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कई कंपनियों के माध्यम से तैनाती पर भड़के कम्प्यूटर शिक्षक, सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी!

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Published : Jun 6, 2023, 9:36 AM IST

इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन अन्य कंपनियों के माध्यम से कम्प्यूटर शिक्षकों की तैनाती करने जा रहा है, जिससे कम्प्यूटर शिक्षकों में काफी आक्रोश है. शिक्षकों ने सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. साथ ही उनकी मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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भड़के कम्प्यूटर शिक्षक

शिमला: हिमाचल के स्कूलों में बीते कई सालों से सेवाएं दे रहे कम्प्यूटर जिस व्यवस्था का विरोध कर रहे थे, अब फिर से उनको उसी व्यवस्था में डाला जा रहा है. कई सालों तक नाइलेट के तहत सेवाएं दे रहे ये शिक्षक कंपनी से हटाकर सरकार से अपने अधीन लाने की गुहार लगा रहे थे. इसको देखते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इन शिक्षकों के लिए छह माह के भीतर नीति बनाने की बात की थी. हाल ही में सुक्खू सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों को लेकर नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लगाने का फैसला किया था, लेकिन अब कॉरपोरेशन के माध्यम से इन शिक्षकों की तैनाती आगे कंपनियों के माध्यम से की जा रही है, जिससे कम्प्यूटर शिक्षकों में भारी आक्रोश है. शिक्षकों ने चेताया है कि अगर उनको फिर से आगे सबलेट किया गया तो वह आंदोलन शुरू करेंगे.

हिमाचल की स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए आज तक सरकार ने कोई पॉलिसी नहीं बनाई है. ये शिक्षक पहले कई सालों से नाइलेट कंपनी के अधीन काम कर रहे थे. इन शिक्षकों का आरोप था कि उनका कई सालों से शोषण किया जा रहा है. यही वजह है कि ये शिक्षक लगातार सरकार से मांग उठा रहे थे कि उनको नाइलेट कंपनी के अधीन न रखा जाए. कांग्रेस ने इन शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाने का वादा चुनाव में किया था. इसके बाद हिमाचल में सुखविंदर सरकार ने नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर दिया. साथ ही सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों को इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लाने का फैसला किया. कॉरपोरेशन के माध्यम से ही इन शिक्षकों को वेतन जारी होने की बात कही गई, लेकिन इस बीच इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ने इन शिक्षकों को आगे सबलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. जिसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं.

कम्प्यूटर शिक्षकों ने की सीएम से हस्तक्षेप की मांग: कम्प्यूटर शिक्षक इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. शिक्षकों ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन उनको आगे कंपनियों के माध्यम से तैनात कर रहा है. प्रदेश में पांच कंपनियों को यह काम दिया जा रहा है, शिक्षकों का कहना था कि जिस तरह से उनको आगे सबलेट किया जा रहा है, वह उनको मंजूर नहीं है. यह तो पहले से भी खराब स्थिति होगी. क्योंकि पहले एक कंपनी को काम दिया गया था और अब आगे पांच कंपनियों को काम दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कम्प्यूटर शिक्षकों को इस बारे में आश्वासन दिया है कि उनको कंपनियों के आगे सबलेट नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा सरकार कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए स्थायी पॉलिसी लाए और जब तक यह पॉलिसी नहीं बनती, तब तक उनको इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन रखा जाए.

दो दशकों से सेवाएं दे रहे कम्प्यूटर शिक्षक: हिमाचल में सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों की तैनाती की गई है. सरकारी स्कूलों में बीते 20 से 22 सालों से करीब 1,300 कम्प्यूटर शिक्षक 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को आईटी की शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन इन शिक्षकों को आउटसोर्स पर रखा गया था. शिक्षक बीते साल तक नाइलेट कंपनी के तहत कार्यरत थे, इन शिक्षकों का आरोप था कि उनको न तो पूरा वेतन दिया जा रहा और न ही समय पर वेतन मिल रहा. शिक्षकों को करीब 14,000 रुपए का वेतन दिया जा रहा था. यही वजह है कि ये शिक्षक लगातार शोषण होने की आवाज उठाते रहे हैं.

