शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के संबंध में बड़ा खुलासा किया है. दिल्ली से लौटने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा है कि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पिछले पांच सालों में पेपर लीक किए जा रहे थे जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इन पेपर को कुछ लोगों तक पहुंचाया जाता था और फिर सिलेक्ट किया जाता था.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विजिलेंस की रिपोर्ट अभी उनको मिलनी है जिसमें कुछ और भी बड़े खुलासे की संभावना है, लेकिन जो आरंभिक रिपोर्ट उनके पास आई है, उसमें यह सामने आया है कि बीते सालों के दौरान कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से जितनी प्रतियोगी परीक्षाएं हुई हैं, उनमें से करीब 60 फीसदी पेपर लीक हुए है. पुलिस पेपर लीक मामले पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीबीआई अपना काम कर रही है, सीबीआई के पास क्या डॉक्यूमेंट आए हैं, उसकी पूरी जानकारी उन्हें नहीं है, मगर कर्मचारी चयन आयोग के संबंध में जो तथ्य विजिलेंस जांच में सामने आ रहे हैं, वो हैरान करने वाले हैं.
'हिमाचल के लिए विशेष ग्रांट का एलान नहीं होने से निराशा'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट में केंद्र सरकार को हिमाचल के लोगों को कम से कम एक विशेष ग्रांट देती, क्योंकि हिमाचल के लोगों पर एक 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. साढ़े पांच हजार करोड़ पेंशनरों व चार हजार करोड़ कर्मचारियों के एरियर, 920 करोड़ रुपये की डीए की किश्त देय है. ये सभी देनदारियां सरकार को चुकानी हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल को 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष ग्रांट दी जानी चाहिए थी, क्योंकि पूर्व जयराम सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री ने हिमाचल को मदद का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बजट में निराशा ही हाथ लगी है.
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