शिमला: दिल्ली दौरे पर गए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के लिए भूकंप के अध्ययन पर केंद्रित डाटा एनालिसिस सेंटर की मांग उठाई है. साथ ही केंद्र सरकार से वेदर ऑब्जर्वेटरी और भूकंप प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए भी आग्रह किया है. मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष तथा परमाणु उर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह ने राज्य की इन जरूरतों को साझा किया. प्राकृतिक आपदाओं के प्रति प्रदेश की संवेदनशीलता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने भूकम्पीय क्षेत्रों कांगड़ा और हमीरपुर में एक उच्च स्तरीय अत्याधुनिक भूकम्पीय प्रयोगशाला एवं डॉटा विश्लेषण केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से चर्चा के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील राज्य है. भूकंप की दृष्टि से हिमाचल सेसेंटिव जोन में आता है. इस कारण राज्य में भूकंप प्रयोगशाला व डाटा एनालिसिस सेंटर स्थापित किया जाना समय की जरूरत है. प्रदेश के दो जनजातीय जिलों किन्नौर और लाहौल-स्पीति में डॉप्लर राडार स्थापित करने के अलावा हमीरपुर, चंबा, नालागढ़, केलांग और काजा क्षेत्रों में मौसम वेधशालाएं यानी वेदर ऑब्जर्वेटरीज स्थापित होनी चाहिए. आपदा प्रतिक्रिया यानी डिजास्टर रिस्पांस, उसका विश्लेषण और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को मजबूत करने के लिए हमीरपुर में डाटा सेंटर स्थापित होना चाहिए. केंद्रीय राज्यमंत्री ने हिमालयी पारिस्थितिकी के प्रति मुख्यमंत्री की चिंता और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनकी गहरी रुचि की सराहना करते हुए उन्होंने हर संभव सहायता का विश्वास दिलाया.
सीएम ने केंद्रीय राज्यमंत्री के साथ हिमाचल में खेती-बागवानी व स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने के साथ ही विज्ञान व प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर चर्चा भी की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट भी स्थापित करने की इच्छुक है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के बागवानी और कृषि विभाग के अफसरों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम्स आयोजित करने का आग्रह किया. उन्होंने नई तकनीकों से किसानों और बागवानों को परिचित करवाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने की मांग भी उठाई. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश के चंबा जिला को एरोमा मिशन के तहत लैवेंडर की खेती के लिए योजना में शामिल करने की मांग भी उठाई. साथ ही लैवेंडर के उत्पादन के लिए किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया. बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के साथ उनके प्रधान सचिव भरत खेड़ा, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया भी उपस्थित थे.