शिमला: इन्वेस्टमेंट ब्यूरो में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए ब्यूरो में दो समितियां होंगी. इसमें एक कार्यकारी समिति होगी जो इन्वेस्टमेंट ब्यूरो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तहत दैनिक आधार पर निवेश मामलों की निगरानी करेगी जबकि दूसरी समिति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित की जाएगी, जिसके माध्यम से निवेश प्रस्तावों की मंजूरी प्रदान की जाएगी. यह बात आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रस्तावित इन्वेस्टमेंट ब्यूरो को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम से हो रही देरी को कम करने के लिए प्रदेश में सरकार इन्वेस्टमेंट ब्यूरो की स्थापना कर रही है. ब्यूरो पुरानी सिंगल विंडो सिस्टम के स्थान पर कार्य करेगा और इसे निवेश प्रस्तावों को मंजूरियां प्रदान करने की शक्तियां होंगी. उन्होंने कहा कि इस इन्वेस्टमेंट ब्यूरो की स्थापना उद्योग विभाग के अंतर्गत की जाएगी और सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को इसमें शामिल किया जाएगा ताकि निवेशकों को प्रदेश में इंडस्ट्री फ्रेंडली एनवायरनमेंट प्रदान किया जा सके और उन्हें निवेश से संबंधित किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि निवेशकों की सभी समस्याओं का त्वरित समाधान हो और कार्य में विलंब के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के लिए दंडात्मक प्रावधान भी होगा. उन्होंने कहा कि ब्यूरो की स्थापना का उद्देश्य अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाना है, जिससे निवेशकों को आवेदन करने के पश्चात तुरंत अपना कार्य शुरू करने में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानून में आवश्यक संशोधन करने के अलावा इन्वेस्टमेंट ब्यूरो को सशक्त बनाएगी.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन, आईटी, सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और अन्य क्षेत्रों में निवेश की उम्मीद कर रही है. निवेश से न केवल राजस्व की वृद्धि होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होगें. उन्होंने कहा कि इन्वेस्टमेंट ब्यूरो की स्थापना से अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी आने से जहां कारोबारियों के समय की बचत होगी, वहीं व्यापार करने की प्रक्रिया भी सुव्यवस्थित होगी.
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