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सेब सीजन में सरकार कर रही बागवानों की अनदेखी: रजनीश किमटा

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Published : Aug 9, 2021, 6:03 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 6:39 PM IST

कांग्रेस के महासचिव रजनीश किमटा ने सरकार पर बागवानों की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. रजनीश किमटा ने कहा कि करीब 15 लाख लोग बागवान हैं, जो सेब का उत्पादन करते हैं. बागवान अपने जीवन यापन के लिए इसी पर निर्भर हैं. राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में हिमपात आपदा के कारण प्रभावित लोगों को मुआवजे का वादा किया था, जिसमें कुल 200 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था, लेकिन इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया है.

कांग्रेस के महासचिव रजनीश किमटा
कांग्रेस के महासचिव रजनीश किमटा

शिमला: कांग्रेस ने सरकार पर बागवानों की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस के महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि सेब का सीजन जोरों पर है, लेकिन हिमाचल सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है. मानसून के कारण ग्रामीण क्षेत्रों (छोटी लिंक सड़कों) में बहुत सी जगहें हैं, जहां भूस्खलन हो रहा है. सेब के डिब्बों से लदे ट्रकों को सड़कों पर लंबा इंतजार करना पड़ता है. इससे बागवानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

रजनीश किमटा ने कहा कि करीब 15 लाख लोग बागवान हैं, जो सेब का उत्पादन करते हैं. बागवान अपने जीवन यापन के लिए इसी पर निर्भर हैं. राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में हिमपात आपदा के कारण प्रभावित लोगों को मुआवजे का वादा किया था, जिसमें कुल 200 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था, लेकिन इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया है. यह भी राज्य सरकार के जुमलों की सूची में शामिल हो गया है.

रजनीश किमटा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयात शुल्क को 55 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है, जिसका सीधा असर भारतीय सेबों की बिक्री पर पड़ रहा है. अप्रत्यक्ष रूप से हमारे किसानों की आजीविका पर प्रहार कर किसानों की पूरी मेहनत को बर्बाद सरकार द्वारा किया जा रहा है और राज्य सरकार मौन बैठी है.

वीडियो.

केंद्र और राज्य की सरकारें किसान विरोधी हैं. किमटा ने कहा कि सेब के बागों के रख-रखाव की लागत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सरकार ने उर्वरक पर सब्सिडी बंद कर दी है, जो एक दोषपूर्ण कदम है. किमटा ने कहा है कि उर्वरकों और कीटनाशकों की दरों में 60 प्रतिशत से 300 प्रतिशत की वृद्धि हमारे बागवानों और किसानों के लिए अतिरिक्त बोझ है.

रजनीश किमटा ने कहा कि ट्रे और कार्टन की दरों में 35 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि ने सेब उत्पादकों को झटका दिया है. बागवानी मंत्री ने राज्य के लोगों को इसकी दरों में कोई वृद्धि नहीं करने का आश्वासन दिया था. उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि किस कारण से बागवानी के लिए विश्व बैंक के फंड जो 1170 करोड़ था, उसे घटाकर 600 करोड़ कर दिया गया है. पैसा बागवानी के क्षेत्र में नए विकास के लिए मदद का हाथ हो सकता है.

किमटा ने कहा कि राज्य सरकार इसे फिर से हल्के में ले रही है. कोरोना की तीसरी लहर से बचने एवं इसे झेलने की तैयारी का नामों निशान तक नहीं है. किमटा ने कहा कि प्रति सप्ताह कोरोना मामलों की वृद्धि प्रतिशत की सूची में हिमाचल शीर्ष पर है, जो चिंताजनक है. जो संबंधित भाजपा के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार की गंभीरता को दर्शाता है.

वहीं, बेनामी पत्र मामले पर रजनीश किमटा ने कहा कि कांग्रेस इसकी जांच कर रही है. ये पत्र किसने लिखा है, इसको लेकर जांच की जा रही है. अगर पार्टी का कोई भी पदाधिकारी इसमें संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें- सीएम ने की स्वच्छ हिमाचल-स्वस्थ हिमाचल अभियान की शुरुआत, ये होंगे कार्यक्रम

शिमला: कांग्रेस ने सरकार पर बागवानों की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस के महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि सेब का सीजन जोरों पर है, लेकिन हिमाचल सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है. मानसून के कारण ग्रामीण क्षेत्रों (छोटी लिंक सड़कों) में बहुत सी जगहें हैं, जहां भूस्खलन हो रहा है. सेब के डिब्बों से लदे ट्रकों को सड़कों पर लंबा इंतजार करना पड़ता है. इससे बागवानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

रजनीश किमटा ने कहा कि करीब 15 लाख लोग बागवान हैं, जो सेब का उत्पादन करते हैं. बागवान अपने जीवन यापन के लिए इसी पर निर्भर हैं. राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में हिमपात आपदा के कारण प्रभावित लोगों को मुआवजे का वादा किया था, जिसमें कुल 200 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था, लेकिन इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया है. यह भी राज्य सरकार के जुमलों की सूची में शामिल हो गया है.

रजनीश किमटा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयात शुल्क को 55 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है, जिसका सीधा असर भारतीय सेबों की बिक्री पर पड़ रहा है. अप्रत्यक्ष रूप से हमारे किसानों की आजीविका पर प्रहार कर किसानों की पूरी मेहनत को बर्बाद सरकार द्वारा किया जा रहा है और राज्य सरकार मौन बैठी है.

वीडियो.

केंद्र और राज्य की सरकारें किसान विरोधी हैं. किमटा ने कहा कि सेब के बागों के रख-रखाव की लागत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सरकार ने उर्वरक पर सब्सिडी बंद कर दी है, जो एक दोषपूर्ण कदम है. किमटा ने कहा है कि उर्वरकों और कीटनाशकों की दरों में 60 प्रतिशत से 300 प्रतिशत की वृद्धि हमारे बागवानों और किसानों के लिए अतिरिक्त बोझ है.

रजनीश किमटा ने कहा कि ट्रे और कार्टन की दरों में 35 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि ने सेब उत्पादकों को झटका दिया है. बागवानी मंत्री ने राज्य के लोगों को इसकी दरों में कोई वृद्धि नहीं करने का आश्वासन दिया था. उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि किस कारण से बागवानी के लिए विश्व बैंक के फंड जो 1170 करोड़ था, उसे घटाकर 600 करोड़ कर दिया गया है. पैसा बागवानी के क्षेत्र में नए विकास के लिए मदद का हाथ हो सकता है.

किमटा ने कहा कि राज्य सरकार इसे फिर से हल्के में ले रही है. कोरोना की तीसरी लहर से बचने एवं इसे झेलने की तैयारी का नामों निशान तक नहीं है. किमटा ने कहा कि प्रति सप्ताह कोरोना मामलों की वृद्धि प्रतिशत की सूची में हिमाचल शीर्ष पर है, जो चिंताजनक है. जो संबंधित भाजपा के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार की गंभीरता को दर्शाता है.

वहीं, बेनामी पत्र मामले पर रजनीश किमटा ने कहा कि कांग्रेस इसकी जांच कर रही है. ये पत्र किसने लिखा है, इसको लेकर जांच की जा रही है. अगर पार्टी का कोई भी पदाधिकारी इसमें संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें- सीएम ने की स्वच्छ हिमाचल-स्वस्थ हिमाचल अभियान की शुरुआत, ये होंगे कार्यक्रम

Last Updated : Aug 9, 2021, 6:39 PM IST
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