शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र (Himachal Pradesh Legislative Assembly Budget Session) में सोमवार को प्रश्नकाल खत्म होने के बाद किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने विधानसभा अध्यक्ष से मुख्यमंत्री और संसदीय मंत्री द्वारा शनिवार को उन पर की गई टिप्पणी पर विशेष व्यवस्था मांगी.जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति दी. उन्होंने कहा कि शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा उन पर टिप्पणी की गई थी ,जबकि इस तरह का भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते .
मुख्यमंत्री ने उन्हें जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया वो असंसदीय है. इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि जगत सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी की और जो व्यक्ति सदन में अपना पक्ष नहीं रख सकता उसपर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. वहीं, इस पर सदन में हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष मुख्यमंत्री द्वारा प्रयोग की शब्दावली को हटाने की मांग करने लगे, लेकिन इस पर संतुष्ट जवाब न मिलने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर बाहर आकर नारेबाजी करने लगा.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शनिवार को जगत सिंह नेगी ने बजट पर जब सदन में अपना वक्तव्य रखा. उस समय मुख्यमंत्री सदन में मौजूद नहीं थे. मुख्यमंत्री जब सदन में आए और ऐसी शब्दावली प्रयोग की जिसमें गुस्सा भी था आक्रोश भी. उन्होंने इस तरह के शब्द इस्तेमाल किए जो नहीं किए जा सकते. जगत सिंह नेगी जनजतिय क्षेत्र से आते और ऐसी शब्दावली इस्तेमाल करके जनजाति क्षेत्र की बेइज्जती की है.
मुख्यमंत्री अपने शब्दों को कार्यवाही से हटवाई, लेकिन मुख्यमंत्री माननीय सदस्य कहने के बजाय ये आदमी कह कर बोलते रहे. यह सदन की परंपरा नहीं है. सदन की गरिमा है .मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक माननीय सदस्यों से संबोधित किया जाता है. विपक्ष इसकी निंदा करता और इसका विरोध कर सदन से वॉकआउट किया (Congress walkout from the house )गया.
ये भी पढ़ें :JOA आईटी पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों का विधानसभा के बाहर प्रदर्शन, सरकार से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग