शिमला: जयराम सरकार के बीते अप्रैल माह से लेकर अब तक किए गए फैसलों को रद्द करने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनातनी बढ़ गई है. एक ओर भाजपा इस फैसले का विरोध कर रही है तो वहीं, कांग्रेस सरकार अपने फैसलों को जायज ठहरा रही है. खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के फैसले को जायज ठहराया है.
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा है कि जयराम सरकार ने बिना किसी बजट के मात्र नोटिफिकेशन ये संस्थान खोले. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की पांच विधायकों की कमेटी ने बीते दिन इस मसले को देखा है और पाया है कि जयराम सरकार ने चुनाव के चलते संस्थानों को खोलने की घोषणाएं की हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस बारे में जब अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि जयराम सरकार ने उनसे कहा कि जितने संस्थान खोलने हैं, खोलते जाओ, हमें तो चुनाव जीतना है, जीते तो तीन साल में इन घोषणाओं को पूरा करेंगे, नहीं जीते तो ये घोषणाएं कांग्रेस के सिर पड़ेंगी. (cm sukhvinder singh sukhu) (cm sukhu on jairam thakur)
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का आदर और सम्मान करते हैं और उनसे उम्मीद करते थे कि वह बजट के प्रावधान के साथ संस्थानों को खोलेगी, मगर इन संस्थानों को खोलने की सिर्फ नोटिफिकेश हुई है. ये संस्थान न तो खुले हैं और ना हीं इनके लिए कोई नई नियुक्तियां की गई हैं. इसके लिए बजट ही नहीं है, क्योंकि सरकार के पैसे ही नहीं थे. इसलिए यह देखा जाएगा कि कि जहां जरूरत है वहां उनको फिर से खोलने पर सरकार विचार करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर को बोलने का अधिकार तब था, अगर उन्होंने बजट और स्टाफ का प्रावदान करवाया होता. भाजपा कहती थी कांग्रेस सरकार ने रिटार्यड-रिटार्यड कर्मचारी लगा दिए, खुद दी एक्सटेंशन दे दी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि एक ओर भाजपा कहती थी कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने रिटार्यड और टायर्ड कर्मचारी लगा रखे हैं, मगर खुद बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों को एक्टेंशन देते रहे. कांग्रेस सरकार ने इस तरह की एक्टेंशन खत्म कर दी है.
'भर्तियों में घोटाले हुए हैं, तो क्या हम घोटालों को देखते रहें': मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जल शक्ति, पीडब्लयूडी, शिक्षा विभाग में हुई मल्टी टास्क भर्तियों और पैरा वर्करों की भर्तियों की समीक्षा करने के मामले पर कहा कि पूर्व सरकार के समय में हुई भर्तियों में घोटाले हुए हैं तो क्या हम उन घोटालों को देखते रहें. सरकार इनकी समीक्षा करेगी.
'हिमाचल सरकार कर्मचारियों को ओपीएस देकर ही रहेगी': छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकारों द्वारा एनपीएस कर्मियों के पैसे वापस देने से केंद्र सरकार के इंकार पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्र सरकार कोई भी हत्थकंडे अपना ले, हिमाचल सरकार कर्मचारियों को ओपीएस देकर ही रहेगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास में कर्मचारियों और अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व का बड़ा योगदान रहा है. ऐसे में कर्मचारियों को उनके ओपीएस का हक हर हाल में दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसकी गारंटी दी है और पहली कैबिनेट में ही इस फैसला को लागू किया जाएगा.
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