इन शिक्षकों ने पूर्व की सरकारों के समय भी कंपनी के साथ करार रद्द कर, उन्हें विभाग में समायोजित करने की मांग उठाई थी, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इन शिक्षकों के हित में फैसला लेते हुए नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर, इनको हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लाने का फैसला किया. इस तरह कंपनी की भूमिका खत्म होने से जहां शिक्षकों को राहत मिलती, वहीं प्रदेश सरकार को भी इससे बचत होती. क्योंकि कंपनी के माध्यम से शिक्षक रखने के चलते सरकार को कमीशन भी देना पडता था.

सरकार के आश्वासन के बावजूद जिस तरह से इनकी तैनाती को आगे सबलेट किया जा रहा है, उससे इन शिक्षकों में भारी नाराजगी है. शिक्षकों ने चेताया है कि अगर ऐसा किया तो वे आंदोलन छेड़ देंगे. कम्प्यूटर शिक्षकों ने कहा इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के माध्यम से उनको आगे कंपनियों के माध्यम से तैनात नहीं किया जाना चाहिए.

कम्प्यूटर शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरशन ने उनको आगे कंपनियों के माध्यम से सबलेट करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसका वे भारी विरोध कर रहे हैं. इस मामले को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने रखा गया है. उन्होंने शिक्षा विभाग को इस बारे में निर्देश दिए हैं. इसके बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के हेड को आदेश जारी कर कम्प्यूटर शिक्षकों की अटेंडेंस इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन को हर माह भेजने के आदेश जारी किए हैं. राकेश शर्मा ने कहा अगर इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन उनको तैनाती को आगे कंपनियों को सबलेट करता है तो, इससे शिक्षकों का शोषण बढ़ेगा. शिक्षकों को यह किसी भी हालात में मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में आगे बैठक की जाएगी, इसके बाद ही शिक्षक कोई फैसला लेंगे.
ये भी पढ़ें: Himachal Cabinet Meeting: सुक्खू सरकार की आज कैबिनेट मीटिंग, SMC शिक्षकों की ट्रांसफर को लेकर हो सकता है फैसला

शिमला: हिमाचल के स्कूलों में बीते कई सालों से सेवाएं दे रहे कम्प्यूटर जिस व्यवस्था का विरोध कर रहे थे, अब फिर से उनको उसी व्यवस्था में डाला जा रहा है. कई सालों तक नाइलेट के तहत सेवाएं दे रहे ये शिक्षक कंपनी से हटाकर सरकार से अपने अधीन लाने की गुहार लगा रहे थे. इसको देखते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इन शिक्षकों के लिए छह माह के भीतर नीति बनाने की बात की थी. हाल ही में सुक्खू सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों को लेकर नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लगाने का फैसला किया था, लेकिन अब कॉरपोरेशन के माध्यम से इन शिक्षकों की तैनाती आगे कंपनियों के माध्यम से की जा रही है, जिससे कम्प्यूटर शिक्षकों में भारी आक्रोश है. शिक्षकों ने चेताया है कि अगर उनको फिर से आगे सबलेट किया गया तो वह आंदोलन शुरू करेंगे.

हिमाचल की स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए आज तक सरकार ने कोई पॉलिसी नहीं बनाई है. ये शिक्षक पहले कई सालों से नाइलेट कंपनी के अधीन काम कर रहे थे. इन शिक्षकों का आरोप था कि उनका कई सालों से शोषण किया जा रहा है. यही वजह है कि ये शिक्षक लगातार सरकार से मांग उठा रहे थे कि उनको नाइलेट कंपनी के अधीन न रखा जाए. कांग्रेस ने इन शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाने का वादा चुनाव में किया था. इसके बाद हिमाचल में सुखविंदर सरकार ने नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर दिया. साथ ही सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों को इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लाने का फैसला किया. कॉरपोरेशन के माध्यम से ही इन शिक्षकों को वेतन जारी होने की बात कही गई, लेकिन इस बीच इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ने इन शिक्षकों को आगे सबलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. जिसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं.

