शिमला: देश में नए साल पर उत्तरी भारत में भीषण ठंड पड़ रही है. समूचा उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में है. इस साल उत्तर भारत में इस कदर सर्द हवाएं लोगों को सता रही हैं जिससे पूरा उत्तर भारत फ्रिज हो गया है. मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 19 जनवरी तक बर्फीली, भीषण ठंड का अनुभव होगा. आज से 18 जनवरी तक इसका सबसे ज्यादा प्रकोप रहने वाला है.
उत्तर भारत के राज्यों में कही-कही तापमान इतना गिर चुका है कि शून्य के भी पार पहुंच गया है. जमा देने वाली इस ठंड से परेशान लोग अपने घरों पर दुबकने को मजबूर हैं. उत्तरी भारत के राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार की बात करें तो यहां पर कई जगह पर पारा शून्य को पार कर चुका है.
हिमाचल के इन जिलों में माइनस में पारा-हिमाचल प्रदेश की बात करें तो 16 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के 7 जिलों में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है. प्रदेश के दो राज्यों में इस समय पारा माइनस में चल रहा है. किन्नौर जिले में तापमान -4 डिग्री सेल्सियस और लाहौल स्पीति में पारा -11 पहुंच गया है. वहीं, अन्य जिलों कुल्लू में 1 डिग्री, ऊना में 2 डिग्री, मंडी में 2 डिग्री, चंबा और शिमला में 3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है.
उत्तर भारत में इन जगह माइनस में पारा- हिमाचल ही नहीं बल्की लोग अन्य राज्यों में भी ठंड का थर्ड डिग्री टॉर्चर झेल रहे हैं. 16 जनवरी को राजस्थान के चूरू में पारा -2.5 डिग्री और उत्तर प्रदेश के शिकार में पारा -2 डिग्री दर्ज किया गया. हरियाणा के हिसार में 0.8 डिग्री, राजस्थान के अलवर में 0.0 डिग्री, दिल्ली के सफदरजंग 1.4 डिग्री, पंजाब के अमृतसर 1.5 डिग्री, मध्य प्रदेश के राजगढ़ 2.3 और बिहार के गया में 5.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है.
उत्तर भारत में इस सप्ताह ठंड का अलर्ट- भारतीय मौसम विभाग केंद्र के मुताबिक 19 जनवरी तक उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में शीतलहर की स्थिति दिखाई दे सकती है. हिमाचल प्रदेश में 18 जनवरी को बर्फबारी और बारिश की चेतावनी दी गई है. पहाड़ी इलाकों में मौसम खराब होने से ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में तापमान को लगातार गिरा रही हैं. मौसम विभाग के मुताबिक 20 जनवरी के बाद एक पश्चिम विक्षोभ आने की संभावना है, जो ठंड से राहत दिलाएगा.
किसे कहते हैं कड़ाके की ठंड?- पारा सामान्य तापमान से 6 से 7 डिग्री तक गिर जाता है, तो इसे कड़ाके की ठंड कहा जाता है. मौसम विज्ञानी ठंड के बीच अंतर को मापने के लिए सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम हो रहे पारे पर नजर रखते हैं. अगर पारा सामान्य तापमान से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम होता है, तो इसे ठंड का मौसम माना जाता है.
सर्दियों में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का खतरा- चिकित्सकों की मानें तो भीषण ठंड में हृदय रोग सेजुड़ी कई बीमारियां हो सकती है. ठंड के मौसम में सर्दी और बढ़ा हुआ प्रदूषण मिलकर हमारे शरीर में कई बदलाव करते हैं. ऐसे में ठंड की वजह से अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से नसों में खून जमने लगता है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के मामले बढ़ने लगते हैं. जिससे लोगों में हृदय रोग और स्ट्रोक से संबंधित मौतें बढ़ जाती हैं. ऐसे में हमें अपना ठंड के मौसम में ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
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