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उद्योगपतियों से जरूरी प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की शर्त खत्म करने पर सरकार कर रही विचारः मुख्यमंत्री - Himachal Pradesh News

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में उद्योगपतियों से जरूरी प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की शर्त खत्म करने पर सरकार विचार करने जा रही है. उन्होंने कहा कि उद्योग के अनुकूल माहौल बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो).
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Published : May 14, 2023, 9:40 PM IST

शिमला: राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को देश का मुख्य औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए कदम उठा रही है. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार हिमाचल में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों से आवश्यक प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता की शर्त को समाप्त करने पर सक्रियता से विचार कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इस संबंध में नई औद्योगिक नीति में प्रावधान किया जाएगा. राज्य सरकार ने संभावित उद्यमियों को उद्योग अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएं आरंभ की हैं, जिससे ‘व्यापार में सुगमता’ सूचकांक में प्रदेश की वरीयता भी सुधरी है. उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग-मित्र वातावरण प्रदान करना और निवेश को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

आसान ऋण जैसी सुविधाएं करवाई जा रही हैं उपलब्ध: उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश के पसंदीदा निवेश गंतव्य रूप में विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने कई नई नीतियां अपनाई हैं, जिनके तहत नए उद्योग स्थापित करने के लिए सस्ती दरों पर बिजली, राज्य वित्त निगम और राष्ट्रीय बैंकों के माध्यम से आसान ऋण जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. कम दरों पर लीज पर भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है और नए उद्योगों को बिक्री या खरीद कर पर छूट भी दी जा रही है. प्रदेश के बाहर निकटतम रेलवे स्टेशन से कच्चे माल के परिवहन भाड़े पर रियायत के अलावा अन्य सीमांत लाभ भी प्रदान किए जा रहे हैं.

उद्योग विभाग करेगी विस्तृत सर्वे: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थापित 99 प्रतिशत उद्योग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी में शामिल हैं. उद्योग विभाग इन उद्योग का विस्तृत सर्वे करेगी, जिससे इनकी समस्याओं का पता लगाया जाएगा और उनका उचित निवारण होगा. एक जिला एक उत्पाद की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में यूनिटी मॉल स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग में ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्थापित किया जा रहा है जो सिंगल विंडो की जगह लेगा. यह ब्यूरो संभावित निवेशकों को एक छत के नीचे सभी स्वीकृतियां प्रदान करने की सुविधा देगा.

आओ और काम शुरू करो की मिलेगी सुविधा: उन्होंने कहा कि निवेशकों को 'आओ और काम शुरू करो' की सुविधा मिलेगी. इससे प्रदेश में निवेश भी बढ़ेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. प्रदेश सरकार एचपी टेनेंसी एंड लैंड रिफॉर्म एक्ट, 1972 की धारा -118 के संबंधी मामलों की स्वीकृतियों के विलंब पर भी ध्यान देगी. उद्योगपतियों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में बेहतर अधोसंरचना स्थापित की जाएगी. औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के संचालन को और सुदृढ़ किया जाएगा और औद्योगिक इकाइयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. वही प्रदेश सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में सामाजिक और शैक्षणिक अधोसंरचना को सुदृढ़ करने पर कार्य कर रही है ताकि उन क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों.

'राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत सरकार देगी वित्तीय मदद': मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत डेंटल क्लिनिक के लिए मशीनरी एवं उपकरण, ई-टैक्सी की खरीद, एक मेगावाट तक सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना, मत्स्य पालन परियोजना और अन्य उद्यमों के लिए वित्तीय सहायता देगी. ई-टैक्सी की खरीद पर सभी पात्र वर्गों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. राज्य सरकार विनिर्माण, पर्यटन, ऊर्जा, निर्माण, आवासीय इत्यादि क्षेत्रों में लगभग 20 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है, जिससे करीब 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 50 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है.

ये भी पढ़ें: OPS बहाल करने पर 28 मई को धर्मशाला में होगा आभार समारोह, एक लाख कर्मचारी जुटाने का टारगेट

शिमला: राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को देश का मुख्य औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए कदम उठा रही है. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार हिमाचल में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों से आवश्यक प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता की शर्त को समाप्त करने पर सक्रियता से विचार कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इस संबंध में नई औद्योगिक नीति में प्रावधान किया जाएगा. राज्य सरकार ने संभावित उद्यमियों को उद्योग अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएं आरंभ की हैं, जिससे ‘व्यापार में सुगमता’ सूचकांक में प्रदेश की वरीयता भी सुधरी है. उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग-मित्र वातावरण प्रदान करना और निवेश को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

आसान ऋण जैसी सुविधाएं करवाई जा रही हैं उपलब्ध: उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश के पसंदीदा निवेश गंतव्य रूप में विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने कई नई नीतियां अपनाई हैं, जिनके तहत नए उद्योग स्थापित करने के लिए सस्ती दरों पर बिजली, राज्य वित्त निगम और राष्ट्रीय बैंकों के माध्यम से आसान ऋण जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. कम दरों पर लीज पर भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है और नए उद्योगों को बिक्री या खरीद कर पर छूट भी दी जा रही है. प्रदेश के बाहर निकटतम रेलवे स्टेशन से कच्चे माल के परिवहन भाड़े पर रियायत के अलावा अन्य सीमांत लाभ भी प्रदान किए जा रहे हैं.

उद्योग विभाग करेगी विस्तृत सर्वे: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थापित 99 प्रतिशत उद्योग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी में शामिल हैं. उद्योग विभाग इन उद्योग का विस्तृत सर्वे करेगी, जिससे इनकी समस्याओं का पता लगाया जाएगा और उनका उचित निवारण होगा. एक जिला एक उत्पाद की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में यूनिटी मॉल स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग में ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्थापित किया जा रहा है जो सिंगल विंडो की जगह लेगा. यह ब्यूरो संभावित निवेशकों को एक छत के नीचे सभी स्वीकृतियां प्रदान करने की सुविधा देगा.

आओ और काम शुरू करो की मिलेगी सुविधा: उन्होंने कहा कि निवेशकों को 'आओ और काम शुरू करो' की सुविधा मिलेगी. इससे प्रदेश में निवेश भी बढ़ेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. प्रदेश सरकार एचपी टेनेंसी एंड लैंड रिफॉर्म एक्ट, 1972 की धारा -118 के संबंधी मामलों की स्वीकृतियों के विलंब पर भी ध्यान देगी. उद्योगपतियों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में बेहतर अधोसंरचना स्थापित की जाएगी. औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के संचालन को और सुदृढ़ किया जाएगा और औद्योगिक इकाइयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. वही प्रदेश सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में सामाजिक और शैक्षणिक अधोसंरचना को सुदृढ़ करने पर कार्य कर रही है ताकि उन क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों.

'राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत सरकार देगी वित्तीय मदद': मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत डेंटल क्लिनिक के लिए मशीनरी एवं उपकरण, ई-टैक्सी की खरीद, एक मेगावाट तक सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना, मत्स्य पालन परियोजना और अन्य उद्यमों के लिए वित्तीय सहायता देगी. ई-टैक्सी की खरीद पर सभी पात्र वर्गों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. राज्य सरकार विनिर्माण, पर्यटन, ऊर्जा, निर्माण, आवासीय इत्यादि क्षेत्रों में लगभग 20 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है, जिससे करीब 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 50 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है.

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