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किन्नौर में बर्फबारी से ठंड में इजाफा, बाजार में मूंगफली की रेहड़ी पर लग रही लोगों की भीड़ - बुखारियों की मांग भी बढ़ी गई

किन्नौर में ठंड के चलते बाजारों में मूंगफली, हरे चने, पोपकोर्न और अन्य सर्दियों के खाद्य प्रदार्थो की खास मांग है. वहीं, बुखारियों की मांग भी बढ़ी गई है. बुखारी अपनी गुणवत्ता व अलग तरह की बनावट के लिए प्रदेश सहित विदेशों में भी मशहूर है.

किन्नौर में बर्फबारी से ठंड में इजाफा
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Published : Nov 17, 2019, 10:44 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ गई है. बर्फबारी के कारण पूरा क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया है. ठंड के कारण जहां बाजार में बुखारियों की मांग बढ़ गई है. वहीं, मूंगफली, भुने चने व पॉपकॉर्न की रेहड़ी पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है.

पहाड़ों पर बर्फबारी होने के कारण काफी संख्या में रेहड़ी वाले रिकांगपिओ पहुंचे हैं. लोग भी ठंड के बीच मुंगफली जैसे गर्म खाद्यों पदार्थों को बड़े चाव के साथ खा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, बुखारियों की मांग भी बाजार में बढ़ गई है. भारी बर्फबारी में लोग पाण्ठंग जिसे हिंदी में रसोई कहा जाता है, उसके अंदर बुखारी में पक्की लकड़ियों को डालकर जलाया जाता है. जिससे लोगों को ठंड से राहत मिलती है. यह बुखारी अपनी गुणवत्ता व अलग तरह की बनावट के लिए प्रदेश सहित विदेशों में भी मशहूर है.

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ गई है. बर्फबारी के कारण पूरा क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया है. ठंड के कारण जहां बाजार में बुखारियों की मांग बढ़ गई है. वहीं, मूंगफली, भुने चने व पॉपकॉर्न की रेहड़ी पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है.

पहाड़ों पर बर्फबारी होने के कारण काफी संख्या में रेहड़ी वाले रिकांगपिओ पहुंचे हैं. लोग भी ठंड के बीच मुंगफली जैसे गर्म खाद्यों पदार्थों को बड़े चाव के साथ खा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, बुखारियों की मांग भी बाजार में बढ़ गई है. भारी बर्फबारी में लोग पाण्ठंग जिसे हिंदी में रसोई कहा जाता है, उसके अंदर बुखारी में पक्की लकड़ियों को डालकर जलाया जाता है. जिससे लोगों को ठंड से राहत मिलती है. यह बुखारी अपनी गुणवत्ता व अलग तरह की बनावट के लिए प्रदेश सहित विदेशों में भी मशहूर है.

Intro:किन्नौर में ठंड के चलते बुख़ारियो की बड़ी डिमांड दुकानों में सजने लगी सर्दियों के लिए आग की बुखारिया,जिला किन्नौर में सर्दियों में जलाए जाते है लोहे की बुख़ारियो में लकड़ियां।





जनजातीय जिला किन्नौर में ठंड के बढ़ते ही लोहे की बुख़ारियो की मांग बढ़ने लगती है जिन्हें चूल्हा भी कहा जाता है जिसमे जिला किन्नौर में आग जलाया जाता है।




Body:किंन्नौर में भारी बर्फबारी में लोग पाण्ठंग जिसे हिंदी में रसोई कहते है उसके अंदर बुखारी को लगाया जाता है और इसके अंदर पक्की लकड़ियों को डालकर जलाया जाता है जिससे पूरी रसोई गर्म हो जाती है और ठंड का आभास बिल्कुल नही होता है।
ऐसे में जिला किंन्नौर में अब बुख़ारियो की दुकानों में तरह तरह के लोहे के बुखारी देखने को मिल रहे है जिसकी अपनी गुणवत्ता होती है और अलग अलग तरह के बनावटी बुखारी होते है जिसे किंन्नौर के लोग हर सर्दी खरीददारी करते है और अपने घरों की रसोइयों में लगाते है ।



Conclusion:इन बुख़ारियो मे जब घर मे अब आग जलाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है और बुखारी के आसपास समूचा परिवार बैठकर खाना खाते है और सर्दियों में जिला किन्नौर में लोग खाना भी इन बुख़ारियो के ऊपर ही पकाते है जिससे गैस की बचत व स्वादिष्ट खाने का आनन्द भी मिलता है।
सर्दियों के आते ही किंन्नौर के मुख्यालय में किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रो से लोग इन लोहे की खरीददारी के लिए आ रहे है।
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