शिमला: माकपा ने स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित पीपीई किट घोटाले और प्रदेश सचिवालय में सेनिटाइजर घोटाले पर सरकार को घेरा है. माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा देना इस बात का प्रमाण है कि सत्ताधारी दल के नेताओं की घोटाले में संलिप्तता है. इससे महामारी के समय प्रदेश की छवि धूमिल हुई है, इसलिए घोटालों की जांच हिमाचल उच्च न्यायालय के न्यायधीश से करवाई जाए.
संजय चौहान ने कहा कि सच्चाई जनता के सामने आए इसके लिए उच्च न्यायालय के वर्तमान जज की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए. न्यायिक जांच की मांग के लिए माकपा 9 जून को ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन करेगी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का इस प्रकरण के कारण इस्तीफे से यह मामला और भी पेचीदा हो गया है और जिस तरह से प्रदेश सरकार की ओर से इसकी जांच की जा रही है उससे कई सवाल खड़े हुए हैं.
संजय चौहान ने आरोप लगाया कि लोगों ने लाखों रुपये आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किए थे, लेकिन सत्ता पक्ष के नेता जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. कोविड-19 के दौरान डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत व अन्य खरीद फरोख्त का लेखा-जोखा सार्वजनिक किया जाए और सरकार इस पर श्वेतपत्र जारी करें.
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. स्वास्थ्य विभाग में सभी वर्गों में विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पड़े पदों को तुरंत भरा जाए और अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य संस्थानो में बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाए. कोविड-19 के लिए बनाए गए सभी केंद्रों व डेडिकेटेड अस्पतालों में स्टाफ व सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तय मानकों पर उपलब्ध करवाई जाए.
माकपा ने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग में सेनिटाइजर, पीपीई में हुए घोटाले के लिए आरोपियों का पर्दाफाश कर और उनको कड़ी सजा दी जाए. सीपीएम प्रदेश की आम जनता से आग्रह करती है कि 9 जून को ब्लॉक स्तर पर होने वाले प्रदर्शन का हिस्सा बने, ताकि प्रदेश में चल रहे व्यापक भ्रष्टाचार व स्वास्थ्य विभाग में हुए इन घोटालों को उजागर कर इनपर रोक लगाने के लिए दबाव बनाया जा सके.