ETV Bharat / state

CM Sukhu on Himachal Disaster: हिमाचल के सामने 'पहाड़' जैसी चुनौती, आपदा ने प्रदेश में मचाई तबाही, बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में लगेगा वक्त - हिमाचल वेदर अपडेट

सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा हिमाचल के सामने पहाड़ जैसी चुनौती है. आपदा से प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है. बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के कम से कम एक साल का वक्त लगेगा. वहीं, उन्होंने कहा नदी घरों में नहीं घुसी, घर नदी में घुसे हुए हैं. जिससे नदियों का जल प्रवाह बाधित होता है.

Etv Bharat
CM Sukhu on Himachal Disaster
author img

By

Published : Aug 16, 2023, 7:17 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 8:30 PM IST

शिमला: हिमाचल में आई आपदा को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीटीआई को इंटरव्यू दिया है. इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा इस बार मानसून ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है. बाढ़ और भारी बारिश से बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में एक साल का वक्त लगेगा, लेकिन राज्य पहाड़ जैसी इस चुनौती के लिए तैयार है.

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में सीएम सुक्खू ने कहा इस सप्ताह और जुलाई में भारी बारिश के दो विनाशकारी दौर में राज्य को लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस सप्ताह बारिश के कारण प्रदेश में भूस्खलन से कई सड़कें बाधित हुई है. वहीं कई घर गिर गए. इस हफ्ते आई प्राकृतिक आपदा में करीब 60 लोगों की मौत हो गई. वहीं, मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका है.

सीएम सुक्खू ने कहा सड़कों और जल परियोजनाओं के पुनर्निर्माण में समय लगता है, लेकिन सरकार इस प्रक्रिया में तेजी ला रही है. हमें एक साल के भीतर बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बहाल करना होगा. मैं इसी को ध्यान में रखकर काम कर रहा हूं. ये बहुत बड़ी चुनौती है, पहाड़ जैसी चुनौती है. उन्होंने कहा, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.

राज्य सरकार चार साल में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और 10 साल में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के अपने दृष्टिकोण को जारी रखेगी, लेकिन इस त्रासदी से उभरने में हमें एक साल लगेगा. सुक्खू ने कहा रविवार से हो रही लगातार बारिश से प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा पहली ऐसा हुआ है कि एक ही दिन में 50 लोगों की मौत हो गई.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य में संरचनात्मक डिजाइनिंग की कमी है. जिसकी वजह से नदी नाले किनारे बनी इमारतें जगह-जगह जल प्रवाह के प्राकृतिक मार्ग को बाधित करती हैं. संरचनाओं को डिजाइन करने पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. उन्होंने कहा नदी घरों में नहीं घुसी, घर नदी में घुस गए.

उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सड़कों के चौड़ीकरण को आपदा के लिए एक महत्वपूर्ण कारण मानने से इनकार किया. उन्होंने कहा अधिकांश भूस्खलन इन सड़कों के किनारे पर नहीं थे. सीएम ने कहा जलवायु परिवर्तन एक भूमिका निभा सकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा लाहौल-स्पीति में पहले कभी ऐसी बारिश नहीं हुई.

सीएम ने आपदा से हुए नुकसान को लेकर संकेत दिया कि अब भवनों के निर्माण के लिए नए दिशानिर्देश होंगे और उसका सख्त कार्यान्वयन होगा. उन्होंने उचित जल निकासी, उस मिट्टी का अध्ययन जिस पर इमारतों का निर्माण किया जा रहा है और फर्श की भार वहन क्षमता पर विचार जैसे मुद्दों का हवाला दिया. उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले राज्यों की मदद के लिए केंद्र सरकार के मानदंडों में बदलाव का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर के लोगों को और अधिक मदद मिलना चाहिए.

उन्होंने कहा कि एक किलोमीटर क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत के लिए केंद्र 1.5 लाख रुपये देता है, जो कि कुछ भी नहीं है. संसद में कम प्रतिनिधित्व होने के कारण हिमाचल प्रदेश को नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन राज्य को केंद्र द्वारा विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए. क्योंकि यह उत्तर भारत का फेफड़ा है. उन्होंने पर्यटकों से हिमाचल प्रदेश का दौरा जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा कि शिमला और कांगड़ा घाटी की टूटी सड़कों को बहाल किया जाएगा. मानसून के बाद पर्यटक कभी भी आ सकते हैं. उन्होंने पर्यटकों से हिमाचल में दिवाली और नया साल मनाने के लिए आने की अपील की.

