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शिमला नगर निगम पुनर्सीमांकन पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, वोट बैंक के लिए बढ़ाई गई वार्डों की संख्या - Congress on Jairam government

प्रदेश सरकार ने नगर निगम शिमला चुनावों से ठीक पहले नगर निगम शिमला में 7 नए वार्डो को जोड़ दिया, जिससे अब वार्डों की संख्या 34 से बढ़कर 41 हो (41 wards in Shimla)गई. वहीं, कांग्रेस ने वार्डो के पुनर्सीमांकन पर सवाल खड़ा कर दिया. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि नगर निगम के नए वार्ड बनाए जाने का आधार लोगों को सुविधा देना (Number of wards increased in Shimla)नहीं, बल्कि वोट बैंक की राजनीति रही है.कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित (Congress PC in Shimla)पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला की परिधि के साथ कुछ ऐसे क्षेत्र ,जहां के लोग मर्ज होने को तैयार थे.

Congress on Jairam government
शिमला नगर निगम पुनर्सीमांकन
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Published : Feb 11, 2022, 6:59 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार ने नगर निगम शिमला चुनावों से ठीक पहले नगर निगम शिमला में 7 नए वार्डो को जोड़ दिया, जिससे अब वार्डों की संख्या 34 से बढ़कर 41 हो (41 wards in Shimla)गई. वहीं, कांग्रेस ने वार्डो के पुनर्सीमांकन पर सवाल खड़ा कर दिया. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि नगर निगम के नए वार्ड बनाए जाने का आधार लोगों को सुविधा देना (Number of wards increased in Shimla)नहीं, बल्कि वोट बैंक की राजनीति रही है.कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित (Congress PC in Shimla)पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला की परिधि के साथ कुछ ऐसे क्षेत्र ,जहां के लोग मर्ज होने को तैयार थे. इसका मुख्य कारण संबंधित क्षेत्रों को न तो गांव के स्तर पर मूलभूत सुविधाएं मिल रही और न ही निगम प्रशासन उन क्षेत्रों की सुध ले रहा.

ऐसे में वह पानी, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट सहित अन्य सुविधाओं से वंचित है. नरेश चौहान ने कहा कि जब ऐसे क्षेत्रों के 200 से अधिक लोगों को प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था तो उनका कहना था कि वोटर कितने है, जबकि उनका सवाल होना चाहिए था कि जनसंख्या कितनी (Congress on Jairam) है. उन्होंने पूछा कि जब लोग टैक्स देने को तैयार तो सरकर सुविधा देने से क्यों पीछे हट रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग शामिल होने का विरोध कर रहे थे, उन्हे पहले समझाया जाना चहिए था और फिर भी शामिल नहीं होना चाहते तो जबरन निर्णय थोपा नहीं जाना चाहिए था.

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नरेश चौहान ने कहा कि जब सरकार ने नगर निगम की परिधि के साथ लगते क्षेत्रों को जोडऩे का सोचा था तो ऐसे क्षेत्रों को क्यों छोड़ दिया गया. जो स्वंय सरकार के पास शामिल होने की फरियाद लेकर पहुंचे थे.उन्होंने जब यू.डी. विभाग ने प्रकिया शुरू की थी तो लोगों को उम्मीदें थी कि उन्हे सुविधाएं मिलेगी ,लेकिन सुविधाओं के बीच वोट बैंक की राजनीति आ गई जो शर्मनाक है. चौहान ने कहा कि सरकार जिस तरह से फैसले ले रही है, उससे आंशका होती है कि पर्दे के पीछे आरएसएस तो नहीं या फिर दिल्ली से ही फैसले लिए जाते होंगे. नरेश चौहान ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम शिमला के चुनाव होगा. सरकार चुनाव पार्टी चिन्ह पर कराए, ताकि फेलियर को सबूत चुनावी परिणामों से मिल सके. चौहान ने कहा कि भाजपा पार्षदों की आपसी ग्रुप पॉलिटिक्स केचलते शिमला शहर विकास के मामले में पिछड़ गया.

ये भी पढ़ें :16वीं सिख लाइट इन्फैंट्री बटालियन के जवानों ने निकाली साइकिल यात्रा, बिलासपुर से मंडी के लिए हुए रवाना



शिमला: प्रदेश सरकार ने नगर निगम शिमला चुनावों से ठीक पहले नगर निगम शिमला में 7 नए वार्डो को जोड़ दिया, जिससे अब वार्डों की संख्या 34 से बढ़कर 41 हो (41 wards in Shimla)गई. वहीं, कांग्रेस ने वार्डो के पुनर्सीमांकन पर सवाल खड़ा कर दिया. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि नगर निगम के नए वार्ड बनाए जाने का आधार लोगों को सुविधा देना (Number of wards increased in Shimla)नहीं, बल्कि वोट बैंक की राजनीति रही है.कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित (Congress PC in Shimla)पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला की परिधि के साथ कुछ ऐसे क्षेत्र ,जहां के लोग मर्ज होने को तैयार थे. इसका मुख्य कारण संबंधित क्षेत्रों को न तो गांव के स्तर पर मूलभूत सुविधाएं मिल रही और न ही निगम प्रशासन उन क्षेत्रों की सुध ले रहा.

ऐसे में वह पानी, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट सहित अन्य सुविधाओं से वंचित है. नरेश चौहान ने कहा कि जब ऐसे क्षेत्रों के 200 से अधिक लोगों को प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था तो उनका कहना था कि वोटर कितने है, जबकि उनका सवाल होना चाहिए था कि जनसंख्या कितनी (Congress on Jairam) है. उन्होंने पूछा कि जब लोग टैक्स देने को तैयार तो सरकर सुविधा देने से क्यों पीछे हट रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग शामिल होने का विरोध कर रहे थे, उन्हे पहले समझाया जाना चहिए था और फिर भी शामिल नहीं होना चाहते तो जबरन निर्णय थोपा नहीं जाना चाहिए था.

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नरेश चौहान ने कहा कि जब सरकार ने नगर निगम की परिधि के साथ लगते क्षेत्रों को जोडऩे का सोचा था तो ऐसे क्षेत्रों को क्यों छोड़ दिया गया. जो स्वंय सरकार के पास शामिल होने की फरियाद लेकर पहुंचे थे.उन्होंने जब यू.डी. विभाग ने प्रकिया शुरू की थी तो लोगों को उम्मीदें थी कि उन्हे सुविधाएं मिलेगी ,लेकिन सुविधाओं के बीच वोट बैंक की राजनीति आ गई जो शर्मनाक है. चौहान ने कहा कि सरकार जिस तरह से फैसले ले रही है, उससे आंशका होती है कि पर्दे के पीछे आरएसएस तो नहीं या फिर दिल्ली से ही फैसले लिए जाते होंगे. नरेश चौहान ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम शिमला के चुनाव होगा. सरकार चुनाव पार्टी चिन्ह पर कराए, ताकि फेलियर को सबूत चुनावी परिणामों से मिल सके. चौहान ने कहा कि भाजपा पार्षदों की आपसी ग्रुप पॉलिटिक्स केचलते शिमला शहर विकास के मामले में पिछड़ गया.

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