शिमला: क्या हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच तकरार बढ़ रही है? क्या सरकार और संगठन में सबकुछ ठीक नहीं है? ऐसा इसलिए कि सोमवार को प्रतिभा सिंह ने एक बयान में कहा कि ''सरकार के एक साल पूरा होने से संबंधित कार्यक्रम की उन्हें जानकारी नहीं है''. यही नहीं, प्रतिभा सिंह ने यहां तक कह दिया कि एक साल के कार्यक्रम को लेकर उन्हें किसी तरह से कॉन्फिडेंस में नहीं लिया गया है.
प्रतिभा सिंह ने कहा कि ''सरकारें भी संगठन की मदद से ही बनती हैं. संगठन ने काम किया तभी कांग्रेस की सरकार बनी है. यदि हम अपनी सरकार होते हुए भी संगठन को नजर अंदाज करेंगे तो ये सही नहीं है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद संगठन से आए हैं. वे एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस से होकर आए हैं. सीएम को चाहिए कि वो संगठन का मनोबल बढ़ाएं, संगठन को मजबूती प्रदान करें. संगठन की मजबूती 2024 में काम आएगी. संगठन में तालमेल बनाया जाना चाहिए, तभी अगले चुनाव की तैयारी होगी''. प्रतिभा सिंह ने शिमला में ये सब बातें कही हैं.
हिमाचल कांग्रेस में ये सब बातें ऐसे समय में सामने आ रही हैं, जब पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में हार गई है. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है. ठीक उसी समय हिमाचल में सत्तासीन होने के बावजूद सरकार व संगठन में तालमेल की कमी दिखाई दे रही है. बड़ी बात ये है कि इस बयान की टाइमिंग महत्वपूर्ण है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल का एक साल 11 दिसंबर को पूरा हो रहा है. ऐसे में सरकार व संगठन की एकता दिखना जरूरी है.
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हालांकि प्रतिभा सिंह ने ये जरूर कहा कि आपदा के समय में राज्य सरकार ने आगे बढ़कर काम किया और केंद्र से मदद न मिलने के बावजूद प्रभावितों को राहत पहुंचाई. इसके लिए प्रतिभा सिंह ने सुखविंदर सिंह सरकार की सराहना भी की है. उल्लेखनीय है कि प्रतिभा सिंह पहले भी कुछ मुद्दों पर खुलकर बोलती आई हैं. संगठन की अनदेखी का मामला उन्होंने उठाया है. प्रतिभा सिंह का कहना था कि सरकार बनने के बाद संगठन के लोगों को एडजस्ट करना चाहिए था.
हाल ही में यशवंत छाजटा की हिमुडा के वाइस चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति हुई है. इसे प्रतिभा सिंह ने सराहा है, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि इस कदम को देरी से उठाया गया है. अब प्रतिभा सिंह ने सरकार के एक साल के कार्यक्रम के बहाने अपनी नाराजगी प्रकट की है. वे संगठन की अनदेखी से आहत हैं. उल्लेखनीय है कि 11 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे आदि को निमंत्रण दिया गया है. प्रतिभा सिंह का ये कहना कि उन्हें कॉन्फिडेंस में नहीं लिया गया, ये बताता है कि सरकार व संगठन में कुछ तो है जो सही नहीं है.
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