शिमला: राजधानी शिमला में कोरोना कर्फ्यू के दौरान आपराधिक मामलों में गिरावट आई है. महिलाओं के प्रति एक भी अपराध नहीं हुआ है जबकि नशे के कारोबार में ज्यादा कमी नहीं आई. जयराम सरकार ने कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 7 मई से कोरोना कर्फ्यू लगाया था जिसमें सभी दफ्तर बंद किए थे. जरूरी ऑफिस ही खुले थे. लोग घरों में ही रहे. ऐसे में आपराधिक मामले कम हुए हैं.
आपराधिक मामलों में आई कमी
2021 में लॉकडाउन कर्फ्यू के दौरान आपराधिक मामलों का ग्राफ कैसा रहा, इस मुद्दे पर जब डीएसपी हेडक्वार्टर कमल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अपराध के मामले कम हुए हैं. उनका कहना था कि महिलाओं के प्रति आपराधिक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. साइबर अपराध के मामले भी कम हुए हैं. शिमला में 2020 में लॉकडाउन के दौरान 8 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2021 में साइबर अपराध का 1 मामला दर्ज हुआ है.
चिट्टे के 47 मामले हुए दर्ज
डीएसपी हेडक्वार्टर कमल वर्मा ने कहा कि एनडीपीएस यानी नशे के 2020 के 107 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2021 में 103 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं, चिट्टे के 49 मामले सामने आए थे जबकि 2021 में चिट्टे के 47 मामले आए हैं. वहीं, चरस के 2020 में 28 मामले पकड़े गए थे जो कि 2021 में 42 मामले सामने आए हैं.
नशा तस्करी रोकने के लिए टीम गठित
डीएसपी कमल वर्मा ने बताया की नशा तस्करी रोकने के लिए पुलिस ने टीम गठित की है जो नशा तस्करों और नशेड़ियों को पकड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार लॉकडउन कर्फ्यू के दौरान आपराधिक मामलों में कमी आई है, इस कारण पुलिस 24 घंटे सड़क पर गश्त कर रही थी.
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