शिमला: महिला दिवस के अवसर पर साइबर विभाग ने महिलाओं को साइबर ठगों के प्रति अलर्ट किया है और सावधानी बरतने को कहा है. साइबर विभाग थाना शिमला के एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि हाल ही में हुईं कुछ आपराधिक घटनाओं ने महिलाओं के लिए सोशल साइट्स पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा किया है.
वहीं, महिला ने इसकी शिकायत दर्ज कराई. ऐसी ही मामले अक्सर सामने आते रहते हैं जिनमें लड़कियों की तस्वीरों और निजी जानकारियों का गलत इस्तेमाल या उन्हें ट्रोल किया जाता है. उनका कहना था कि इन अपराधों से निपटने के लिए कानून बनाया गया है, लेकिन अपनी तरफ से भी कुछ सावधानियां बरतकर महिलाएं इन समस्याओं से बच सकती हैं और बिना किसी चिंता के सोशल मीडिया पर एक्टिव रह सकती हैं.
क्या करें, क्या ना करें
सबसे पहले तो सोशल मीडिया पर अपनी निजी तस्वीरें डालने से बचें. उनका कोई भी इस्तेमाल कर सकता है. अगर फिर भी आप तस्वीरें डालना चाहते हैं तो अपने फेसबुक अकाउंट पर अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को पब्लिक न करें. सेटिंग्स ऐसे रखें कि आपकी फोटो आपके दोस्त या आपसे जुड़े हुए लोग ही देख पाएं. अनजान लोग उन तक न पहुंचे.
अगर साइबर हमलावर फिरौती मांगें तो ना दें
अपने नाम के बारे में गूगल पर हमेशा सर्च करते रहें, ताकि आपको पता रहे कि आपका नाम कहां पर और किस-किस वेबसाइट पर आ रहा है. अगर किसी गलत जगह पर या ऐसी जगह पर आपको नाम दिखाई देता है जिसकी अनुमति आपने नहीं दी है, तो उसे तुरंत हटाने के लिए कह सकते हैं.
अनजान लोगों को फेसबुक पर न जोड़ें. कई बार ऐसा करने से नुकसान भी हो सकता है. प्रोफेशनल लोगों को लिंकडन पर जोड़ें, फेसबुक पर उनके साथ न जुड़ें. वहीं, ट्विटर के ऊपर बिल्कुल भी निजी तस्वीरें न डालें. यह एक सोशल नेटवर्किंग साइट नहीं है, यह एक ट्विटिंग प्लेटफॉर्म है.
ट्विटर पर ऐसी सेटिंग्स की जा सकती हैं कि आपकी अनुमति के बिना लोग आपको फॉलो न कर सकें. लेकिन, अमूमन लोग ऐसा करते नहीं हैं. सेटिंग्स को ज्यादा निजी करके आपका अकाउंट ज्यादा सुरक्षित रह सकता है.
आप कई बार किसी का अकाउंट ब्लॉक कर देते हैं या उसकी रिपोर्ट कर देते हैं. इसके बाद ब्लॉक किया हुआ शख़्स आपके अकाउंट तक नहीं पहुंच सकता, लेकिन ध्यान रखें कि वो दूसरे अकाउंट से आप तक पहुंच सकता है. ऐसे में किसी दूसरे अनजान प्रोफाइल की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकारने से पहले इस बात को दिमाग में रखें. अगर किसी समस्या में फंस भी जाते हैं तो घबराएं नहीं बल्कि पुलिस को इसकी जानकारी दें.
कैसे पता करें नकली अकाउंट
अक्सर ऐसा भी होता है कि किसी फेसबुक अकाउंट में लड़की की तस्वीर लगी होती है, लेकिन वो अकाउंट किसी लड़के ने बनाया होता है. इसी तरह नकली नाम और तस्वीर के साथ भी फेसबुक अकाउंट बना होता है. ऐसे अकाउंट का पता लगाने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है. किसी भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले सामने वाले का अकाउंट अच्छी तरह देख लें.
ऐसे नकली अकाउंट में अक्सर सारी फोटो उसी दिन डली हुई होती हैं. वो सिर्फ तीन-चार ग्रुप्स से जुड़ा होता है और 10-15 दोस्त होते हैं. कई बार ऐसे अकाउंट में अलग-अलग लड़कियों की तस्वीरें होती हैं. तस्वीरें आपत्तिजनक तक हो सकती हैं.ऐसा भी होता है कि प्रोफाइल पिक किसी लड़की की होती है, लेकिन गैलरी में उसकी एक भी तस्वीर नहीं होती और न कोई पोस्ट होता है. इस तरह के अकाउंट से बचना ही चाहिए.
लाइक्स की चाह
सोशल स्पेस पर महिलाओं के साथ अपराध की घटनाओं पर क्रिमिनल साइकोलॉजिस्ट अनुजा त्रेहन कपूर कहती हैं, 'महिलाओं को जब असल जिंदगी में उम्मीद के मुताबिक महत्व नहीं मिलता तो उसका झुकाव वचुर्अल की दुनिया की ओर ज्यादा होता है जहां उनकी तारीफ करते लोग थकते नहीं हैं. सेल्फी की ही बात करें तो इसने हमें ऐसी जगह ला दिया है कि वर्चुअल दुनिया में तो आपको लाइक मिलेंगे, लेकिन असल दुनिया में आपको कोई पूछेगा भी नहीं.
साइबर क्राइम, फेसबुक, ट्विटर लाइक्स और प्रशंसा की यही चाह लोगों को तस्वीरें डालने के प्रोत्साहित करती हैं और आप अपनी निजी जानकारियां व तस्वीरें डालने का सिलसिला बढ़ा देते हैं. महिलाओं के साथ यही स्थिति होती है. उस वक्त वो ये नहीं सोच पाती हैं कि इनका दुरुपयोग भी किया जा सकता है.
लड़कियों के साथ हो रही घटनाएं साइबर क्राइम बढ़ने का भी हिस्सा हैं. साइबर क्राइम आपको पहचान छुपाने का मौका देता है. ये लोगों के लिए अपराध करना और आसान बना देता है. वहीं, अक्सर लोग सार्वजनिक रूप से अपनी दिनचर्या बता देते हैं. घर कहां है, कहां गए हैं और कहां जाने वाले हैं ये सब बता देते हैं.
ये सामने वाले को अपराध के लिए न्योता देने जैसा है. 'लोगों को वर्चुअल से ज़्यादा असल जिंदगी पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन, इसे पूरी तरह भी नहीं छोड़ा जा सकता तो सुरक्षा के लिए आ रहे नए तरीकों को अपनाएं. फिर भी कोई समस्या हो तो कानून का सहारा लेना चाहिए.
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