रामपुर बुशहर: शिमला जिले के कुमारसैन में एक निजी कंपनी ने डिजिटल मंडी की शुरुआत की है. जहां फलों और विशेषकर सेब को आधुनिक तकनीक से वजन, रंग और क्वालिटी के हिसाब से ग्रेडिंग और पैकिंग करने की सुविधा मिलेगी. इसके लिए आधुनिक मशीन लगाई गई है. साथ ही यहां बागवानों के सेब को पैकिंग करने के बाद उसकी बोली लगाकर किसानों को उनकी फसल के उचित दाम दिए जाएंगे.
एक छत के नीचे सब कुछ- इस डिजिटल सेब मंडी की शुरुआत करने वाली कंपनी के रीजनल मैनेजर दिनेश कुमार के मुताबिक इस मंडी का उद्देश्य बागवानों को एक ही जगह पर हर वो सुविधा उपलब्ध करवाना है जिसके लिए बागवान अन्य मंडियों में परेशानी झेलते हैं. यहां आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं जिसके जरिये सेब के कलर, साइज, वजन का हिसाब मशीन करती है, जबकि मंडियों में सेब की ग्रेडिंग और क्वालिटी को लेकर कई दिक्कतें आती हैं जिसका खामियाजा बागवानों को भुगतना पड़ता है.
दिनेश कुमार के मुताबिक बागवान हमारे पास सेब लाएंगे और यहां उन्हें पैकिंग मैटीरियल उपलब्ध करवाया जाएगा. साथ ही सेब की ग्रेडिंग के अलावा उसके ऑक्शन की भी फैसलिटी होगी. देश के अलग-अलग राज्यों से खरीददार सेब खरीदने के लिए बोली लगाएंगे, जिससे बागवानों को उचित दाम मिलेगा और कंपनी का ये कदम बागवानों को पेमेंट में होने वाली दिक्कतों को भी दूर करेगी. बागवानों को उनकी फसल की कीमत देना कंपनी की जिम्मेदारी होगी और 3 दिन में उनका भुगतान किया जाएगा. बागवान चाहे तो अपना सेब यहां मौजूद कोल्ड स्टोर में रख सकता है और मौजूदा कीमतों से संतुष्ट ना होने पर दूसरी मंडी का रुख कर सकता है.
एसडीएम ने किया उद्घाटन- राजधानी शिमला से करीब 100 किलोमीटर दूर कुमारसैन में इस डिजिटल फल मंडी का उद्घाटन एसडीएम सुरेंद्र मोहन द्वारा किया गया है. मशीनों द्वारा सेब की पैकिंग के बाद बागवान चाहे तो यहां अपनी फसल बेच भी सकते हैं. एसडीएम सुरेंद्र मोहन ने कहा कि बागवानों की आय बढ़ाने और उनकी मुश्किलों को कम करने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है और इस डिजिटल मंडी में एक ही प्लेटफॉर्म पर फल का वेट, कलर, क्वालिटी सब मशीन के जरिये चेक हो रही है. जिससे विवाद होने का सवाल खत्म हो जाता है. साथ ही यहां ऑनलाइन और ऑफलाइन बिडिंग के जरिये खरीदार सेब की बोली लगा सकेंगे. जिससे बागवानों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है.
सेब की ऑनलाइन बिडिंग की सुविधा- कंपनी के मुताबिक यहां बागवानों के सेब के उचित दाम मिलेंगे क्योंकि यहां देशभर के खरीदार आते हैं और यहां ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन बोली भी लगेगी. स्थानीय बागवान सुधीर गौतम के मुताबिक फिलहाल बागवान यहां हो रही नई तकनीक को जांच परख रहे हैं. अगर बागवानों को फायदा होगा तो रुझान भी बढ़ेगा. सुधीर गौतम ने बताया कि यहां हाइटेक ग्रेडिंग और पैकिंग मशीनें लगी हैं. मंडियों में सेब के दाम तय करने से पहले ग्रेडिंग तय होती है और सेब के रंग, साइज पर सवाल उठते हैं. ये कंपनी एक ही छत के नीचे सभी ऑप्शन मिलेंगे. कंपनी एपीएमसी एक्ट को फॉलो करेगी और हमारे सामने ही फसल के दाम तय होंगे.
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