शिमला: चुनाव न हारने का रिकार्ड बनाने वाले दिग्गज राजनेता महेंद्र सिंह बेशक अब पूर्व मंत्री हैं, लेकिन उनका सियासी अनुभव धर्मपुर के विकास में अभी भी काम आ रहा है. हाल ही में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू धर्मपुर के दौरे पर आए थे. वे पूर्व जलशक्ति व बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की पंचायत ध्वाली में भी आए. इस दौरान महेंद्र सिंह ने अपने समर्थकों के साथ गर्मजोशी से सीएम सुखविंदर सिंह का स्वागत किया. यही नहीं, महेंद्र सिंह ठाकुर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाली और लिखा कि उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सीएम का स्वागत किया.
इसी दौरान पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने संभवत: सिद्धपुर में बनाए बागवानी के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व डिप्टी डॉयरेक्टर ऑफिस को डी-नोटिफाई करने का मसला उठाया. सीएम को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया. नतीजा ये निकला कि जो बागवानी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व डिप्टी डॉयरेक्टर डी-नोटिफाई हो गया था, उसे फिर से नोटिफाई कर दिया गया है. महेंद्र सिंह लंबे समय से राजनीति में हैं. वे कोई चुनाव नहीं हारे हैं. उनके नाम अलग-अलग चुनाव चिन्ह पर लड़कर विधायक बनने की उपलब्धि दर्ज है. इस बार खुद चुनाव न लड़कर धर्मपुर सीट से महेंद्र सिंह अपने बेटे रजत ठाकुर को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे, परंतु वे चुनाव हार गए.
इधर, कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम बने और उधर भाजपा सरकार के समय में खुले दफ्तर धड़ाधड़ डी-नोटिफाई होने लगे. डी-नोटिफिकेशन की चपेट में महेंद्र सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट भी आ गया. मंडी जिले के सिद्धपुर में 120 करोड़ का प्रोजेक्ट लाया गया. इसके तहत बागवानी विभाग के डिप्टी डॉयरेक्टर व सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का कार्यालय बना. पिछले साल यानी वर्ष 2022 में अगस्त की 22 तारीख को जयराम ठाकुर की अगुवाई में हुई कैबिनेट मीटिंग में सिद्धपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का फैसला लिया गया था. अगस्त 2022 में ही इसका संचालन शुरू हो गया था. हिमाचल में पहली बार शिमला के बाहर बागवानी विभाग के इस तरह के कार्यालय को खोला गया था. यहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व डिप्टी डॉयरेक्टर का कार्यालय शुरू हुआ.
पूर्व सरकार ने यहां उपनिदेशक सहित 13 के करीब अधिकारी व कर्मचारी लगाए. इस भवन में पांच सौ से अधिक बागवानों को ट्रेनिंग देने की क्षमता है. बड़ी बात ये है कि भवन में बागवानों के लिए पहला प्रशिक्षण शिविर होना था, लेकिन उससे पहले ही इसे डी-नोटिफाई कर दिया गया था. फिलहाल, सुखविंदर सिंह सरकार ने हाल ही में इसे बहाल करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दी है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विभिन्न फलों की पौध तैयार कर बागवानों को वितरित करने की सुविधा है. मैदानी इलाकों के सब-ट्रॉपिकल फलों के लिए ये केंद्र मददगार साबित हो रहा था. ऐसे में सीएम सुखविंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने भी ये अनुभव किया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व डिप्टी डॉयरेक्टर कार्यालय बहाल किया जाना जरूरी है. फिलहाल ये बहाल हो गया है.
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