से मौत हुई थी. उस समय भी 600 के लगभग लोग स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाए गए थे.

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