कम्प्यूटर शिक्षकों ने की सीएम से हस्तक्षेप की मांग: कम्प्यूटर शिक्षक इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. शिक्षकों ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन उनको आगे कंपनियों के माध्यम से तैनात कर रहा है. प्रदेश में पांच कंपनियों को यह काम दिया जा रहा है, शिक्षकों का कहना था कि जिस तरह से उनको आगे सबलेट किया जा रहा है, वह उनको मंजूर नहीं है. यह तो पहले से भी खराब स्थिति होगी. क्योंकि पहले एक कंपनी को काम दिया गया था और अब आगे पांच कंपनियों को काम दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कम्प्यूटर शिक्षकों को इस बारे में आश्वासन दिया है कि उनको कंपनियों के आगे सबलेट नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा सरकार कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए स्थायी पॉलिसी लाए और जब तक यह पॉलिसी नहीं बनती, तब तक उनको इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन रखा जाए.

दो दशकों से सेवाएं दे रहे कम्प्यूटर शिक्षक: हिमाचल में सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों की तैनाती की गई है. सरकारी स्कूलों में बीते 20 से 22 सालों से करीब 1,300 कम्प्यूटर शिक्षक 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को आईटी की शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन इन शिक्षकों को आउटसोर्स पर रखा गया था. शिक्षक बीते साल तक नाइलेट कंपनी के तहत कार्यरत थे, इन शिक्षकों का आरोप था कि उनको न तो पूरा वेतन दिया जा रहा और न ही समय पर वेतन मिल रहा. शिक्षकों को करीब 14,000 रुपए का वेतन दिया जा रहा था. यही वजह है कि ये शिक्षक लगातार शोषण होने की आवाज उठाते रहे हैं.

इन शिक्षकों ने पूर्व की सरकारों के समय भी कंपनी के साथ करार रद्द कर, उन्हें विभाग में समायोजित करने की मांग उठाई थी, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इन शिक्षकों के हित में फैसला लेते हुए नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर, इनको हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लाने का फैसला किया. इस तरह कंपनी की भूमिका खत्म होने से जहां शिक्षकों को राहत मिलती, वहीं प्रदेश सरकार को भी इससे बचत होती. क्योंकि कंपनी के माध्यम से शिक्षक रखने के चलते सरकार को कमीशन भी देना पडता था.

सरकार के आश्वासन के बावजूद जिस तरह से इनकी तैनाती को आगे सबलेट किया जा रहा है, उससे इन शिक्षकों में भारी नाराजगी है. शिक्षकों ने चेताया है कि अगर ऐसा किया तो वे आंदोलन छेड़ देंगे. कम्प्यूटर शिक्षकों ने कहा इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के माध्यम से उनको आगे कंपनियों के माध्यम से तैनात नहीं किया जाना चाहिए.

कम्प्यूटर शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरशन ने उनको आगे कंपनियों के माध्यम से सबलेट करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसका वे भारी विरोध कर रहे हैं. इस मामले को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने रखा गया है. उन्होंने शिक्षा विभाग को इस बारे में निर्देश दिए हैं. इसके बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के हेड को आदेश जारी कर कम्प्यूटर शिक्षकों की अटेंडेंस इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन को हर माह भेजने के आदेश जारी किए हैं. राकेश शर्मा ने कहा अगर इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन उनको तैनाती को आगे कंपनियों को सबलेट करता है तो, इससे शिक्षकों का शोषण बढ़ेगा. शिक्षकों को यह किसी भी हालात में मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में आगे बैठक की जाएगी, इसके बाद ही शिक्षक कोई फैसला लेंगे.
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