शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के शोघी में सेंटर फॉर साइंस लर्निंग एंड क्रिएटिविटी का उद्घाटन किया. सेंटर फॉर साइंस लर्निंग एंड क्रिएटिविटी सेंटर 11 करोड़ की लागत से बनाया गया है. यह प्रदेश का दूसरा साइंस लर्निंग सेंटर है. इससे पहले पालमपुर में साइंस लर्निंग सेंटर बनाया गया है. इस सेंटर के जरिए बच्चों को रोचक और रचनात्मक तरीके से साइंस की पढ़ाई करवाई जा रही है. इस तरह शिमला में भी केंद्र की शुरुआत की गई है. इसके अलावा यहां एक प्लेनेटोरियम भी बनाया जा रहा है, जिसका काम साल 2024 में पूरा होगा.
इस मौके पर सीएम सुक्खू ने कहा राज्य सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्त पोषित सेंटर फॉर साइंस लर्निंग एंड क्रिएटिविटी (सीएसएलसी) शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति लाने में कारगर साबित होगा. इसके साथ-साथ विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए यह वरदान साबित होगा. यह अत्याधुनिक संस्थान हिमकोस्टे और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के संयुक्त तत्वावधान में तैयार किया गया है. इसके सभी संस्थागत खंडों में 60 इंटरैक्टिव विज्ञान प्रदर्शनियां, विषयवार दीर्घाएं और सूचना विज्ञान प्रदर्शनियां हैं. सीएम ने सेंटर की आधिकारिक वेबसाइट भी जारी की.
सीएम सुक्खू ने कहा सेंटर में एक आधुनिक तारामंडल का संचालन 2024 के अंत तक पूरा हो जाएगा, जो खगोलीय शिक्षा को प्रोत्साहित करने में मददगार साहिब होगा. उन्होंने सेंटर में प्रदर्शित प्रदर्शनियों का गहराई से अवलोकन किया. उन्होंने कहा यह सेंटर प्रदेश में नवीन विचारों और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. 2014 में आधारशिला रखने के साथ शुरू हुई इस परियोजना को 2023 को मूर्तरूप मिला है.
सुखविंदर सुक्खू ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार क्रांति के जनक हैं. आज उनके प्रयासों के फलस्वरूप देश सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है. आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत का महत्त्वपूर्ण स्थान है. इस सेंटर की स्थापना से युवा मन में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होगी और वे वैज्ञानिक सिद्धांतों को अधिक प्रभावी ढंग से समझ सकेंगे. इसके अलावा, प्रदेश के विद्यार्थियों को विज्ञान के अध्ययन व अनुभव के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी.
सीएम ने कहा प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण बदलाव ला रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश का अव्वल राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है. राज्य सरकार आगामी चार वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और आगामी दस वर्षों में हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है. वहीं, इस मौके पर उन्होंने प्रश्नोतरी और चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित.