शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा की. उन्होंने योजना के तहत पात्र अनाथ बच्चों के फॉर्म शीघ्र भरने को कहा ताकि समय पर उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जा सके. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुंदर नगर में बनने वाले आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर के 15 दिन के भीतर टेंडर जारी करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित विभाग को उप-मंडल स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी को शीघ्र मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के फार्म उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए.
6000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को योजना के तहत फार्म भरने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने को भी कहा. योजना के लिए 6 जुलाई को मानक संचालन प्रक्रिया (एस ओ पी) अधिसूचित की गई थी. इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी का जिम्मा उपायुक्तों को जिला स्तर पर सौंपा गया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उप-मंडल स्तर पर योजना की निगरानी पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में एक कानून पारित कर लगभग 6000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है और इनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी सरकार की है.
आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर के लिए टेंडर करने के निर्देश: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला मंडी के सुंदरनगर में 50 बीघा से अधिक भूमि पर प्रस्तावित अत्याधुनिक आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर की समीक्षा भी की. उन्होंने लोक निर्माण विभाग को परियोजना के कार्य में तेजी लाने और 15 दिनों के भीतर निविदा प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए ताकि यह परिसर शीघ्र निर्मित किया जा सके और वृद्धजनों, दिव्यांग बच्चों व निराश्रित महिलाओं को आवासीय सुविधा प्राप्त हो सके.