(पीटीआई इनपुट)

ये भी पढ़ें: Shimla लैंडस्लाइड में दफन हुई एक परिवार की तीन पीढ़ियां, 7 में से 5 सदस्यों की लाशें मिली, दादा और पोती की तलाश जारी

शिमला: हिमाचल में आई आपदा को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीटीआई को इंटरव्यू दिया है. इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा इस बार मानसून ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है. बाढ़ और भारी बारिश से बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में एक साल का वक्त लगेगा, लेकिन राज्य पहाड़ जैसी इस चुनौती के लिए तैयार है.

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में सीएम सुक्खू ने कहा इस सप्ताह और जुलाई में भारी बारिश के दो विनाशकारी दौर में राज्य को लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस सप्ताह बारिश के कारण प्रदेश में भूस्खलन से कई सड़कें बाधित हुई है. वहीं कई घर गिर गए. इस हफ्ते आई प्राकृतिक आपदा में करीब 60 लोगों की मौत हो गई. वहीं, मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका है.

सीएम सुक्खू ने कहा सड़कों और जल परियोजनाओं के पुनर्निर्माण में समय लगता है, लेकिन सरकार इस प्रक्रिया में तेजी ला रही है. हमें एक साल के भीतर बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बहाल करना होगा. मैं इसी को ध्यान में रखकर काम कर रहा हूं. ये बहुत बड़ी चुनौती है, पहाड़ जैसी चुनौती है. उन्होंने कहा, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.

राज्य सरकार चार साल में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और 10 साल में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के अपने दृष्टिकोण को जारी रखेगी, लेकिन इस त्रासदी से उभरने में हमें एक साल लगेगा. सुक्खू ने कहा रविवार से हो रही लगातार बारिश से प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा पहली ऐसा हुआ है कि एक ही दिन में 50 लोगों की मौत हो गई.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य में संरचनात्मक डिजाइनिंग की कमी है. जिसकी वजह से नदी नाले किनारे बनी इमारतें जगह-जगह जल प्रवाह के प्राकृतिक मार्ग को बाधित करती हैं. संरचनाओं को डिजाइन करने पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. उन्होंने कहा नदी घरों में नहीं घुसी, घर नदी में घुस गए.

उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सड़कों के चौड़ीकरण को आपदा के लिए एक महत्वपूर्ण कारण मानने से इनकार किया. उन्होंने कहा अधिकांश भूस्खलन इन सड़कों के किनारे पर नहीं थे. सीएम ने कहा जलवायु परिवर्तन एक भूमिका निभा सकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा लाहौल-स्पीति में पहले कभी ऐसी बारिश नहीं हुई.

सीएम ने आपदा से हुए नुकसान को लेकर संकेत दिया कि अब भवनों के निर्माण के लिए नए दिशानिर्देश होंगे और उसका सख्त कार्यान्वयन होगा. उन्होंने उचित जल निकासी, उस मिट्टी का अध्ययन जिस पर इमारतों का निर्माण किया जा रहा है और फर्श की भार वहन क्षमता पर विचार जैसे मुद्दों का हवाला दिया. उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले राज्यों की मदद के लिए केंद्र सरकार के मानदंडों में बदलाव का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर के लोगों को और अधिक मदद मिलना चाहिए.

उन्होंने कहा कि एक किलोमीटर क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत के लिए केंद्र 1.5 लाख रुपये देता है, जो कि कुछ भी नहीं है. संसद में कम प्रतिनिधित्व होने के कारण हिमाचल प्रदेश को नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन राज्य को केंद्र द्वारा विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए. क्योंकि यह उत्तर भारत का फेफड़ा है. उन्होंने पर्यटकों से हिमाचल प्रदेश का दौरा जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा कि शिमला और कांगड़ा घाटी की टूटी सड़कों को बहाल किया जाएगा. मानसून के बाद पर्यटक कभी भी आ सकते हैं. उन्होंने पर्यटकों से हिमाचल में दिवाली और नया साल मनाने के लिए आने की अपील की.

(पीटीआई इनपुट)

ये भी पढ़ें: Shimla लैंडस्लाइड में दफन हुई एक परिवार की तीन पीढ़ियां, 7 में से 5 सदस्यों की लाशें मिली, दादा और पोती की तलाश जारी

Last Updated : Aug 16, 2023, 8:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.